सरगुजा: फादर विलियम बताते हैं कि " वास्तव में सैंटा क्लॉज Santa Claus जो हैं इसका सबंध ईसा मसीह के जन्म से नहीं है. ये तीसरी शताब्दी के एक संत थे. फादर निकोलस बहुत ही मजाकिया किस्म के थे और बच्चों से ढेर सारा प्यार करते थे. जब भी क्रिसमस आता था वो जोकर जैसा ड्रेस पहनकर बच्चों के बीच में जाते थे और बच्चों को गिफ्ट बांटा करते थे तो ये बहुत बाद में तीसरी शताब्दी से शुरू हुआ. Christmas Day 25 December
वास्तव में सांता क्लॉज का जो कांसेप्ट है ये मार्केट से जुड़ा हुआ है.18वीं शताब्दी में अमेरिका के मार्केट ने बहुत बढ़ा चढ़ा के बताया कि ये सैंटा क्लॉज हैं जो बच्चों को गिफ्ट दिया करते हैं तो ये 18 वीं शताब्दी में ही ज्यादा प्रचलित हुआ."
सैंटा क्लॉज का जन्म कैसे हुआ?: संत निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ. वे एक रईस परिवार से थे. उन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया. बचपन से ही उनकी प्रभु यीशु में बहुत आस्था थी. रोवानिएमी में एक छोटा सा गांव है जिसे सैंटा विलेज के नाम से पुकारा जाता है. इस गांव में एक लंबी सफेद दाढ़ी वाला, लाल रंग के कपड़े पहने हुए एक व्यक्ति रहता है, जिसे लोग रियल सैंटा क्लॉज कहते हैं. इस गांव की खासियत है कि यहां घुसते ही लकड़ी से बनी झोपड़ियां नजर आती हैं.
रोवानिएमी में एक छोटा सा गांव है जिसे सैंटा विलेज के नाम से पुकारा जाता है. इस गांव में एक लंबी सफेद दाढ़ी वाला, लाल रंग के कपड़े पहने हुए एक व्यक्ति रहता है, जिसे लोग रियल सैंटा क्लॉज कहते हैं. इस गांव की खासियत है कि यहां घुसते ही लकड़ी से बनी झोपडि़यां नजर आती हैं. 2022 में सांता क्लॉज के लिए फोन नंबर 605-313-4000 है. आप आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से सांता हॉटलाइन को कॉल करने के लिए FreeConferenceCall.com/Santa-Hotline पर भी जा सकते हैं.
क्रिसमस ट्री भी बाजार की देन: क्रिसमस ट्री एक सजावट है. लोग चरनी के सामने सजावट के लिये पेड़ लगाकर के उसमें लाइट लगाकर उसे सजाते हैं. तो नाम दे दिया गया क्रिसमस ट्री. व्यापार से जुड़ा हुआ मामला है. इसका ईसा मसीह के जन्म से कोई नाता नहीं है. merry christmas day 2022
चरनी की प्रथा महत्वपूर्ण: ईसा मसीह किस परिस्थिति में पैदा हुए उसको दर्शाने के लिये चरनी बनाई जाती है. हर घर में हर चर्च में पूरी दुनिया में ये चरनी बनाई जाती है. ये परंपरा बहुत पुरानी है. इसको लोगों को ये दिखाने के लिये की ऐसी परिस्थिति में ईसा मसीह का जन्म हुआ था. आज के बच्चे ये समझें की ईसा मसीह कैसी गरीबी में पले बढ़े थे.