सरगुजाः साल 2021 में सरगुजा के लोगों ने कई मुश्किलों का सामना किया. लोगों को कोरोना का लॉक डाउन देखने को मिला. कोरोना के साथ बर्ड फ्लू, हाथियों में हार्पिस वायरस का कहर देखने को मिला. इसके साथ ही इस साल सरगुजा में बड़ी आपराधिक वारदात से लोगों में हड़कंप रहा. घटनाओं ने यहां के लोगों को झंकझोर कर रख दिया. पुलिस विभाग के लिए यह साल बुरा साबित हुआ. लोग खाकी वर्दी पर हमला करने पर उतारू हो गए. ETV भारत वर्ष 2021 की ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को सामने रख रहा है, जिसने लोगों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है.
- चार जनवरी को जिले के निर्माणाधीन एनएच 130 पर कुंवरपुर जलाशय के समीप मजदूरों से भरी बस खराब सड़क के कारण पलट गई. इस बस में जांजगीर-चांपा के 60-70 मजदूर सवार थे. वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ईंट-भट्ठा में काम करने जा रहे थे. इस हादसे में जांजगीर चांपा के आमापाली निवासी 21 वर्षीया रुकमणी पटेल पति रवि पटेल की मौत हो गई थी. दुखदाई यह था कि महिला गर्भवती थी और दुनिया में आने से पहले ही उसके बच्चे ने भी कोख में दम तोड़ दिया.
- पांच जनवरी को आग में झुलसकर मासूम बच्ची की मौत हो गई थी. घटना लुंड्रा विकासखंड के ग्राम जरहाडीह डेढोली की है. यहां के रहने वाला रतिराम कोरवा पत्नी और तीन वर्षीय बच्ची विनीता के साथ घांस-फूस का झाला बनाकर रहता था. चार जनवरी की रात खाना खाने के बाद परिवार झाला में सो गया था लेकिन आधी रात चूल्हे की चिंगारी उनके झाला तक पहुंची और वे आग की चपेट में आ गए. इस दौरान पति-पत्नी तो किसी तरह बच गए लेकिन बच्ची की जलकर मौत हो गई. अज्ञानता के कारण बेबस माता पिता ने बच्ची को बालू में दफन कर दिया था लेकिन जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने कब्र खोदकर बच्ची की लाश को बाहर निकाला और पीएम उपरान्त पुनः अंतिम संस्कार कराया गया.
- सात जनवरी को मैनपाट के पथरई में आयोजित प्रार्थना सभा में जाने के दौरान टायर फटने से स्कार्पियों वाहन पलट गई थी. इस हादसे में मसीही समाज के चालक राजाराम खलखो व पत्नी प्रमिला की मौके पर मौत हो गई थी. इस घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया था.
- कोरोना काल शुरू होने से पहले मैनपाट में आयोजित महोत्सव के दौरान आम नागरिक प्रशासनिक अव्यवथा के शिकार हुए. सुबह सीएम कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था रात तक जारी रही व खेसारी लाल के कार्यक्रम में ऐसी भगदड़ मची कि पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा. इस लाठीचार्ज में कई महिलाएं घायल हुईं. ऐसा पहली बार हुआ जब मैनपाट कार्निवाल पर आयोजन के इतिहास में कार्यक्रम के दौरान लोगों को डंडे खाने पड़े हों लेकिन समापन में कैलाशखेर ने ऐसा शमा बांधा की लोग सबकुछ भूल गए.
- सरगुजा में पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान चलाया व गांजा, ब्राउन शुगर तथा नशीली दवाओं के खिलाफ कार्रवाई की. नवा बिहान के तहत पुलिस ने सर्वाधिक 1.10 करोड़ का ब्राउन शुगर व हेरोईन बरामद करने के साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके साथ ही नशीली दवाओं के खिलाफ ऑपरेशन ऑल क्लियर चलाकर एक साथ सभी सप्लायरों को गिरफ्तार किया. नशे की दलदल में फंसे युवकों को बाहर निकालने उनकी कॉउंसलिंग की जा रही है.
