सरगुजा: जिले में जल, जंगल और जमीन को बचाने के आदिवासियों द्वारा शुरु किया गया आंदोलन 14 अक्टूबर से अब तक जारी है और सोमवार को आंदोलन का 22वां दिन रहा.
आदिवासी पेसा कानून के उल्लंघन से खासे नाराज हैं. और साउथ कोल खनन परियोजना को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. आदिवासी पतुरिया, गिधमूड़ी, मदनपुर साउथ कोल खनन परियोजनाओं को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.
राज्योत्सव की जगह मनाया राज्य बचाओ उत्सव
1 नवंबर यानि राज्य के स्थापना दिवस और धरने के 19वें दिन प्रदर्शनकारियों ने धरनास्थल पर जल, जंगल और जमीन की रक्षा और इसके साथ ही सरकारी उपक्रमों में निजी कंपनियों की बढ़ती भागीदारी के विरोध में राज्योत्सव की जगह राज्य बचाओ उत्सव मनाया.
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आदिवासियों को मिल रहा कई संगठनों का साथ
जैसे जैसे आदिवासियों का आंदोलन तेज होता जा रहा है वैसे वैसे इस विरोध प्रदर्शन को कई और संगठनों का समर्थन मिल रहा है. दलित आदिवासी मंच , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), छत्तीसगढ़ किसान सभा और श्रमिक संघ सीटू ने आदिवासियों के इस आंदोलन को समर्थन दिया है.