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अंबिकापुर: बंद पड़ा रैन बसेरा, ठंड में बैठने को मजबूर यात्री

अंबिकापुर के अंतर्राज्यीय बस अड्डे में नगर निगम ने रैन बसेरा का निर्माण तो कराया है, लेकिन यात्रियों के ठहरने के लिए यहां पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.

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Published : Jan 2, 2020, 11:28 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

Lock in night shelter built in Ambikapur bus stand
बंद पड़ा रैन बसेरा

सरगुजा: मौसम में अचानक से बदलाव के बाद सरगुजा में 2 दिन से लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश ने यहां के मौसम में ठंडक बढ़ा दी है. लिहाजा लोग या तो अपने घरों में रजाई के सहारे हैं, या फिर अलाव के जरिए अपनी ठंड दूर कर रहे हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले मुसाफिरों के लिए यह ठंड बड़ी मुसीबत बन चुकी है. हर शहर में मुसाफिरों की सुविधा के लिए बनाया जाने वाला रैन बसेरा इन मुसाफिरों के लिए बड़ा सहारा होता है. लिहाजा ETV भारत ने अंबिकापुर के बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरा की पड़ताल की. लेकिन ETV भारत की टीम जब अंबिकापुर बस स्टैंड पहुंची तो वहां का नजारा कुछ और ही था.

बंद पड़ा रैन बसेरा

अंतर्राज्यीय बस अड्डे में नगर निगम ने रैन बसेरे का निर्माण तो कराया है, लेकिन यह रैन बसेरा बंद पड़ा है. रैन बसेरा के सामने की गैलरी में मुसाफिर बैठे हुए थे. मुसाफिरों से हमने बातचीत की तो पता चला कि वह बिलासपुर से आए हुए हैं और बस के इंतजार में कुछ देर उन्हें अंबिकापुर के बस स्टैंड में बिताना है, लेकिन रैन बसेरा बंद होने की वजह से वह खुले में ही बैठकर अपना वक्त बिता रहे थे. रैन बसेरा का कार्यालय और कक्ष दोनों के गेट पर ताला लगा हुआ था.

अब सवाल ये उठता है कि लगातार कई कीर्तिमान रचने वाले अंबिकापुर नगर निगम के अधिकारी भला रैन बसेरा की निगरानी क्यों नहीं कर पा रहे.

सरगुजा: मौसम में अचानक से बदलाव के बाद सरगुजा में 2 दिन से लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश ने यहां के मौसम में ठंडक बढ़ा दी है. लिहाजा लोग या तो अपने घरों में रजाई के सहारे हैं, या फिर अलाव के जरिए अपनी ठंड दूर कर रहे हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले मुसाफिरों के लिए यह ठंड बड़ी मुसीबत बन चुकी है. हर शहर में मुसाफिरों की सुविधा के लिए बनाया जाने वाला रैन बसेरा इन मुसाफिरों के लिए बड़ा सहारा होता है. लिहाजा ETV भारत ने अंबिकापुर के बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरा की पड़ताल की. लेकिन ETV भारत की टीम जब अंबिकापुर बस स्टैंड पहुंची तो वहां का नजारा कुछ और ही था.

बंद पड़ा रैन बसेरा

अंतर्राज्यीय बस अड्डे में नगर निगम ने रैन बसेरे का निर्माण तो कराया है, लेकिन यह रैन बसेरा बंद पड़ा है. रैन बसेरा के सामने की गैलरी में मुसाफिर बैठे हुए थे. मुसाफिरों से हमने बातचीत की तो पता चला कि वह बिलासपुर से आए हुए हैं और बस के इंतजार में कुछ देर उन्हें अंबिकापुर के बस स्टैंड में बिताना है, लेकिन रैन बसेरा बंद होने की वजह से वह खुले में ही बैठकर अपना वक्त बिता रहे थे. रैन बसेरा का कार्यालय और कक्ष दोनों के गेट पर ताला लगा हुआ था.

अब सवाल ये उठता है कि लगातार कई कीर्तिमान रचने वाले अंबिकापुर नगर निगम के अधिकारी भला रैन बसेरा की निगरानी क्यों नहीं कर पा रहे.

Intro:सरगुजा : मौसम में अचानक से बदलाव के बाद सरगुजा में 2 दिन से लगातार बारिश हो रही है और इस बारिश ने यहां के मौसम में ठंडक बढ़ा दी है लिहाजा लोग या तो अपने घरों में रजाई के सहारे हैं या तो फिर अलाव के जरिए अपनी ठंड दूर कर रहे हैं ऐसे में बाहर से आने वाले मुसाफिरों के लिए यह ठंड बड़ी मुसीबत बन चुकी है, हर शहर में मुसाफिरों की सुविधा के लिए बनाया जाने वाला रैन बसेरा इन मुसाफिरों के लिए बड़ा सहारा होता है लिहाजा ईटीवी भारत ने अंबिकापुर के बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरा की पड़ताल की लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब अंबिकापुर बस स्टैंड पहुंची तो वहां नजारा कुछ और ही था, अन्तराजजीय बस अड्डे मैं नगर निगम द्वारा रैन बसेरे का निर्माण तो कराया गया है लेकिन यह रैन बसेरा हमें बंद मिला तेज बारिश में लोग ठंड से ठिठुर रहे थे और रेन बसेरा के सामने की गैलरी में मुसाफिर बैठे हुए थे मुसाफिरों से हमने बातचीत की तो पता चला कि वह बिलासपुर से आए हुए हैं और बस के इंतजार में कुछ देर उन्हें अंबिकापुर के बस स्टैंड में बिताना है लेकिन रैन बसेरा बंद होने की वजह से वह खुले में ही बैठकर अपना वक्त बिता रहे थे रैन बसेरा का कार्यालय और कक्ष दोनों के ही गेट पर ताला लगा हुआ था।


Body:अब सवाल यह उठता है कि लगातार कई कीर्तिमान रचने वाले अंबिकापुर नगर निगम के अधिकारी भला रेन बसेरा की निगरानी क्यों नहीं कर पा रहे, और क्या वजह है की रैन बसेरा की जिम्मेदारी सम्हालने वाला निगम का कर्मचारी चैन से घर मे सो रहा है, और मुसाफिरों का चैन ठंड और बारिश ने छीन लिया है।




Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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