ETV Bharat / state

बिल्डिंग होने के बावजूद किराए के मकान में चल रहा वाणिज्य कर विभाग का कार्यालय - 14 महीने पहले वाणिज्यक कर कार्यालय का निर्माण पूरा

75.45 लाख की लागत से बने वाणिज्यक कर कार्यालय भवन के बाद भी अधिकारी किराये के मकान में कार्यालय संचालित कर रही है. इसे लेकर लोक निर्माण विभाग ने वाणिज्यक कर कार्यालय को पत्र भी लिखा है.

किराये के मकान में संचालित कार्यालय
author img

By

Published : Nov 20, 2019, 2:28 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर/सरगुजा: जिले में लोक निर्माण विभाग को वाणिज्य कर कार्यालय के लिए शासन से 1 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने सितंबर 2018 में ही डेढ़ एकड़ जमीन पर नया कार्यालय भवन बनाकर तैयार कर दिया था.

किराये के मकान में संचालित कार्यालय

लोक निर्माण विभाग की ओर से 14 महीने पहले वाणिज्य कर कार्यालय का निर्माण पूरा करने के बाद भी कार्यालय किराए के मकान में संचालित हो रहा है. लोक निर्माण विभाग ने वाणिज्य कर विभाग को 4 बार पत्र लिखकर भवन को अपने सुपुर्द लेने को कहा गया. लेकिन विभाग के अधिकारियों ने नया भवन लेने में अब तक कोई रुचि नहीं दिखाई है.

पढे़:राज्य स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक, मंत्री ने ली अफसरों की क्लास

किराये के मकान में संचालित कार्यालय

वाणिज्य कर कार्यालय निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये का राशि स्वीकृत की गई थी. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 87.34 लाख रुपये जारी कर दिए. जिसके तहत निविदा दर के साथ 75.45 लाख की लागत से भवन का निर्माण कराया गया. 21 मई 2017 को भवन का लेआउट दिया गया था, जिसके बाद 15 सितंबर 2018 को भवन का निर्माण पूरा कर दिया गया. अब भवन निर्माण के 14 महीने बाद भी वाणिज्यिक कर कार्यालय किराये के मकान में संचालित हो रहा है.

अंबिकापुर/सरगुजा: जिले में लोक निर्माण विभाग को वाणिज्य कर कार्यालय के लिए शासन से 1 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने सितंबर 2018 में ही डेढ़ एकड़ जमीन पर नया कार्यालय भवन बनाकर तैयार कर दिया था.

किराये के मकान में संचालित कार्यालय

लोक निर्माण विभाग की ओर से 14 महीने पहले वाणिज्य कर कार्यालय का निर्माण पूरा करने के बाद भी कार्यालय किराए के मकान में संचालित हो रहा है. लोक निर्माण विभाग ने वाणिज्य कर विभाग को 4 बार पत्र लिखकर भवन को अपने सुपुर्द लेने को कहा गया. लेकिन विभाग के अधिकारियों ने नया भवन लेने में अब तक कोई रुचि नहीं दिखाई है.

पढे़:राज्य स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक, मंत्री ने ली अफसरों की क्लास

किराये के मकान में संचालित कार्यालय

वाणिज्य कर कार्यालय निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये का राशि स्वीकृत की गई थी. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 87.34 लाख रुपये जारी कर दिए. जिसके तहत निविदा दर के साथ 75.45 लाख की लागत से भवन का निर्माण कराया गया. 21 मई 2017 को भवन का लेआउट दिया गया था, जिसके बाद 15 सितंबर 2018 को भवन का निर्माण पूरा कर दिया गया. अब भवन निर्माण के 14 महीने बाद भी वाणिज्यिक कर कार्यालय किराये के मकान में संचालित हो रहा है.

Intro:सरगुज़ा : जिले में वाणिज्यकर कार्यलय के लिए शासन से लोकनिर्माण विभाग को 1 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने डेढ़ एकड़ जमीन सहित, नया कार्यालय भवन सितंबर 2018 में बनाकर तैयार कर दिया मतलब पूरे 14 महीने पहले ही यह कार्यलय पूर्ण हो चुका था, लेकिन अम्बिकापुर का वाणिज्यिकर कार्यालय अब भी किराये के मकान मे संचालित हो रहा है। लोकनिर्माण विभाग ने वाणिज्यकर विभाग को 4 बार पत्र लिखकर भवन अपने सुपुर्द लेने को कहा गया है, लेकिन वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों ने नया भवन लेने में अब तक कोई रुचि नही दिखाई है।

1 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद लोकनिर्माण विभाग द्वारा 87.34 लाख पीएसी में 13.61 प्रतिशत विलो की दर से टेंडर दिया गया और निविदा दर सहित 75.45 लाख की लागत से इस भवन का निर्माण कराया गया। 21 मई 2017 को वाणिज्यकर भवन का ले आउट दिया गया और 15 सितंबर 2018 को ठेकेदार ने भवन निर्माण पूरा कर दिया।

लेकिन अब 14 महीने बीत जाने के बाद भी वाणिज्यकर कार्यालय किराये के मकान में ही संचालित है, खुद का नया भवन बनकर तैयार है, लेकिन कार्यालय यहां शिफ्ट नही किया गया है, जिससे लोकनिर्माण विभाग 14 महीने से बेवजह एक चौकीदार रखकर भवन की रखवाली का खर्च वहन कर रहा है तो वहीं खुद का कार्यालय होने के बाद भी किराये के भवन में किराया देकर शासन के राजस्व की क्षति की जा रही है।


Body:बाईट01_बी.पी. अग्रवाल (ईई लोक निर्माण विभाग)

देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.