सरगुजा: अंबिकापुर नगर निगम में सियासत शरू हो चुकी है. विपक्ष, सत्ता दल को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है. जाहिर सी बात है की, पहले विधानसभा, फिर लोकसभा चुनाव के बाद अब बारी है निकाय चुनावों की और ऐसे में राजनीतिक दलों का सक्रिय होना भी लाजमी है.
ताजा मामला निगम के राजस्व से जुड़ा हुआ है. इस मामले में विपक्ष के नेताओं ने निगम के राजस्व की चिंता करते हुए ये आरोप लगाए हैं कि शहर के शादी भवन और लॉज के द्वारा निगम को राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है. नेता प्रतिपक्ष जन्मेजय मिश्रा ने आरोप लगाया है कि निगम प्रशासन और सरकार की मिली भगत से बारात घरों के ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से काम किया जा रहा है. पिछले 2 साल से इन संस्थाओं ने करीब 1 करोड़ रुपए का टैक्स जमा नहीं किया है.
खत्म होने वाला है अनुबंध
विपक्ष ने इस बात की चिंता जाहिर की है कि ठेकेदार का 10 साल का अनुबंध खत्म होने वाला है. इस वजह से बड़ी राशि बाकी होने पर अगर ठेकेदार भाग गया तो बड़ी राजस्व की क्षति नगर निगम को होगी. वहीं हमने इस संबंध में नगर निगम के महापौर से बात की तो उन्होंने बताया कि जितनी राशि ठेकेदार से ली जानी है, लागभग उतने की ही देनदारी निगम की ठेकेदार को भी है. इस संबंध में ठेकेदार ने अपनी राशि की मांग की है. इस संबंध में अगली एमआईसी की बैठक में निर्णय ले लिया जाएगा कि राशि समायोजन कर के टेक्स वसूला जाए या फिर पहले टैक्स जमा कराने के बाद ठेकेदार का भुगतान किया जाना है.
साठ-गांठ के आरोप
बहरहाल, आरोप साठ-गांठ के लगे हैं, ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की बात करते हुए विपक्ष ने निगम सरकार को घेरने का प्रयास किया है. लेकिन, यहां मामला निगम के राजस्व हानि की चिंता से कम चुनावी लाभ का अधिक प्रतीत हो रहा है. क्योंकि महापौर के मुताबिक ठेकेदार और नगर निगम के बीच, लेने और देने वाली राशि लगभग बराबर है. ऐसे में निगम के राजस्व को हानि की चिंता तो व्यर्थ ही है.