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सरगुजा: बैंक की हड़ताल से लोगों को हो रही परेशानी - निजीकरण का विरोध

बैंकों के निजीकरण के विरोध में 15 और 16 तारीख को बैंक बंद रहेंगे. लेकिन कुछ लोग इस जानकारी के आभाव में बैंक पहुंच रहे हैं. जिन्हें वहां से निराश होकर लौटना पड़ रहा है.

strike of banks
बैंकोंं की हड़ताल
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Published : Mar 15, 2021, 6:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में सोमवार से बैंक कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. देशभर में बैंक दो दिनों के लिए बंद हैं. लगातार अवकाश के बाद 15 और 16 दो दिन बैंक और बंद रहने वाले हैं. लिहाजा इससे उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ गई है. बैंक बंद होने से उन्हें अब परेशान होना पड़ रहा है. अब लोग एटीएम मशीन के सहारे ही ट्रांजेक्शन कर पा रहे हैं.

बैंकोंं की हड़ताल

अंबिकापुर में स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा सबसे ज्यादा भीड़ वाला ब्रांच है. लेकिन आज इस बैंक में आने वाली भीड़ निराश होकर वापस लौट रही है. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें बैंक की हड़ताल की जानकारी नहीं थी. लिहाजा वो शहर से दूर, गांव से भी बैंक पहुंच गए और बैंक आने पर उन्हें पता चला की बैंक बंद है. जिसके बाद उन्हें निराश घर वापस लौटना पड़ा. कुछ लोग ATM मशीन के सहारे पैसे डिपॉजिट कर रहे हैं. जिसमें पुराने नोट एक्सेप्ट नहीं करने की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है.

रायपुरः निजीकरण के विरोध में बैंकों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल

बैंक मैनेजर दे रहे जानकारी

बैंक की इस हड़ताल से जन जीवन खासा प्रभावित हुआ है. लोगों की आम दिनचर्या पर इस हड़ताल का सीधा असर देखा जा रहा है. अंबिकापुर की इस ब्रांच में खास बात ये रही कि बैंक मैनेजर खुद बैंक के बाहर खड़े रहे और लोगों को जानकारी देते रहे की बैंक दो दिन बाद खुलेंगे.

निजीकरण का विरोध

बैंक मैनेजर राजू तिर्की ने बताया कि निजीकरण होने के बाद उपभोक्ताओं को देने वाली सुविधाएं वो नहीं दे पाएंगे. निजी क्षेत्र अपने हिसाब से काम कराएंगे. जिसका सीधा नुकसान बैंक कर्मचारी और देश की जनता को भुगतना पड़ेगा. लिहाजा निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है.

सरगुजा: बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में सोमवार से बैंक कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. देशभर में बैंक दो दिनों के लिए बंद हैं. लगातार अवकाश के बाद 15 और 16 दो दिन बैंक और बंद रहने वाले हैं. लिहाजा इससे उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ गई है. बैंक बंद होने से उन्हें अब परेशान होना पड़ रहा है. अब लोग एटीएम मशीन के सहारे ही ट्रांजेक्शन कर पा रहे हैं.

बैंकोंं की हड़ताल

अंबिकापुर में स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा सबसे ज्यादा भीड़ वाला ब्रांच है. लेकिन आज इस बैंक में आने वाली भीड़ निराश होकर वापस लौट रही है. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें बैंक की हड़ताल की जानकारी नहीं थी. लिहाजा वो शहर से दूर, गांव से भी बैंक पहुंच गए और बैंक आने पर उन्हें पता चला की बैंक बंद है. जिसके बाद उन्हें निराश घर वापस लौटना पड़ा. कुछ लोग ATM मशीन के सहारे पैसे डिपॉजिट कर रहे हैं. जिसमें पुराने नोट एक्सेप्ट नहीं करने की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है.

रायपुरः निजीकरण के विरोध में बैंकों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल

बैंक मैनेजर दे रहे जानकारी

बैंक की इस हड़ताल से जन जीवन खासा प्रभावित हुआ है. लोगों की आम दिनचर्या पर इस हड़ताल का सीधा असर देखा जा रहा है. अंबिकापुर की इस ब्रांच में खास बात ये रही कि बैंक मैनेजर खुद बैंक के बाहर खड़े रहे और लोगों को जानकारी देते रहे की बैंक दो दिन बाद खुलेंगे.

निजीकरण का विरोध

बैंक मैनेजर राजू तिर्की ने बताया कि निजीकरण होने के बाद उपभोक्ताओं को देने वाली सुविधाएं वो नहीं दे पाएंगे. निजी क्षेत्र अपने हिसाब से काम कराएंगे. जिसका सीधा नुकसान बैंक कर्मचारी और देश की जनता को भुगतना पड़ेगा. लिहाजा निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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