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अंबिकापुर: यूरिया के लिए सड़क पर उतरे किसान

सरगुजा जिले के साथ ही संभाग भर में यूरिया की किल्लत पिछले एक महीने से बनी हुई है. रोज-रोज समितियों के चक्कर लगाकर थक चुके किसानों का आक्रोश इतना भड़क उठा कि उन्होंने यूरिया के लिए सड़क जाम कर दिया.

protest of farmers For urea
किसानों का आंदोलन
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Published : Aug 18, 2020, 10:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अंबिकापुर: समितियों में खाद के पर्याप्त भंडारण को लेकर शासन-प्रशासन लाख दावे कर रहा है. प्रशासन का कहना है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की रेक पहुंच चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में किसानों की यह बेबसी कुछ और ही साबित कर रही है. रोज-रोज समितियों के चक्कर लगाकर थक चुके अन्नदाताओं का आक्रोश इतना भड़क उठा की उन्हें यूरिया के लिए मजबूरन आंदोलन करना पड़ा.

यूरिया के लिए सड़क पर उतरे किसान

खाद नहीं मिलने से फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित किसानों ने अंबिकापुर शहर के रिंग रोड के पास खरसिया चौक पर चक्का जाम कर दिया. आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद मौके पर प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे थे और उन्होंने किसानों को समझाइश देकर मामला शांत कराया.

दरअसल, सरगुजा जिले के साथ ही संभाग भर में यूरिया की किल्लत विगत एक महीने से बनी हुई है. किसानों के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि रोपा लगाने के बाद किसानों को तत्काल यूरिया की जरुरत पड़ती है. यूरिया नहीं मिलने से फसलों को भारी नुकसान पहुंच सकता है. चूंकि यह किसान अपनी जमा पूंजी और कर्ज के सहारे खेती कर रहे हैं. ऐसे में यह नुकसान उन्हें भारी पड़ सकता है.

किसान प्रतिदिन यूरिया के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं और दिन-दिन भर यूरिया के लिए कतार लगाकर समितियों के बाहर खड़े रहते हैं. दिनभर खड़े रहने के बाद भी किसानों को महज एक या दो बोरी यूरिया ही मिल पाती है. जबकि सैड़कों किसानों को दिन भर कतार में लगने के बाद भी यूरिया नसीब नहीं हो रहा है. मंगलवार को भी किसानों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ.

पढ़ें-कमल विहार प्रोजेक्ट: न सड़क, न बिजली न पानी और निवेश 900 करोड़ रुपये

आंदोलन से यातायात रहा बाधित

सोमवार को सरगुजा में यूरिया की रेक पहुंचने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद आज सरगुजा जिले के आस पास के गांव से सैकड़ों की संख्या में किसान यूरिया लेने के लिए खरसिया रोड स्थिति यूरिया वितरण केंद्र पहुंचे थे, इस दौरान किसानों को लम्बे इतंजार के बाद भी खाद नहीं मिल रहा था और न ही उन्हें खाद मिलने की कोई उम्मीद थी. ऐसे में किसानों का आक्रोश भड़क उठा और उन्होंने रिंग रोड में भारत माता चौक से लेकर बिलासपुर रोड तक चक्का जाम कर दिया. किसानों के आंदोलन से मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया.

प्रशासन के दावे फेल

छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा दौरे के दौरान समस्या को लेकर कहा था कि 'अब तक जो यूरिया की कमी थी वो रेक नहीं आने की वजह से थी, लेकिन अब रेक आ चुके है और समितियों में यूरिया का भण्डारण किया जा चुका है. कलेक्टर ने भी सभी समिति में यूरिया का वितरण नियमित रूप से करने के निर्देश जारी कर दिए है और अब किसी किसानों को यूरिया के लिए दिक्कत नहीं होगी'. लेकिन शासन प्रशासन के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

पढ़ें-कोरिया: जनकपुर को नगर पंचायत बनाने की मांग, पूर्व CM अजीत जोगी ने की थी घोषणा

प्रशासन की समझाइश के बाद शांत हुए किसान

किसानों के आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम अजय त्रिपाठी के साथ ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी. एसडीएम अजय त्रिपाठी के अनुसार वितरण केंद्र में यूरिया का पर्याप्त भण्डारण है और किसानों की भीड़ लगाने के कारण वितरण में दिक्क्त हुई. किसान नियमों का पालन करें तो नियमित रूप से खाद का वितरण किया जा सकता है.

