सरगुजा : दरिमा एयरपोर्ट से घरेलू उड़ान का सपना फिलहाल पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. लेकिन यह हवाई अड्डा राजनीतिक दलों का सियासी अड्डा जरूर बन चुका है. बीजेपी जहां इसके लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार और जिला प्रशासन को दोषी बता रही है, वहीं कांग्रेस के मंत्री इस नाकामी का ठीकरा DGCA पर फोड़ रहे हैं.
मंत्री सिंहदेव का कहना है कि 'DGCA बार-बार विमान सेवा शुरू करने को लेकर कमी बताती है. और DGCA राज्य सरकार के नहीं बल्की केंद्र सरकार के अधीन है'. फिलहाल 19 सीटर की उड़ान सेवा भी दरिमा से शुरू होती नहीं दिख रही है.
2017 में प्रयासो में आई थी तेजी
सरगुजा से घरेलू उड़ान शुरू करने की दिशा में पिछले कई साल से प्रयास किया जा रहा है और मार्च 2017 में उस समय इन प्रयासों में तेजी आई थी, जब भारत सरकार के उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू उड़ान शुरू करने की योजना को मंजूरी दी थी. केंद्र से मिली मंजूरी के बाद 22 करोड़ रुपए की लागत से 160 हेक्टेयर भूमि पर PWD से निर्माण कराया जा रहा है.
'दूर की जाएंगी कमियां'
मंत्री का कहना है कि '72 सीटर प्लेन का प्रस्ताव आने के बाद अब प्रबंधन को नए सिरे से निर्माण कराना होगा जिसमें टर्मिनल और रनवे का उन्नयन भी किया जाना है. इसके साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से गिनाई गई कमियों को भी दूर किया जाना है'. हैरान करने वाली बात है कि निर्माण कार्यों के लिए अब तक शासन से कोई राशि नहीं मिल पाई है.
प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है
19 सीटर प्लेन के बाद अब 72 सीटर प्लेन से हवाई सेवा शुरू करने की योजना बनाई गई है. वर्तमान में 1500 मीटर का रनवे बनाया गया है. लेकिन भविष्य में बड़े प्लेन के लिए रनवे की लंबाई बढ़ाने की जरुरत होगी. DGCA के निर्देश पर PWD ने रनवे की लंबाई 2100 मीटर करने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. रनवे की लंबाई बढ़ने के साथ पेरिमीटर वॉल का भी नए सिरे से निर्माण करना होगा. वहीं इसके लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की भी जरूरत होगी, जिसके लिए सबसे पहले शासन से नए निर्माण कार्यों को स्वीकृति मिलना जरुरी है.