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START UP : PSC की तैयारी-बैंक की नौकरी छोड़ दो दोस्तों ने पकड़ी "द कुल्हड़ कैफे" की राह, औरों को भी दे रहे रोजगार

कोरोना संकट के बीच दो दोस्तों ने खुद का एक अनोखा स्टार्ट अप "द कुल्हड़ कैफे" शुरू किया है. यहां वे चाय की 11 वेरावटी लोगों को परोस रहे हैं.

The Kulhad Cafe
द कुल्हड़ कैफे
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Published : Sep 6, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील युवाओं पर खासा असर कर रही है. फिर चाहें बात आत्मनिर्भर भारत की हो या फिर खुद के स्टार्टअप की, कई युवा इस संदेश से प्रेरित दिखने लगे हैं. अम्बिकापुर के 2 युवकों ने कुछ ऐसा ही किया है. इनमें से एक तो पीएससी की तैयारी कर रहे थे और दूसरे ने निजी बैंक की नौकरी छोड़ दी. और फिर सड़क किनारे चाय का टपरा लगा दिया. जब इन युवाओं ने प्लान बनाया था, तब इन्होंने सोचा भी नहीं था कि उन्हें इतना अच्छा रिस्पांस मिलेगा. लेकिन बहुत जल्द इनका यह आइडिया सफल हो गया और आज चाय पीने वालों की यहां भीड़ लगी रहती है.

द कुल्हड़ कैफे
शाम से रात तक भीड़

दरअसल अम्बिकापुर के अफरोज और अनिकेत दो दोस्तों ने मिलकर यह स्टार्टअप किया है. इसे देश भर में फैलाने का इनका प्लान है. इसकी शुरुआत एक चाय के टपरे से की गई है. लेकिन जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों और देश भर में इसकी फ्रेंचाइजी देने की भी योजना है. फिलहाल संभाग में इसके 4 अन्य नये काउंटर जल्द ही खुलने वाले हैं. इन युवाओं ने बेहद आकर्षक तरीके से चाय का बिजनेस शुरू किया है. आम तौर पर चाय तो हर जगह मिलती है, लेकिन उसे परोसने के खास तरीके ने इन्हें मशहूर कर दिया है. बेहद आकर्षक टपरा बनाकर 11 से अधिक किस्म की चाय, सूप और मैगी ये दोनों दोस्त बेच रहे हैं. आलम यह है कि दो से तीन महीने में ही इनकी दुकान में भीड़ लगने लगी है.

लगन ऐसी कि छोड़ दी बैंक की नौकरी

द कुल्हड़ कैफे नाम की यह चाय की दुकान शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक ही खुलती है. बावजूद इसके उम्मीद से कहीं अधिक रिस्पॉन्स इन युवाओं को मिल रहा है. इस संस्थान के दो मालिकों में से एक पीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो दूसरे ने बैंक की नौकरी छोड़ दी है. अब खुद के पैर में खड़े हैं और 2 अन्य लोगों को रोजगार दे रखा है. इनका एक और स्टॉल बनकर तैयार है, जिसे जल्द ही शहर के किसी दूसरे हिस्से में शुरू किया जायेगा. इसके अलावा कोरिया और सूरजपुर में भी कुछ जगह पर फ्रेंचाइजी देने की इनकी योजना जल्द फाइनल होने वाली है.

बेरोजगारों के लिए मिसाल

बहरहाल बेरोजगारी का रोना रोने वाले युवकों के लिये ये दोनो ही युवक एक मिशाल हैं, जिनसे सीखना चाहिए की सफलता आपके ऊपर है आप कैसे अपने आप को साबित करते हैं, नौकरी मिले ना मिले लेकिन इनोवेटिव आइडियाज और बदलते वक्त के साथ बिजनेस में परिवर्तन कर सफलता हासिल की जा सकती है।

सरगुजा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील युवाओं पर खासा असर कर रही है. फिर चाहें बात आत्मनिर्भर भारत की हो या फिर खुद के स्टार्टअप की, कई युवा इस संदेश से प्रेरित दिखने लगे हैं. अम्बिकापुर के 2 युवकों ने कुछ ऐसा ही किया है. इनमें से एक तो पीएससी की तैयारी कर रहे थे और दूसरे ने निजी बैंक की नौकरी छोड़ दी. और फिर सड़क किनारे चाय का टपरा लगा दिया. जब इन युवाओं ने प्लान बनाया था, तब इन्होंने सोचा भी नहीं था कि उन्हें इतना अच्छा रिस्पांस मिलेगा. लेकिन बहुत जल्द इनका यह आइडिया सफल हो गया और आज चाय पीने वालों की यहां भीड़ लगी रहती है.

द कुल्हड़ कैफे
शाम से रात तक भीड़

दरअसल अम्बिकापुर के अफरोज और अनिकेत दो दोस्तों ने मिलकर यह स्टार्टअप किया है. इसे देश भर में फैलाने का इनका प्लान है. इसकी शुरुआत एक चाय के टपरे से की गई है. लेकिन जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों और देश भर में इसकी फ्रेंचाइजी देने की भी योजना है. फिलहाल संभाग में इसके 4 अन्य नये काउंटर जल्द ही खुलने वाले हैं. इन युवाओं ने बेहद आकर्षक तरीके से चाय का बिजनेस शुरू किया है. आम तौर पर चाय तो हर जगह मिलती है, लेकिन उसे परोसने के खास तरीके ने इन्हें मशहूर कर दिया है. बेहद आकर्षक टपरा बनाकर 11 से अधिक किस्म की चाय, सूप और मैगी ये दोनों दोस्त बेच रहे हैं. आलम यह है कि दो से तीन महीने में ही इनकी दुकान में भीड़ लगने लगी है.

लगन ऐसी कि छोड़ दी बैंक की नौकरी

द कुल्हड़ कैफे नाम की यह चाय की दुकान शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक ही खुलती है. बावजूद इसके उम्मीद से कहीं अधिक रिस्पॉन्स इन युवाओं को मिल रहा है. इस संस्थान के दो मालिकों में से एक पीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो दूसरे ने बैंक की नौकरी छोड़ दी है. अब खुद के पैर में खड़े हैं और 2 अन्य लोगों को रोजगार दे रखा है. इनका एक और स्टॉल बनकर तैयार है, जिसे जल्द ही शहर के किसी दूसरे हिस्से में शुरू किया जायेगा. इसके अलावा कोरिया और सूरजपुर में भी कुछ जगह पर फ्रेंचाइजी देने की इनकी योजना जल्द फाइनल होने वाली है.

बेरोजगारों के लिए मिसाल

बहरहाल बेरोजगारी का रोना रोने वाले युवकों के लिये ये दोनो ही युवक एक मिशाल हैं, जिनसे सीखना चाहिए की सफलता आपके ऊपर है आप कैसे अपने आप को साबित करते हैं, नौकरी मिले ना मिले लेकिन इनोवेटिव आइडियाज और बदलते वक्त के साथ बिजनेस में परिवर्तन कर सफलता हासिल की जा सकती है।

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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