सरगुजा: प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य इलाके में भी हो रहा है. यहां के एक शिक्षक ने विशेष पिछड़ी जनजाति वाले गांव में शिक्षक की ऐसी अलख जगाई है कि उनके शासकीय स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा बड़े-बड़े निजी स्कूल के बच्चों को भी पीछे छोड़ने का दम रखता है. स्मार्ट एजुकेशन से बच्चों को स्मार्ट बनाने वाले शिक्षक के जज्बे को देखते हुए आज शिक्षक दिवस पर राज्यपाल उन्हें सम्मानित किया.
सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक विद्यालय के जामझरिया में पदस्थ शिक्षक अरविंद गुप्ता शिक्षकों के लिए मिसाल बन गए हैं. अरविंद गुप्ता ने जामझरिया शासकीय स्कूल को निजी स्कूल से भी हाईटेक बना दिया है. अरविंद गुप्ता ने न सिर्फ स्कूल के ढांचे को बदला है बल्कि शिक्षा के पुराने ढर्रे को इस कदर बदल दिया है कि यहां पढ़ने वाला हर बच्चा किताबी ज्ञान के साथ सामान्य ज्ञान के मामले में निजी स्कूल के बच्चों को काफी पीछे छोड़ दिया है.
मांझी जनजाति के बच्चों को देते हैं शिक्षा
8 सालों से मांझी जनजाति की बस्ती के बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने वाले शिक्षक अरविंद गुप्ता बच्चों को शासकीय संसाधनों के साथ अपने खर्च पर लैपटाप और स्मार्ट एजुकेशन किट उपलब्ध कराते हैं.
दूसरे विद्यालय के बच्चे भी यहां पढ़ना चाहते हैं
शासकीय स्कूलों का नाम सुनकर लोगों के दिमाग में तरह-तरह का इमेज बनता है, लेकिन साहसिक शिक्षक ने अपने शासकीय स्कूल की इमेज ऐसी बना दी है कि गांव का हर बच्चा और दूसरे विद्यालय के बच्चे इसी स्कूल में पढ़ना चाहते हैं.
पाठशाला को सजाने-संवारने में खर्च करते हैं अपनी सैलरी
अरविंद को अपने इस हुनर की वजह से कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. अरविंद इस अवार्ड में मिले रुपये के साथ अपनी सैलरी भी पाठशाला को सजाने-संवारने और बच्चों को हाईटेक सुविधा देने में खर्च कर देते हैं.