सरगुजा: आदिवासी अंचल सरगुजा में विश्वविद्यालय तो खुल गया था, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण वर्षों से यहां शोध नहीं हो रहा था. जिसके कारण छात्रों को विश्वविद्यालय से ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा था, लेकिन अब यहां पीएचडी के लिए कोर्स वर्क की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय प्रबंधन के इस फैसले से छात्रों में खुशी का माहौल है.
100 शोधार्थियों ने लिया भाग
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में वर्षों बाद पीएचडी के लिए कोर्स वर्क की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय के प्रथम कोर्स वर्क में 100 शोध छात्रों ने भाग लिया. सभी शोधार्थी नेट से उत्तीर्ण हैं या शासकीय सेवा में हैं. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने प्रथम कोर्स वर्क में इन छात्रों को जगह दी है. इसके बाद अगले चरण में यहां एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से ही छात्र कोर्स वर्क का हिस्सा बन सकेंगे.
2 घंटे का समय देना अनिवार्य
यूजीसी के नए नियमों के तहत ये कोर्स वर्क शुरू किया गया है. इसके तहत बिना कोर्स वर्क में व्याख्यान सुने छात्र अब पीएचडी नहीं कर सकेंगे. नए नियमों में जटिलता के साथ कई सरलताएं भी है. जैसे शोधार्थियों को समय की पांबदी नहीं है, वो दिन में 2 घंटे भी शोध कार्य कर अपना टार्गेट पूरा कर सकते हैं. शासकीय सेवा वाले लोगों को अपने विभाग से अनुमति लेने का झंझट भी अब नहीं होगा. क्योंकि शासकीय सेवक अपनी ड्यूटी टाइम से पहले सुबह ही 2 घंटे का समय पीएचडी के लिए देकर ड्यूटी पर जा सकते हैं.