सरगुजा: प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, मतदाता अपनी नगर सरकार चुनेंगे. नए जनप्रतिनिधि 5 साल तक शहर के लिए काम करेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजादी के पहले भी रियासत काल में अंबिकापुर शहर में पालिका की व्यवस्था शुरू कर दी गई थी.
सरगुजा रियासत के जानकार गोविंद शर्मा बताते हैं कि महारानी विजेश्वरी देवी, महाराज रामानुज शरण सिंहदेव के साथ देश की तत्कालीन राजधानी कलकत्ता (कोलकाता) गई हुई थीं, वहां धर्मतल्ला में घूमते हुए महारानी की नजर कुछ ऐसे लोगों पर पड़ी जो बांस की मोटी सींक की झाड़ू और लकड़ी की भैंस गाड़ी के सहारे सड़क का कचरा उठा रहे थे.
कोलकाता में चल रही इस परंपरा को तत्काल सरगुजा के अंबिकापुर और रामानुजगंज शहर में शुरू किए जाने के लिए महारानी ने अपने मद से पैसे दिए. लगभग 1936- 37 में अंबिकापुर में साफ सफाई की व्यवस्था चालू कर दी गई लेकिन नगर पालिका के लिए अधिकृत पदाधिकारी और प्रतिनिधियों की नियुक्ति निर्वाचन 1945 में किया गया.
सरगुजा राजपरिवार का जुबली धर्मशाला, जो उस समय पालिका संचालन के कार्य के लिए दिया गया था बाद में अंबिकापुर नगर पालिका भी उसी भवन में संचालित की गई. लेकिन अंबिकापुर के नगर निगम बनने के साथ ही नगर निगम द्वारा जुबली धर्मशाला को गिरा दिया गया और वहां एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा कर दिया गया और अब अंबिकापुर नगर निगम कार्यालय नए भवन में संचालित हो रहा है.
आजादी के पहले से अब तक इनके हाथ रही शहर की कमान-
- लाल रामानुज प्रताप सिंह: 17-1-945 से 18- 8-1945 तक
- चौधरी जवाहरलाल: 13-10-1945 से 27-6-1948 तक
- गिरजा शंकर बोहिदार: 29-10-1948 से 16-1-1949 तक
- जी.जी. बनसोड़: 2-3-1049 से 3-11-1949 तक
- एन. बी. जाधव: 29-12-1949 से 7-2-1951 तक
- जी.एस. बोहिदार: 22-3-1951 से 19-4-1951 तक
- सत्यनारायण सिंह: 30-6-1951 से 10-10-1956 तक
- सरदार हरिकिशन सिंह:17-12-1956 से 28-5-1964 तक
- गिरधारी लाल जायसवाल: 21-7-1964 से 29-3-1971 तक
- कन्नी लाल जायसवाल: 7-5-1971 से 6-11-1973 तक
- गिरधारी लाल जायसवाल: 11-7-1975 से 2-7-1977 तक
- कन्नी लाल जायसवाल: 30-8-1977 से 13-4-1979 तक
इतने लोगों ने शहर की कमान संभाली और इसके बाद 1983 में वर्तमान सरकार के मंत्री टी एस सिंहदेव अम्बिकापुर नगर पालिका के अध्यक्ष निर्वाचित हुए और फिर कमला त्रिपाठी, प्रबोध मिंज और अजय तिर्की ने नगर सरकार चलाई और अब एक बार फिर भाजपा से प्रबोध या कांग्रेस से अजय तिर्की के सिर यह ताज सज सकता है.