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MCI ने किया अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण, क्या इस बार मिलेगी मान्यता ? - ambikapur medical college news 2019

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें यहां डॉक्टरों, स्टाफ के साथ-साथ सुविधाओं की कमी भी देखने को मिली, जिसके चलते इस बार भी कॉलेज को मान्यता दिए जाने को लेकर संशय पैदा हो गया है.

MCI की टीम ने किया मेडिकल कालेज का निरीक्षण
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Published : Nov 7, 2019, 8:41 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को साल 2019-20 के लिए मान्यता नहीं दी गई थी और जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. एक बार फिर MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंची और इस बार भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के साथ स्टाफ की कमी सामने आई, जिससे इस बार भी अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिलने को लेकर संशय पैदा हो गया है.

MCI की टीम ने किया मेडिकल कालेज का निरीक्षण

वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि, 'उनकी तैयारी पिछली बार से ज्यादा बेहतर है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को MCI की तरफ से मान्यता दे दी जाएगी'.

दूसरे राज्यों के लिए भी बड़ा सहारा है मेडिकल कॉलेज
दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज सरगुजा संभाग के साथ-साथ आसपास के दूसरे प्रदेशों के लिए भी एक बड़ा सहारा है, लेकिन पिछले साल MCI की टीम ने जब मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था, तब यहां फैकल्टी कमी दर्ज की गई थी. इसके साथ ही कई सुविधाएं भी मेडिकल कॉलेज में मौजूद नहीं थी, जिसकी वजह से MCI की टीम ने निरीक्षण के बाद अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक सत्र शून्य घोषित कर दिया था.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के जीरो ईयर घोषित होने के बाद फिर एक बार मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्सन के लिए MCI की टीम पहुंची. इस बार भी यहां डॉक्टरों की कमी तो है ही, साथ ही साथ स्टाफ और सुविधाओं में कमी देखी गई है.

पढ़ें- RTE के तहत निजी स्कूलों को मिलने वाली राशि का नहीं हो रहा भुगतान

डॉक्टरों की कमी बरकरार
इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में कई डॉक्टरों के तबादले हुए थे, लेकिन कई डॉक्टरों ने ज्वाइन भी नहीं किया और कई ने रिजाइन दे दिया. ऐसे में यहां डॉक्टरों की कमी तो बनी हुई है. साथ ही साथ अन्य सुविधाओं की कमी भी है. आदिवासी अंचल होने की वजह से इस इलाके में मेडिकल कॉलेज का होना बेहद अहम माना जा रहा है. ऐसे में इस बार MCI की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मान्यता देती है या नहीं इस पर संशय बरकरार है.

सरगुजा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को साल 2019-20 के लिए मान्यता नहीं दी गई थी और जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. एक बार फिर MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंची और इस बार भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के साथ स्टाफ की कमी सामने आई, जिससे इस बार भी अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिलने को लेकर संशय पैदा हो गया है.

MCI की टीम ने किया मेडिकल कालेज का निरीक्षण

वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि, 'उनकी तैयारी पिछली बार से ज्यादा बेहतर है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को MCI की तरफ से मान्यता दे दी जाएगी'.

दूसरे राज्यों के लिए भी बड़ा सहारा है मेडिकल कॉलेज
दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज सरगुजा संभाग के साथ-साथ आसपास के दूसरे प्रदेशों के लिए भी एक बड़ा सहारा है, लेकिन पिछले साल MCI की टीम ने जब मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था, तब यहां फैकल्टी कमी दर्ज की गई थी. इसके साथ ही कई सुविधाएं भी मेडिकल कॉलेज में मौजूद नहीं थी, जिसकी वजह से MCI की टीम ने निरीक्षण के बाद अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक सत्र शून्य घोषित कर दिया था.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के जीरो ईयर घोषित होने के बाद फिर एक बार मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्सन के लिए MCI की टीम पहुंची. इस बार भी यहां डॉक्टरों की कमी तो है ही, साथ ही साथ स्टाफ और सुविधाओं में कमी देखी गई है.

पढ़ें- RTE के तहत निजी स्कूलों को मिलने वाली राशि का नहीं हो रहा भुगतान

डॉक्टरों की कमी बरकरार
इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में कई डॉक्टरों के तबादले हुए थे, लेकिन कई डॉक्टरों ने ज्वाइन भी नहीं किया और कई ने रिजाइन दे दिया. ऐसे में यहां डॉक्टरों की कमी तो बनी हुई है. साथ ही साथ अन्य सुविधाओं की कमी भी है. आदिवासी अंचल होने की वजह से इस इलाके में मेडिकल कॉलेज का होना बेहद अहम माना जा रहा है. ऐसे में इस बार MCI की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मान्यता देती है या नहीं इस पर संशय बरकरार है.

Intro:सरगुज़ा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को वर्ष 2019-20 के लिए मान्यता नहीं दी गई थी और जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था। एक बार फिर एमसीआई की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण में पहुंची और इस बार भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के साथ स्टाफ की कमी सामने आई, जिससे इस बार भी अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिलने पर संशय बना हुआ है।

हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उनकी तैयारी पिछली बार से ज्यादा बेहतर है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को एमसीआई की तरफ से मान्यता दे दी जाएगी।

दरअसल अंबिकापुर का मेडिकल कॉलेज सरगुजा संभाग के साथ-साथ आसपास के दूसरे प्रदेशों के लिए भी एक बड़ा सहारा है, मगर पिछले वर्ष एमसीआई की टीम ने जब मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था तब यहां फैकल्टी की भारी कमी दर्ज की गई थी। इसके साथ ही कई सुविधाएं भी मेडिकल कॉलेज में मौजूद नहीं थी। जिसके कारण एमसीआई की टीम ने निरीक्षण के बाद अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक सत्र शून्य घोषित कर दिया था,स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के 0 ईयर घोषित होने के बाद फिर एक बार मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्सन के लिए एमसीआई की टीम पहुंची। इस बार भी यहां डॉक्टरों की कमी तो है ही साथ ही साथ स्टाफ और कमी देखी गई है इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में कई डाक्टरो के तबादले हुए थे मगर कई डॉक्टरों ने ज्वाइन तक नहीं किया और कई ने रिजाइन दे दिया ऐसे में यहां डॉक्टरों की कमी तो बनी हुई है साथ ही साथ अन्य सुविधाओं की कमी भी है, मगर आदिवासी अंचल होने के कारण इस इलाके में मेडिकल कॉलेज का होना बेहद अहम माना जा रहा है। ऐसे में इस बार एमसीआई की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मान्यता देती है या नहीं इस पर संशय बरकरार है।Body:बाइट01_डॉ. एस. पी. कुजूर (अधीक्षक मेडिकल कालेज अस्पताल)

देश दीपक सरगुज़ाConclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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