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Putu Craze In Surguja : बाजार में पहुंची चिकन मटन से महंगी सब्जी, जानिए क्यों हैं लोग दीवाने

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Published : Jul 6, 2023, 6:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

Putu Craze In Surguja अंबिकापुर के बाजारों में इन दिनों ऐसी सब्जी बिक रही है जिसके दाम सुनकर किसी का भी सिर घूम जाएगा. फिर भी इस सब्जी के लिए लोग ज्यादा कीमत चुकाने से भी नहीं पीछे हट रहे हैं. आखिर क्या है ये सब्जी और क्यों है लोग इसके लिए क्रेजी आईए जानते हैं.

Putu Craze In Surguja
बाजार में पहुंची चिकन मटन से महंगी सब्जी

चिकन और मटन से महंगी सब्जी से सजा बाजार

अंबिकापुर : आज हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताएंगे जिसकी कीमत चिकन और मटन से कहीं ज्यादा है. इस सब्जी की खास बात ये है कि ये सिर्फ बारिश में ही पाई जाती है. इसलिए इसके चाहने वाले बड़ी कीमत चुकाकर भी इसका स्वाद लेने से पीछे नहीं हटते. जो लोग सावन में मांसाहार का सेवन नहीं करते. वे इस सब्जी को वैकल्पिक तौर पर इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि ये स्वाद में बिल्कुल मांस जैसा ही लगता है.

मॉनसून की पहली दस्तक के साथ बिक्री शुरु : सरगुजा के बाजारों में छोटे आलू के आकार की एक सब्जी देखने को मिल जाएगी. दूर दराज के ग्रामीण इस सब्जी को लेकर बिक्री करते हैं. लेकिन यदि आप सोच रहे होंगे कि ये सब्जी सस्ती होगी तो आपकी सोच गलत है.क्योंकि जिस सब्जी को साधारण से दिखने वाले ग्रामीण बाजार में बेचने के लिए बैठे है उसे खरीदना हर किसी की बात नहीं है. स्थानीय भाषा में इस सब्जी को पुटू कहा जाता है. मॉनसून की पहली दस्तक के साथ ही धरती के अंदर पुटू का मिलना शुरू हो जाता है.

कितनी दूर से आती हैं महिलाएं : पुटू के रेट ग्रामीणों की कमाई का एक बड़ा जरिया है.साल में सिर्फ एक या दो महीने मिलने वाली ये सब्जी दूरदराज के ग्रामीणों को अच्छी खासी रकम दे जाती है.यही वजह है कि बाजार की तलाश में डेढ़ सौ किलोमीटर दूर से महिलाएं इसे बेचने अंबिकापुर आई हैं.जबकि ये सब्जी जंगली इलाकों में प्राकृतिक तौर पर मिलती है.


क्यों है पुटू के प्रति लोगों की दीवानगी : पुटू हाई प्रोटीन डाइट है. इसमें कार्बन, कार्ब, फास्फोरस, कैल्शियम भी कुछ मात्रा में होते हैं. लेकिन मुख्य रूप से इसमें प्रोटीन पाया जाता है. जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बहुत फायदेमंद है. बच्चों का शारीरिक विकास अच्छा होता है, महिलाओं की स्किन की प्रॉब्लम, बालों की प्रॉब्लम इसे खाने से ठीक होती हैं. पुटू किसी भी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद हैं. इसका निश्चित मात्रा में सेवन करने से बेहद गुणकारी तत्व शरीर को मिलते हैं. वहीं पुटू से कुछ नुकसान भी होते हैं.

''पुटू खाने के बाद उल्टी दस्त की शिकायत हो सकती है. गांवों में डायरिया जैसे लक्षण देखे जाते हैं. पुटू अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये हाई प्रोटीन डाइट है. इसके साथ ही बासी या पुराना पुटू नहीं खाना चाहिये. पुटू का बाहरी हिस्सा सख्त होता है वो आसानी से पचता नहीं है. इसलिए पुटू को अच्छे से नमक और गर्म पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें.'' सुमन सिंह, डाइटीशियन

एंबुलेंस में मरीज नहीं पुटू ढोते हैं कर्मचारी
छत्तीसगढ़ में गरीबी दूर करने का जरिया बनीं लघु वनोपज
सावन में सब्जियां आम आदमी की पहुंच से हो रही दूर, कीमत इतनी की घूम जाए सिर



कीमत सुनकर चकरा जाएगा सिर : अम्बिकापुर में पुटू एक सप्ताह से मिल रहा है.पुटू की पहली खेप जब बाजार में आई तो कीमत 12 सौ रुपए किलो थी.अब जैसे जैसे अन्य जगहों से पुटू की खेप आ रही है वैसे वैसे कीमत घट रही है.फिर भी ये कीमत अब घटकर 6 सौ रुपए तक पहुंची है. फिर भी ये रेट बाजार में बिकने वाले चिकन या मटन से ज्यादा है.

