सरगुजा: छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना (godhan nyay yojana) के तहत गौठानों gauthan में वर्मी कंपोस्ट खाद (Vermi Compost Fertilizer) का निर्माण किया जा रहा है. जैविक खेती (Organic farming) को बढ़ावा देने के लिए वर्मी कंपोस्ट संजीवनी का काम कर रही है. वर्मी कंपोस्ट खाद बहुत ही सस्ते और सरल तरीके से बनाई जाती है. इससे किसानों और महिला एवं स्व सहायता समूहों को अच्छी आय भी हो रही है. उन्नत किस्म की वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए क्या करना होता है ? बेहतर वर्मी कंपोस्ट खाद को कैसे तैयार किया जा सकता है? ETV भारत ने सरगुजा के गौठान में जाकर जायजा लिया.
टैंक निर्माण कैसे करें ?
वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए सबसे पहले छायादार जगह का चयन करेंगे, जिससे वहां टैंक का निर्माण किया जा सके. वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए 12 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा सीमेंट का टैंक बनाना है. इस टैंक की गहराई 3 फीट होगी. टैंक के ऊपर धूप और पानी से बचाने के लिए शेड बनेगा, जिससे खाद में धूप और बारिश का पानी ना जा सके. टैंक के बीच में एक दीवार खड़ी कर डिवाइडर बनाना है. लेकिन ध्यान रहे इन डिवाइडरों में बड़े छेद होने चाहिए, जिसमें वर्मी कंपोस्ट के केंचुए टैंक के दोनों हिस्सों में आसानी से आ-जा सकें.
केंचुए के लिए स्थान
इस टैंक को केंचुए के रहने के लिए उपयुक्त बनाएंगे. टैंक में सबसे पहले 20 तगाड़ी मिट्टी डालेंगे. फिर इस मिट्टी में पानी की सिंचाई करेंगे. फिर इसमें 20 तगाड़ी गोबर डालेंगे. ध्यान रहे गोबर कम से कम 20 दिन पुराना होना चाहिए. अब यह करीब 3 इंच की लेयर बन जाएगी जो केंचुए के रहने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान होगा. वर्मी कंपोस्ट निर्माण के लिए आवश्यक टेंपरेचर को भी मेंटेन रखना होगा.
ऐसे बनाएं वर्मी कंपोस्ट खाद
एक टैंक के लिए औसतन 360 किलो गोबर और 340 किलो कृषि अपशिष्ट लेना है. इन दोनों के अलग-अलग चार हिस्से कर लेना है. अब टैंक में सबसे पहले चार हिस्सों में से कृषि अपशिष्ट का एक हिस्सा डालना है. फिर पानी डालना है और फिर गोबर के चार हिस्सों में से एक हिस्सा डालना है. यह क्रम रेंडमली तब तक करना है जब तक 360 किलो गोबर और 340 किलो कृषि अपशिष्ट समाप्त ना हो जाए. तीसरे चरण में गोबर और पानी का पतला घोल वर्मी कंपोस्ट टैंक में पड़े गोबर और कृषि अपशिष्ट के ऊपर डालना है. अंत मे इसमें 8 से 10 किलो केंचुआ डालकर इसे जूट के बोर से ढक देना है. ध्यान रखें केंचुआ उन्नत नस्ल का इस्तेमाल करें. आइसीमिया फोर्टीडा नस्ल के ऑस्ट्रेलियन केंचुए ज्यादा बेहतर परिणाम देते हैं.
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60 दिनों में तैयार होती है खाद
इस प्रक्रिया के बाद 55 से 60 दिन में वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार हो जाती है, लेकिन ध्यान रहे की टैंक में सप्ताह में 2 बार इसमें गोबर पानी के घोल का छिड़काव करना है. 60 दिन में वर्मी कंपोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाती है.
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इन बातों का रखें विशेष ध्यान
वर्मी कंपोस्ट खाद बनाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें. तभी आप उन्नत किस्म का वर्मी कंपोस्ट तैयार कर सकेंगे. टैंक में सूखे पत्ते या कृषि अवशिष्ट ही डालना है. ताजे हरे पत्तों में क्लोरोफिल होने के वजह से केंचुआ उसे तेजी से खाता है. इसमें गैस बनने से केंचुए मर जाते हैं. पूरी विधि में गोबर कम से कम 20 दिन पुराना यूज करना है. क्योंकि ताजे गोबर में 58 % मीथेन गैस होती है. वहीं केंचुए को मुर्गियों से बचाने के लिए इसे जूट के बोरे ढकना ना भूलें. इसके साथ ही लाल चीटियां भी केंचुए की दुश्मन होती हैं. इनसे केंचुए को बचाने के लिए टैंक के चारो ओर पतली नाली का निर्माण करना आवश्यक है, जिससे चीटियां पानी की वजह से टैंक तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस विधि से आप भी अपने घर में बना सकते हैं.