सरगुजा: संभाग में पक्षियों की दुर्लभ प्रजाति में शामिल गिद्धों की मौजूदगी से वन विभाग उत्साहित है. यही वजह है कि वन विभाग ने अब गिद्धों के साइंटफिक सर्वे पर काम भी शुरू कर दिया है. घनघोर वनों से आच्छादित सरगुजा में बड़ी संख्या में वन्य जीव हैं. जाहिर है कि घने वन होने के कारण यहां पक्षियों की भी तादात अधिक है. अब वन विभाग को उम्मीद है कि उनके द्वारा कराए जा रहे साइंटिफिक सर्वे के बाद गिद्धों के संवर्धन और संरक्षण के लिए भी यहां पहल हो सकेगी (extinct vulture species ).
दुर्लभ सफेद गिद्ध का जोड़ा मिला
पूरे देश मे बहुतायत में पाए जाने वाले भारतीय गिद्धों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. गिद्धों की गिरती संख्या की वजह से अब इनके संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं. क्योंकि अब गिद्ध दुर्लभ प्रजाति में शामिल है. ऐसे में सरगुजा संभाग के अलग-अलग वनमंडलों और संरक्षित क्षेत्र में गिद्धों की मौजूदगी पाई गई है. खास बात ये है कि इन गिद्धों में भारतीय गिद्धों के साथ-साथ बेहद ही दुर्लभ सफेद गिद्ध का एक जोड़ा भी देखा गया (Rare white vulture species found in Surguja ) है.
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वन विभाग कर रहा साइंटिफिक सर्वे
बहरहाल वनविभाग गिद्धों के फूड सिस्टम और उनके रहवास को लेकर साइंटिफिक सर्वे कर रहा है. जिसमे गिद्धों के रहवास और उनके खानपान की पूरी रिपोर्ट तैयार की जा सके. इस सर्वे से ना सिर्फ गिद्धों की संख्या सामने आएगी बल्कि उनके क्षेत्र का निर्धारण करने के बाद उनका संरक्षण भी किया जा सकेगा.
वनविभाग का कहना है कि गिद्धों का घोंसला बेहद ऊंचाई पर होता है साथ ही उनकी उड़ान भी काफी ऊंचाई और दूर वाली होती है. ऐसे में इसकी निगरानी के लिए हाईटेक कैमरे की मदद ली जा रही है. विभाग ने अब तक 7 से 8 भारतीय गिद्धों की पहचान कर ली है. इसके साथ ही एक जोड़े सफेद गिद्ध की पहचान भी की गई है.
बढ़ सकती है भारतीय गिद्धों की संख्या
वनविभाग का कहना है कि भारतीय गिद्ध की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. जिसकी जानकारी साइंटिफिक सर्वे के बाद ही मिल सकेगी. वाइल्ड लाइफ सीएफ डॉ. के मैचियो ने बताया कि प्रदेश में गिद्धों को लेकर पहली बार इस तरह का साइंटिफिक सर्वे कराया जा रहा है, जिसका बेहतर परिणाम सामने आएगा.