चिकन और मटन से महंगी सब्जी से सजा बाजार

अंबिकापुर : आज हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताएंगे जिसकी कीमत चिकन और मटन से कहीं ज्यादा है. इस सब्जी की खास बात ये है कि ये सिर्फ बारिश में ही पाई जाती है. इसलिए इसके चाहने वाले बड़ी कीमत चुकाकर भी इसका स्वाद लेने से पीछे नहीं हटते. जो लोग सावन में मांसाहार का सेवन नहीं करते. वे इस सब्जी को वैकल्पिक तौर पर इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि ये स्वाद में बिल्कुल मांस जैसा ही लगता है.

मॉनसून की पहली दस्तक के साथ बिक्री शुरु : सरगुजा के बाजारों में छोटे आलू के आकार की एक सब्जी देखने को मिल जाएगी. दूर दराज के ग्रामीण इस सब्जी को लेकर बिक्री करते हैं. लेकिन यदि आप सोच रहे होंगे कि ये सब्जी सस्ती होगी तो आपकी सोच गलत है.क्योंकि जिस सब्जी को साधारण से दिखने वाले ग्रामीण बाजार में बेचने के लिए बैठे है उसे खरीदना हर किसी की बात नहीं है. स्थानीय भाषा में इस सब्जी को पुटू कहा जाता है. मॉनसून की पहली दस्तक के साथ ही धरती के अंदर पुटू का मिलना शुरू हो जाता है.

कितनी दूर से आती हैं महिलाएं : पुटू के रेट ग्रामीणों की कमाई का एक बड़ा जरिया है.साल में सिर्फ एक या दो महीने मिलने वाली ये सब्जी दूरदराज के ग्रामीणों को अच्छी खासी रकम दे जाती है.यही वजह है कि बाजार की तलाश में डेढ़ सौ किलोमीटर दूर से महिलाएं इसे बेचने अंबिकापुर आई हैं.जबकि ये सब्जी जंगली इलाकों में प्राकृतिक तौर पर मिलती है.


क्यों है पुटू के प्रति लोगों की दीवानगी : पुटू हाई प्रोटीन डाइट है. इसमें कार्बन, कार्ब, फास्फोरस, कैल्शियम भी कुछ मात्रा में होते हैं. लेकिन मुख्य रूप से इसमें प्रोटीन पाया जाता है. जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बहुत फायदेमंद है. बच्चों का शारीरिक विकास अच्छा होता है, महिलाओं की स्किन की प्रॉब्लम, बालों की प्रॉब्लम इसे खाने से ठीक होती हैं. पुटू किसी भी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद हैं. इसका निश्चित मात्रा में सेवन करने से बेहद गुणकारी तत्व शरीर को मिलते हैं. वहीं पुटू से कुछ नुकसान भी होते हैं.

''पुटू खाने के बाद उल्टी दस्त की शिकायत हो सकती है. गांवों में डायरिया जैसे लक्षण देखे जाते हैं. पुटू अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये हाई प्रोटीन डाइट है. इसके साथ ही बासी या पुराना पुटू नहीं खाना चाहिये. पुटू का बाहरी हिस्सा सख्त होता है वो आसानी से पचता नहीं है. इसलिए पुटू को अच्छे से नमक और गर्म पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें.'' सुमन सिंह, डाइटीशियन

एंबुलेंस में मरीज नहीं पुटू ढोते हैं कर्मचारी
छत्तीसगढ़ में गरीबी दूर करने का जरिया बनीं लघु वनोपज
सावन में सब्जियां आम आदमी की पहुंच से हो रही दूर, कीमत इतनी की घूम जाए सिर



कीमत सुनकर चकरा जाएगा सिर : अम्बिकापुर में पुटू एक सप्ताह से मिल रहा है.पुटू की पहली खेप जब बाजार में आई तो कीमत 12 सौ रुपए किलो थी.अब जैसे जैसे अन्य जगहों से पुटू की खेप आ रही है वैसे वैसे कीमत घट रही है.फिर भी ये कीमत अब घटकर 6 सौ रुपए तक पहुंची है. फिर भी ये रेट बाजार में बिकने वाले चिकन या मटन से ज्यादा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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