सरगुजा : गणित एक ऐसा विषय है, जो ज्यादातर छात्रों को कठिन लगता है. जबकि 76 वर्ष की उम्र में अम्बिकापुर के गणितज्ञ सीपी सिंह (Mathematician CP Singh) इसे बेहद सरल विषय बताते हैं. उनका मानना है कि गणित सिर्फ एकाग्रता मांगती है. गणित दिवस के दिन हम इस महान गणितज्ञ से इसलिए आपसे रू-ब-रू करा रहे हैं, क्योंकि इन्होंने इतिहास का बड़ा काम किया है. फिर भी ये गुमनामी की जिंदगी बसर कर रहे हैं. जीवन के अंतिम पड़ाव में अब सीपी सिंह गणित के छात्रों को फर्मा के 350 साल से असाध्य प्रमेय को सही थ्योरी से सॉल्व करने का तरीका देने जा रहे हैं.
एंड्र्यूड वाईल्स को मिला प्रमेय हल करने का श्रेय
सीपी सिंह ने फर्मा असाध्य प्रमेय को हल करने का दावा विश्व में सबसे पहले किया था. इसे दुर्भाग्य ही कहें कि इसे हल करने का श्रेय सीपी सिंह को नहीं बल्कि एंड्र्यूड वाईल्स (Andrew Wiles) को मिला. एंड्र्यूड वाईल्स ने साल 1994 में इस प्रमेय को 129 पृष्ठ में हल करने का दावा किया. लंबी पड़ताल के बाद साल 2016 में उन्हें इस प्रमेय का हलकर्ता घोषित कर दिया गया. इस पर मिलने वाला 5 करोड़ का इनाम भी इन्हें ही मिला.
एन्ड्रयूड वाईल्स ने इलिप्टिक कर्व थ्योरी के आधार पर हल किया है प्रमेय : सीपी सिंह
इस दावे की खबर से छत्तीसगढ़ के वनांचल में रहने वाले सीपी सिंह विचलित भी हुए, क्योंकि उन्होंने इसका हल ढूंढ लिया था. किसी तरह से सीपी सिंह ने देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय तक पहुंचे शिक्षा मंत्री से अपनी बात रखी. विभाग की मनमानी के कारण बात नहीं बनी. लिहाजा सीपी सिंह ने इंटरनेशनल मैथेमेटिकल सोसाइटी को अपने दावे का पत्र लिखा. कई बार पत्राचार हुआ, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. सीपी सिंह बताते हैं कि सर एन्ड्रयूड वाईल्स ने इस प्रमेय को इलिप्टिक कर्व थ्योरी के आधार पर हल किया है. जबकि जब फर्मा में इस प्रमेय को अधूरा छोड़ा था, तब ऐसी कोई भी थ्योरी मान्य नहीं थी. यह ऐसा ही है जैसे रेखा गणित में बीज गणित के फार्मूले से सवाल हल नहीं किये जा सकते.
सीपी सिंह ने 1969 में ही कर दिया था यह असाध्य प्रमेय हल
पियरे द फर्मा ने सन 1601 से 1661 के बीच इस साध्य प्रमेय को छोड़ा था. उनकी मौत के बाद उनकी लाइब्रेरी से मिली एक गणित की पुस्तक "डायोफेंट अर्थमेटिका" के एक पृष्ठ पर यह टीप लिखा मिला था कि इसका हल 2 पृष्ठों में करना है. सीपी सिंह ने साल 1969 में ही इस असाध्य प्रमेय को हल कर दिया था. लेकिन फर्मास लास्ट थ्योरम को हल करने का श्रेय इन्हें नहीं बल्कि सर एन्ड्रयूड वाईल्स को जाता है. इसे सीपी सिंह सही नहीं मानते हैं और दुनिया के सामने अपने हल को अब प्रदर्शित करने जा रहे हैं.
सीपी सिंह ने एक ही चार्ट पेपर कर दिया था प्रमेय हल
बहरहाल सीपी सिंह ने इस सवाल को एक ही चार्ट पेपर में यानी कि 2 पृष्ठ में हल कर दिया था. अब तक वो इस पर अपने दावे को साबित करने के इंतजार में थे, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब वो देश के गणित के छात्रों को अपना यह हल समर्पित करना चाहते हैं. जल्द ही वो 350 साल से असाध्य प्रमेय का हल कर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करायेंगे. वैसे सीपी सिंह द्वारा हल किये गये सवाल के चार्ट की इमेज हम भी इस आर्टिकल में अटैच कर रहे हैं. आप अगर गणित के छात्र हैं या गणित में रुचि रखते हैं तो इसे देख सकते हैं.