सरगुजा : अम्बिकापुर से राजधानी रायपुर को जोड़ने वाली एनएच 130. इस सड़क से वीआईपी और मंत्री गुजरते हैं. सड़क का निर्माण लगभग पूर्णता की ओर है. लेकिन प्रभावितों को मुआवजा राशि के लिए अभी और इन्तजार करना पड़ेगा. पहले राशि नहीं होने के कारण मुआवजा का वितरण नहीं हो पाया और अब जब केंद्र से मुआवजा की राशि आ गई तो इसका भुगतान शुरू नहीं हो सका है.
NH 130 प्रभावितों को अब भी मुआवजे का इंतजार क्यों हो रही है भुगतान में देरी : राशि पहुंचने के बाद भी भुगतान में लेट लतीफी को लेकर अधिकारियों का कहना है कि "' मुआवजा वितरण के लिए बनाए गए भूमि राशि पोर्टल में आई तकनीकी खामियों समेत दूसरे कारणों से भुगतान करना संभव नहीं है. शासन स्तर पर इस मामले में बात की जा रही है. पोर्टल में बंद हो चुके रास्तों को फिर से खोलने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इन सब प्रक्रियाओं के बीच वर्षों से मुआवजा मिलने की आस लगाए बैठे प्रभावितों का आस टूट रही है.
कितने साल से मुआवजे का इंतजार : इस सड़क का निर्माण 223.89 करोड़ की लागत से वर्ष 2017 में शुरू किया गया था. सड़क निर्माण के दौरान अंबिकापुर, लखनपुर और उदयपुर तहसील के कई गांवों के किसानों और ग्रामीणों के खेत एवं निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया था. सड़क निर्माण के कारण किसानों को अपनी खेती छोड़नी पड़ी. तो किसी का घर चला गया. लगभग 6 वर्षों में सड़क का निर्माण तो अधूरा है ही इसके साथ ही सड़क निर्माण के कारण अपनी जमीन गवाने वालों को अब तक मुआवजा का वितरण भी नहीं हो पाया है.
कितने मुआवजे का हुआ भुगतान : एनएच 130 के निर्माण में मुआवजा वितरण के लिए कुल 79 करोड़ रुपए की जरूरत थी. मुआवजा वितरण करने के लिए पूर्व में 47 करोड़ 27 लाख 87 हजार 621 रुपए की मांग की गई थी. इसमें से 15 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हो गई और राशि आते ही उसका अंतरण किसानों के खातों में हो गया. लेकिन उसके बाद शेष 33 करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं हुई थी. इस बीच प्रशासन द्वारा पूर्व के 47 करोड़ के प्रस्ताव के साथ लखनपुर विकासखंड के प्रभावित 10 गांव के 309 प्रभावितों के लिए 30 करोड़ रुपए अतिरिक्त जोड़कर कुल 79 करोड़ रुपए की मांग की थी. 79 करोड़ रुपए में से 15 करोड़ रुपए की राशि पहले ही आ गई थी जबकि बचे हुये 64 करोड़ रुपए की राशि एक बार फिर से दी गई है.
क्या है सॉफ्टवेयर में खामी : पूर्व में 7 करोड़ रुपए के भुगतान के लिये लोगों के डिजिटल सिग्नेचर तक की प्रक्रिया को पूरा कर रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया गया था. लेकिन पैसा नहीं होने के कारण क्षेत्रीय कार्यालय से ही 7 करोड़ के इनवाइस को रिजेक्ट कर दिया गया था. अब राशि आने के बाद जब दोबारा उनकी एंट्री के लिए पोर्टल खोला जा रहा है तो उसमें कोई ऑप्शन ही शो नहीं कर रहा है.
पुराना पोर्टल हुआ बंद : पहले पूरी जानकरी भूमि राशि पोर्टल (Bhoomi Rashi Portal) में दर्ज होती थी. डिजिटल सिग्नेचर पीएसएमएस में किया जाता था. लेकिन वर्तमान में डिजिटल सिग्नेचर भी भूमि राशि पोर्टल में किए जाने का प्रावधान कर दिया गया है और पीएसएमएस को बंद कर दिया गया है. इसलिए 80 लोगों के खातों की जानकारी भी पीएसएमएस और भूमि राशि पोर्टल के चक्कर में अटक गई है. जिन खातों का पूर्व में वेरिफिकेशन हो गया था वे भी अब लॉक हो गए है. नए नियम के तहत अब एक बार में एक ही क्षेत्र का मुआवजा वितरण किया जा सकता है जबकि वर्तमान में एनएच 130 और बाईपास का मुआवजा भुगतान किया जाना है.
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इस संबंध में एसडीएम प्रदीप साहू ने बताया " एनएच की मुआवजा की राशि प्राप्त हो गई है लेकिन पोर्टल में कुछ तकनिकी खामियां आ गई हैं. वर्तमान में ट्रायल के तौर पर कुछ नए लोगों के प्रकरण को अपलोड कर मुआवजा देने का प्रयास किया जा रहा है. यदि उनके मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो शेष प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. पेंडिंग प्रकरण के लिए भी प्रयास किया जा रहा है"Sarguja latest news