सरगुजा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को साल 2019-20 के लिए मान्यता नहीं दी गई थी और जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. एक बार फिर MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंची और इस बार भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के साथ स्टाफ की कमी सामने आई, जिससे इस बार भी अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिलने को लेकर संशय पैदा हो गया है.
वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि, 'उनकी तैयारी पिछली बार से ज्यादा बेहतर है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को MCI की तरफ से मान्यता दे दी जाएगी'.
दूसरे राज्यों के लिए भी बड़ा सहारा है मेडिकल कॉलेज
दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज सरगुजा संभाग के साथ-साथ आसपास के दूसरे प्रदेशों के लिए भी एक बड़ा सहारा है, लेकिन पिछले साल MCI की टीम ने जब मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था, तब यहां फैकल्टी कमी दर्ज की गई थी. इसके साथ ही कई सुविधाएं भी मेडिकल कॉलेज में मौजूद नहीं थी, जिसकी वजह से MCI की टीम ने निरीक्षण के बाद अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक सत्र शून्य घोषित कर दिया था.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के जीरो ईयर घोषित होने के बाद फिर एक बार मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्सन के लिए MCI की टीम पहुंची. इस बार भी यहां डॉक्टरों की कमी तो है ही, साथ ही साथ स्टाफ और सुविधाओं में कमी देखी गई है.
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डॉक्टरों की कमी बरकरार
इस बार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में कई डॉक्टरों के तबादले हुए थे, लेकिन कई डॉक्टरों ने ज्वाइन भी नहीं किया और कई ने रिजाइन दे दिया. ऐसे में यहां डॉक्टरों की कमी तो बनी हुई है. साथ ही साथ अन्य सुविधाओं की कमी भी है. आदिवासी अंचल होने की वजह से इस इलाके में मेडिकल कॉलेज का होना बेहद अहम माना जा रहा है. ऐसे में इस बार MCI की टीम अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मान्यता देती है या नहीं इस पर संशय बरकरार है.