अंबिकापुर: समितियों में खाद के पर्याप्त भंडारण को लेकर शासन-प्रशासन लाख दावे कर रहा है. प्रशासन का कहना है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की रेक पहुंच चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में किसानों की यह बेबसी कुछ और ही साबित कर रही है. रोज-रोज समितियों के चक्कर लगाकर थक चुके अन्नदाताओं का आक्रोश इतना भड़क उठा की उन्हें यूरिया के लिए मजबूरन आंदोलन करना पड़ा.

यूरिया के लिए सड़क पर उतरे किसान

खाद नहीं मिलने से फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित किसानों ने अंबिकापुर शहर के रिंग रोड के पास खरसिया चौक पर चक्का जाम कर दिया. आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद मौके पर प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे थे और उन्होंने किसानों को समझाइश देकर मामला शांत कराया.

दरअसल, सरगुजा जिले के साथ ही संभाग भर में यूरिया की किल्लत विगत एक महीने से बनी हुई है. किसानों के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि रोपा लगाने के बाद किसानों को तत्काल यूरिया की जरुरत पड़ती है. यूरिया नहीं मिलने से फसलों को भारी नुकसान पहुंच सकता है. चूंकि यह किसान अपनी जमा पूंजी और कर्ज के सहारे खेती कर रहे हैं. ऐसे में यह नुकसान उन्हें भारी पड़ सकता है.

किसान प्रतिदिन यूरिया के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं और दिन-दिन भर यूरिया के लिए कतार लगाकर समितियों के बाहर खड़े रहते हैं. दिनभर खड़े रहने के बाद भी किसानों को महज एक या दो बोरी यूरिया ही मिल पाती है. जबकि सैड़कों किसानों को दिन भर कतार में लगने के बाद भी यूरिया नसीब नहीं हो रहा है. मंगलवार को भी किसानों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ.

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आंदोलन से यातायात रहा बाधित

सोमवार को सरगुजा में यूरिया की रेक पहुंचने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद आज सरगुजा जिले के आस पास के गांव से सैकड़ों की संख्या में किसान यूरिया लेने के लिए खरसिया रोड स्थिति यूरिया वितरण केंद्र पहुंचे थे, इस दौरान किसानों को लम्बे इतंजार के बाद भी खाद नहीं मिल रहा था और न ही उन्हें खाद मिलने की कोई उम्मीद थी. ऐसे में किसानों का आक्रोश भड़क उठा और उन्होंने रिंग रोड में भारत माता चौक से लेकर बिलासपुर रोड तक चक्का जाम कर दिया. किसानों के आंदोलन से मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया.

प्रशासन के दावे फेल

छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा दौरे के दौरान समस्या को लेकर कहा था कि 'अब तक जो यूरिया की कमी थी वो रेक नहीं आने की वजह से थी, लेकिन अब रेक आ चुके है और समितियों में यूरिया का भण्डारण किया जा चुका है. कलेक्टर ने भी सभी समिति में यूरिया का वितरण नियमित रूप से करने के निर्देश जारी कर दिए है और अब किसी किसानों को यूरिया के लिए दिक्कत नहीं होगी'. लेकिन शासन प्रशासन के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

पढ़ें-कोरिया: जनकपुर को नगर पंचायत बनाने की मांग, पूर्व CM अजीत जोगी ने की थी घोषणा

प्रशासन की समझाइश के बाद शांत हुए किसान

किसानों के आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम अजय त्रिपाठी के साथ ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी. एसडीएम अजय त्रिपाठी के अनुसार वितरण केंद्र में यूरिया का पर्याप्त भण्डारण है और किसानों की भीड़ लगाने के कारण वितरण में दिक्क्त हुई. किसान नियमों का पालन करें तो नियमित रूप से खाद का वितरण किया जा सकता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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