सरगुजा: सरगुजा में पुलिस भी अब तकनीकी रूप से मजबूत बन रही है. जिले के लखनपुर थाने के माल खाने को ऑनलाइन कर दिया गया है. प्रदेश में यह पहला थाना होगा, जिसके माल खाने को ऑनलाइन किया गया है. सरगुजा पुलिस के ही प्रशिक्षु आईपीएस राबिंसन गुरिया ने खुद एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया है, जिसमें बार कोड के माध्यम से जब्त सामग्री की जानकारी रखी और खोजी जा सकती (E Maal Khana started in Surguja police stations) है.
खोजने में होगी आसानी: किसी भी अपराध में जब्त की गई छोटी-बड़ी सामग्री का रखरखाव पुलिस के लिये बड़ी चुनौती होती है. पुलिस समान जब्त करके अपने माल खाने में रखती जाती है. एक या दो साल बाद जब न्यायालय में उस जब्त सामग्री को पेश करना होता है, तो माल खाने से सामग्री खोजना एक बड़ी प्रक्रिया हो जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब साफ्टवेयर की मदद से रजिस्टर में लगा बार कोड स्कैन किया जायेगा. स्कैन करते ही कम्प्यूटर का साफ्टवेयर बता देगा कि जब्त सामग्री कहां पर रखी हुई है.
स्कैन करते ही जानकारी आएगी सामने: लखनपुर थाने में पदस्थ एएसआई अरुण गुप्ता बताते हैं, "ये एक पोस्टल बनाया गया है, जिसमें एक समान का 3 बार कोड है. पहला बार कोड जब्ती माल पर लगाया जाता है. दूसरा बार कोड जब्ती रजिस्टर पर और तीसरा बार कोड रजिस्टर में लगाया जाता है. जिससे एक ही क्लिक में आपकी संपत्ति कहां रखी हुई है, इसकी जानकारी मिल जाती है. पहले कोई भी जब्त संपत्ति जब साल दो साल हो जाता था और न्यायालय में जमा करना होता था, तो खोजने में दिक्कत होती थी. अब रजिस्टर देखकर के बार कोड जैसे ही लगाएंगे, तो तुरंत पता चल जाएगा कि ये सामान किस डब्बे में रखा गया है? कौन से माल खाने में रखा गया है?"
आईपीएस ने बनाया सॉफ्टवेयर: एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला बताते है, "हमारे थाना लखनपुर में प्रशिक्षु आईपीएस की नवीन पहल थी, जिसके तहत ई माल खाने की शुरुआत लखनपुर से की गई है. संभवतः पूरे छत्तीसगढ़ में यह पहला थाना होगा, जहां से इसकी शुरुआत की गई है. इसमें एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है, जिसमें एक ई माल खाना बनाया गया. बार कोडिंग के माध्यम से जब्त सामग्रियों की बार कोडिंग की गई. अब एक क्लिक में यह पता लगाया जा सकेगा कि कौन सा सामान कहां रखा है."
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जिले भर के थानों में होगा शुरू: एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला ने बताया, " जब भी यह किसी परीक्षण में या एफएसएल में भेजा जाता है तो उसकी जानकारी तुरंत हमें यह पता चल जाएगा कि यह किस-किस हाथों से होकर गुजरा है. यह वर्तमान में किस स्थान पर है. निश्चित रूप से जब तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है तो काम आसान होता है. इसमें एक क्लिक में हमे जानकारी मिलेगी. जल्द ही इसे सरगुजा जिले के अन्य थानों में भी चालू किया जाएगा."
समय की होगी बचत: पुलिस एक ऐसा विभाग है जहां आज भी पुरानी परंपराएं जीवित हैं. बहुत से नियम तो ब्रिटश काल से अब तक नहीं बदले गये. लेकिन अब पुलिस के काम का तरीका बदल रहा है. तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. निश्चित ही इस प्रयास से ना सिर्फ पुलिस का बल्कि, न्याय विभाग समेत आम जनता का भी समय बचेगा.