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- यह साल सरगुजा पुलिस विभाग के लिए चुनौतियों से भरा रहा. इस वर्ष खाकी पर जैसे हमले का सिलसिला सा चल गया. 27 फरवरी की रात कोतवाली थाने के अंदर घुसकर आरक्षक से मारपीट की घटना के बाद 4 मार्च को पुनः एक आरक्षक के घर में घुसकर पड़ोसियों ने मारपीट की. 7 मार्च को पुनः गाड़ाघाट शराब की दुकान में विवाद सुलझाने गए पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया गया. इसके साथ ही यातायात पुलिस कर्मी को बाइक सवारों द्वारा टक्कर मारने, पुलिस कर्मियों से विवाद व मारपीट की घटनाएं लगातार चलती रहीं.
- साल 2020 में कोरोना लॉक डाउन की भयावहता और कोरोना संक्रमण के मामलों के बाद लोगों ने एक बार फिर से लापरवाही की और नतीजा यह हुआ कि नए साल 2021 के जश्न के बाद कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे. प्रशासन को 31 मार्च को नाइट कर्फ्यू की घोषणा करनी पड़ी. 7 अप्रैल को प्रशासन ने शाम 6 बजे से ही बाजारों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया. आलम यह हुआ कि कोरोना की रफ्तार दो से तीन गुना बढ़ी, जिसके बाद अंततः प्रशासन ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी. सरगुजा, सूरजपुर व बलरामपुर जिले में 8 अप्रैल को लॉक डाउन की घोषणा हो गई थी. इसे 13 अप्रैल से लागू किया गया. यह लॉक डाउन 28 मई को हटाया गया. इस दौरान कोरोना ने अपना भयावह रूप दिखाया और 22 हजार से अधिक लोग सिर्फ सरगुजा में संक्रमित हुए जबकि 200 से अधिक लोगों ने अपनी जानें गंवाई. ऐसे में हमें तय करना है कि इस आने वाले साल में हम क्या चाहते हैं.
- हथियार के दम पर आतंक फैलाने वाले नक्सलियों ने 3 अप्रैल को बस्तर, बीजापुर व सुकमा के सरहदी थाना तर्रेम जोनगुडा टेकलगुडम और जीरागांव के बीच एम्बुस लगाकर हमारे जवानों पर हमला किया. इस हमले में सरगुजा जिले के सपूत राम शंकर सिंह पैंकरा ने भी शहादत पाई. लखनपुर के अमदला में 5 अप्रैल को शहीद का पार्थिव शरीर लाया गया जिसे अंतिम विदाई देने हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान हर किसी ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी. नक्सल अभियान के तहत पुलिस ने 26 मई को बरियों के ढाबा में छापा मारकर कुख्यात नक्सली अनिल यादव व उसके सहयोगी होटल संचालक रविंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया. दोनों के पास से धारदार हथियार बरामद हुए. नक्सली की गिरफ्तारी के बाद एसआईबी के डीआईजी ओपी पाल स्वयं हेलीकॉप्टर से बलरामपुर पहुंचे थे और नक्सली से पूछतछ की थी.
- साल 2021 प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के लिए भी खास नहीं रहा. इस दौरान वे एक बड़े हादसे का शिकार होते-होते बचे. 30 मई को सूरजपुर जिले के धरसेड़ी में हुए खदान हादसे के बाद प्रभावितों से मिलने हेलीकॉप्टर से जा रहे थे. उनके साथ श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद व अन्य जनप्रतिनिधि भी हेलीकॉप्टर में सवार थे. इस दौरान हवा में ही उनके हेलीकॉप्टर के दाहिने तरफ की विंड शील्ड क्रेक हो गई. बड़ी बात यह है कि पायलट व सवार मंत्री को इसकी जानकारी नहीं हुई. भैयाथान में लैंडिंग के बाद पायलट को कांच में दरार नजर आई. इसके बाद हड़कंप मच गया. गनीमत रही कि कांच के पूरी तरह से टूटने से पहले हेलीकॉप्टर लैंड हो गया था.
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- कोरोना के साथ ही इस बार लोगों को सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस ने डराया है. सरगुजा में भी आठ लोग ब्लैक फंगस के शिकार हुए. इस दौरान 18 जून को जिले में ब्लैक फंगस से पहली मौत की पुष्टि हुई थी. हालांकि इसके पूर्व भी एक मरीज की मौत की जानकारी आई थी लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई. ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के दौरान शहर में रेमेडिसिवर के इंजेक्शन को लेकर भी एक समय काफी किल्ल्त हुई लेकिन बाद में इसके लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर व्यवस्था बनाई.