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Special : कैदियों को समाज की चिंता, जेल में 13 हजार से ज्यादा  मास्क तैयार - अंबिकापुर के कैदी तैयार किया मॉस्क

अंबिकापुर के सेंट्रल जेल में कैदी दिन-रात मास्क तैयार कर रहे हैं. ऐसे वक्त जब देश कोरोना जैसी भारी महामारी से जूझ रहा है. जेल में सजा काट रहे ये कैदी मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.

More than 13 thousand masks ready in jail
जेल में 13 हजार से ज्यादा मॉस्क तैयार
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Published : Apr 17, 2020, 9:48 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: देश में कोरोना संक्रमण को रोकने और इसके बचाव के लिए लोग अपनी-अपनी ओर से पहल कर रहे हैं. इस संकट की घड़ी में सजा काट रहे बंदियों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं. अंबिकापुर के सेंट्रल जेल में कैदी दिन-रात मास्क तैयार कर रहे हैं, ताकि बाजारों में मास्क की कमी को पूरा कर सकें.

सामाजिक दुनिया से दूर मास्क की सिलाई कर रहे ये कैदी अपने काम के जरिए लोगों की सेवा कर खुशी महसूस कर रहे हैं. इनका कहना है कि हम इस कठिन परिस्थिति में अपना योगदान देना चाहते थे.

जेल में 13 हजार से ज्यादा मॉस्क तैयार

जेल अधीक्षक की पहल से यह संभव हो सका है. ऐसे वक्त जब देश कोरोना जैसी भारी महामारी से जूझ रहा है. जेल में सजा काट रहे ये कैदी मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.

कोई पीछे नहीं

महिला और पुरुष दोनों ही वार्ड के कैदी लगातार मास्क तैयार कर रहे हैं. इन मास्कों को बाजारों में बेहद कम दाम में उपलब्ध कराया जा रहा है. अबतक कैदियों ने करीब 13 हजार मास्क तैयार किए हैं. इन मास्क को महज 5 से साढ़े 5 रुपए में मार्केट में सप्लाई किया गया है. जेल के बंदियों के साथ अधिकारी, कर्मचारी भी इसी मास्क का उपयोग कर रहे हैं.

मास्क की डिमांड बढ़ी

जेल में बने मास्क हजारों कैदी उपयोग कर रहे हैं. जेल के कर्मचारी भी बंदियों के बनाए मास्क का ही उपयोग कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी मांग देखी जा रही है. रजपुरी पंचायत ने 15 सौ और लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम दोरना ने 1 हजार जेल में बने मास्क खरीदे हैं. अच्छी क्वॉलिटी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने 5 हजार मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है.

सरगुजा: देश में कोरोना संक्रमण को रोकने और इसके बचाव के लिए लोग अपनी-अपनी ओर से पहल कर रहे हैं. इस संकट की घड़ी में सजा काट रहे बंदियों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं. अंबिकापुर के सेंट्रल जेल में कैदी दिन-रात मास्क तैयार कर रहे हैं, ताकि बाजारों में मास्क की कमी को पूरा कर सकें.

सामाजिक दुनिया से दूर मास्क की सिलाई कर रहे ये कैदी अपने काम के जरिए लोगों की सेवा कर खुशी महसूस कर रहे हैं. इनका कहना है कि हम इस कठिन परिस्थिति में अपना योगदान देना चाहते थे.

जेल में 13 हजार से ज्यादा मॉस्क तैयार

जेल अधीक्षक की पहल से यह संभव हो सका है. ऐसे वक्त जब देश कोरोना जैसी भारी महामारी से जूझ रहा है. जेल में सजा काट रहे ये कैदी मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.

कोई पीछे नहीं

महिला और पुरुष दोनों ही वार्ड के कैदी लगातार मास्क तैयार कर रहे हैं. इन मास्कों को बाजारों में बेहद कम दाम में उपलब्ध कराया जा रहा है. अबतक कैदियों ने करीब 13 हजार मास्क तैयार किए हैं. इन मास्क को महज 5 से साढ़े 5 रुपए में मार्केट में सप्लाई किया गया है. जेल के बंदियों के साथ अधिकारी, कर्मचारी भी इसी मास्क का उपयोग कर रहे हैं.

मास्क की डिमांड बढ़ी

जेल में बने मास्क हजारों कैदी उपयोग कर रहे हैं. जेल के कर्मचारी भी बंदियों के बनाए मास्क का ही उपयोग कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी मांग देखी जा रही है. रजपुरी पंचायत ने 15 सौ और लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम दोरना ने 1 हजार जेल में बने मास्क खरीदे हैं. अच्छी क्वॉलिटी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने 5 हजार मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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