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चमत्कार या विज्ञान, सावन में भोले का नंदी पीने लगा पानी!

अंबिकापुर के शिवालय में भगवान भोलेनाथ का नंदी पानी पी रहा है. नंदी को पानी पिलाने भक्तों का तांता लग गया. लोग इस घटना को चमत्कार मान रहे हैं.

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Published : Jul 27, 2019, 3:26 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

पानी पीते नंदी

सरगुजा: सावन का पवित्र महीना चल रहा है, इसी बीच अंबिकापुर से आश्चर्य कर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है. जहां भगवान भोलेनाथ का नंदी पानी पी रहा है. शहर के गंगापुर इलाके में स्थित शिव मंदिर में नंदी जी पानी पी रहे हैं. लोग इसे भगवान का चमत्कार समझ कह रहे हैं.

मंदिर में पानी पीते नंदी

शहर का ये शिवालय लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, जहां नंदी की पत्थर की मूर्ति पानी पी रही है. लोग जैसे ही नंदी के मुंह में चम्मच लगाते हैं तो चम्मच का पानी खत्म हो जाता है, जिससे लोग यह समझ रहे हैं कि खुद नंदी, पानी पी रहे हैं. जाहिर है कि ये कौतूहल का विषय है, और लोग इसे धार्मिक मान्यताओं से जोड़ रहे हैं.

चमत्कार या विज्ञान

श्रद्धालुओं की मानें तो नंदी का पानी पीना एक धार्मिक क्रिया है, ये ईश्वर का चमत्कार है. वहीं भौतिक विज्ञान के जानकार का मत इससे बिल्कुल अलग है, उनका कहना है कि पत्थर का पानी सोखना सामान्य वैज्ञानिक प्रक्रिया है. कभी-कभी मौसम से भी ऐसी परिस्थिति बनती है कि पत्थर पानी सोखता है.

सावन के महीने में ऐसी घटना होना चमत्कार से कम नहीं

लोगों का मानना है कि सावन के महीने में ऐसी घटना होना किसी चमत्कार से कम नहीं है. लोगों के मुताबिक ऐसा होना अच्छा संकेत है.

श्रद्धालओं ने नंदी को पानी पिलाया

लोगों को जैसे ही खबर लगी कि नंदी पानी पी रहे हैं, मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लग गया. सभी ने चम्मच से नंदी को पानी पिलाना शुरू कर दिया. मंदिर में दिनभर नंदी को पानी पिलाने का दौर चलता रहा.

NOTE- ETV भारत इस तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.

सरगुजा: सावन का पवित्र महीना चल रहा है, इसी बीच अंबिकापुर से आश्चर्य कर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है. जहां भगवान भोलेनाथ का नंदी पानी पी रहा है. शहर के गंगापुर इलाके में स्थित शिव मंदिर में नंदी जी पानी पी रहे हैं. लोग इसे भगवान का चमत्कार समझ कह रहे हैं.

मंदिर में पानी पीते नंदी

शहर का ये शिवालय लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, जहां नंदी की पत्थर की मूर्ति पानी पी रही है. लोग जैसे ही नंदी के मुंह में चम्मच लगाते हैं तो चम्मच का पानी खत्म हो जाता है, जिससे लोग यह समझ रहे हैं कि खुद नंदी, पानी पी रहे हैं. जाहिर है कि ये कौतूहल का विषय है, और लोग इसे धार्मिक मान्यताओं से जोड़ रहे हैं.

चमत्कार या विज्ञान

श्रद्धालुओं की मानें तो नंदी का पानी पीना एक धार्मिक क्रिया है, ये ईश्वर का चमत्कार है. वहीं भौतिक विज्ञान के जानकार का मत इससे बिल्कुल अलग है, उनका कहना है कि पत्थर का पानी सोखना सामान्य वैज्ञानिक प्रक्रिया है. कभी-कभी मौसम से भी ऐसी परिस्थिति बनती है कि पत्थर पानी सोखता है.

सावन के महीने में ऐसी घटना होना चमत्कार से कम नहीं

लोगों का मानना है कि सावन के महीने में ऐसी घटना होना किसी चमत्कार से कम नहीं है. लोगों के मुताबिक ऐसा होना अच्छा संकेत है.

श्रद्धालओं ने नंदी को पानी पिलाया

लोगों को जैसे ही खबर लगी कि नंदी पानी पी रहे हैं, मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लग गया. सभी ने चम्मच से नंदी को पानी पिलाना शुरू कर दिया. मंदिर में दिनभर नंदी को पानी पिलाने का दौर चलता रहा.

NOTE- ETV भारत इस तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.

Intro:सरगुज़ा : अम्बिकापुर के शिवालयों में ईश्वर के चमत्कार जैसी घटना देखी जा रही है, लोग इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं.. दरअसल यहाँ कुछ शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का नंदी पानी पी रहा है, लोग मंदिर पहुंचकर नंदी को पानी पिला रहे हैं और इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं श्रद्धालुओं का तर्क है की सावन के महीने में नंदी का जल पीना भगवान का चमत्कार है।




Body:दरअसल शहर के गंगापुर इलाके में स्थित शिव मंदिर में नंदी की पत्थर की मूर्ती पानी सोख रही है, लोग चम्मच में पानी लेकर नंदी के मुख के पास लगाते हैं तो चम्मच का पानी खत्म हो जाता है, लिहाजा इस घटना को माना जा रहा है की चम्मच का पानी नंदी की मूर्ती पी रही है, जाहिर है की यह कौतूहल का विषय बना हुआ है, और लोग इसे धार्मिक मान्यताओं से जोड़ रहे हैं। लेकिन इस सम्बंध में भौतिक विज्ञान के जानकार का मत आम लोगो से बिल्कुल भिन्न है, इनका मानना है की पत्थर का पानी सोखना सामान्य वैज्ञानिक पद्धति है, लेकिन कभी कभी विशेष परिस्थितियों में मूर्ति का पानी पीना मौसम की वजह से भी हो सकता है।


Conclusion:बहरहाल हर चीज को अध्यात्म और धर्म से जोड़ना देश की परंपरा है, और यह मामला भी लोगो।की आस्था का कारण बन चुका है, लेकिन एक्सपर्ट इसे विज्ञानी कारण ही मान रहे हैं।

बाईट01_रेणु सिंह (श्रद्धालु)

बाईट02_सुनीता गुप्ता( श्रद्धालु)

बाईट03_सौरभ (श्रद्धालू)

बाईट04_डॉ एस के श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष भौतिक शास्त्र विभाग)

देश दीपक सरगुज़ा

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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