सरगुजा/अंबिकापुर: मोहब्बत कब कहां और किससे हो जाए ये न सोचा जा सकता और न ही बताया जा सकता है. कुछ ऐसा ही सरगुजा जिले के अंबिकापुर में देखा जा रहा है. प्रेम की ऐसी मिसाल जो शायद आपने पहले न देखी होगी और न ही सुनी होगी. हम बात कर रहे हैं अंबिकापुर के दर्रीपारा में रहने वाले एक ऐसे शख्स की जो अपने कुत्ते से बेइंतहा प्यार करता है. इस प्यार की दास्तान ऐसी है कि वो हर साल अपने कुत्ते का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम से मनाता है. ये जन्मदिन किसी भी इंसान के जन्मदिन से कम नहीं होता.
दर्री पारा के रहने वाले देव कुमार 6 साल पहले 2014 में छोटे से कुत्ते के बच्चे को अपने घर लाए थे. घर पर जब जेरी को लाया गया तब वो ठीक से खा भी नहीं पाता था. ऐसे में देव कुमार की पत्नी सुनीता ने उसे अपने बेटे की तरह उसे पाला और आज वह 6 साल का हो चुका है. देव कुमार का कहना है कि जेरी उनके घर पर एक सदस्य की तरह रहता है. वो और उनकी पत्नी जेरी को अपने बच्चे की तरह मानते हैं. वह उनके साथ सोता है और उन्हीं के साथ उठता भी है. शुरू से ही सुनीता और देव कुमार जेरी का जन्मदिन मनाते हैं. इसके लिए बकायदा पार्टी आयोजित की जाती है. पकवान बनाए जाते हैं और मेहमान को भी बुलाया जाता है.
लोगों को रहता है बर्थडे का इंतजार
शुरुआत में जेरी के जन्मदिन पार्टी में आसपास के लोग ही पहुंचते थे. लेकिन जैसे-जैसे अनोखी बर्थडे पार्टी की जानकारी लोगों को हुई तब से देव कुमार और सुनीता के रिश्तेदार और दोस्त भी इस खास बर्थडे पार्टी का इंतजार करते हैं. बर्थडे पार्टी पर पहुंचे लोगों का भी कहना है कि बच्चों-बुजुर्गों का जन्मदिन तो वो कई बार मनाते देखते हैं और सुनते हैं लेकिन एक जानवर का जन्मदिन उनके लिए बेहद खास है.
परिवार के सदस्य की तरह है जेरी: देव कुमार
इंसान और जानवरों का प्रेम लंबे अरसे से देखा जाता रहा है. यही प्रेम है कि एक परिवार कुत्ते को अपने परिवारिक सदस्य ही नहीं बल्कि अपने बेटे की तरह पाल रहा है. देव कुमार कहते हैं कि जेरी हमारे बेटे जैसा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि जब प्रेम हो तो जरूरी नहीं कि वह इंसान से ही हो. जानवरों से भी प्रेम किया जा सकता है. जेरी और देव कुमार के इस अनूठे प्रेम को देखकर कहा जा सकता है कि सच्चा हमदर्द कोई भी हो सकता है. फिर चाहे वो इंसान हो या जानवर.