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खबर का असर : शव वाहन नहीं मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री की नाराजगी के बाद कार्रवाई के निर्देश - टीएस सिंहदेव ने नाराजगी जाहिर की

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के दौरान मौत के बाद शव ले जाने के लिए मुक्तांजलि वाहन नहीं मिलने और शव को ऑटो में लेकर जाने के मामले में करवाई करने के निर्देश सरगुजा कलेक्टर ने दिये हैं.

Muktanjali vehicle to carry dead body
शव वाहन नही मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री की नाराजगी के बाद कार्रवाई के निर्देश
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Published : Oct 13, 2022, 10:12 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नाराजगी जाहिर की और करवाई का भरोसा दिया. इधर कलेक्टर के निर्देश पर आज सीएमएचओ ने मुक्तांजलि वाहन के जिम्मेदार कर्मचारियों व सुपरवाइजर पर कार्रवाई के निर्देश दिए है. Muktanjali vehicle to carry dead body



3 वाहन फिर उपलब्ध क्यों नहीं: पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लखनपुर क्षेत्र से हमें शिकायत मिली कि 108 एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण मरीज की मौत हो गई तो स्वास्थ्य विभाग पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. शहर में मरीज की मौत के बाद शव ले जाने के लिए मुक्तांजलि वाहन नहीं मिला. यहाँ तीन तीन शव वाहन हैं. यदि व्यवस्था नहीं हो तो एक अलग बात है लेकिन व्यवस्था होते हुए भी नागरिकों को उपलब्ध नहीं कराया जा सके तो इससे पूरे विभाग व शासन के ऊपर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. उन्होंने कहा कि जिम्मेदारो पर कार्रवाई होगी.

स्वास्थ्य मंत्री में उदाहरण देते हुए कहा कि ''संसाधन नहीं हैं तो अलग बात है लेकिन संसाधन होते हुए भी अगर लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है तो ये गलत है. ये सरकार और विभाग पर सवाल खड़े करता है. जैसे लखनपुर क्षेत्र में शव वाहन नहीं मिला. हाल ही में अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में शव ले जाने को वाहन नहीं पहुंचा. जबकि यहां 3 शव वाहन हैं.''

परिजन समेत स्वास्थ्य कर्मियों को भी किया गुमराह: 10 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के दौरान गोधनपुर निवासी दुर्योधन सिंह की मौत हो गई थी. मरीज की मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए परिजन ने 1099 पर फोन कर मुक्तांजलि शव वाहन से मदद मांगी थी. लेकिन पहले तो मुक्तांजलि के चालक व जिम्मेदार अधिकारी मरीज के परिजन व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को घुमाते रहे और फिर उन्होंने फोन उठाना ही बंद कर दिया था. ऐसे में चार घंटे से अधिक समय तक शव वाहन नहीं मिलने पर परिजन ऑटो में शव लेकर गए थे.



ETV भारत ने प्रकाशित की थी खबर: अस्पताल में 1099 की इस लापरवाही व निजी एम्बुलेंस कर्मचारियों से सांठ गांठ की खबर ETV भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है. वहीं कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर शव वाहन उपलब्ध कराने में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है. सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया द्वारा 1099 के प्रभारी को जिम्मेदार कर्मचारियों एवं सुपरवाइजर को हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिया गया है.

सरगुजा : प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नाराजगी जाहिर की और करवाई का भरोसा दिया. इधर कलेक्टर के निर्देश पर आज सीएमएचओ ने मुक्तांजलि वाहन के जिम्मेदार कर्मचारियों व सुपरवाइजर पर कार्रवाई के निर्देश दिए है. Muktanjali vehicle to carry dead body



3 वाहन फिर उपलब्ध क्यों नहीं: पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लखनपुर क्षेत्र से हमें शिकायत मिली कि 108 एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण मरीज की मौत हो गई तो स्वास्थ्य विभाग पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. शहर में मरीज की मौत के बाद शव ले जाने के लिए मुक्तांजलि वाहन नहीं मिला. यहाँ तीन तीन शव वाहन हैं. यदि व्यवस्था नहीं हो तो एक अलग बात है लेकिन व्यवस्था होते हुए भी नागरिकों को उपलब्ध नहीं कराया जा सके तो इससे पूरे विभाग व शासन के ऊपर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. उन्होंने कहा कि जिम्मेदारो पर कार्रवाई होगी.

स्वास्थ्य मंत्री में उदाहरण देते हुए कहा कि ''संसाधन नहीं हैं तो अलग बात है लेकिन संसाधन होते हुए भी अगर लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है तो ये गलत है. ये सरकार और विभाग पर सवाल खड़े करता है. जैसे लखनपुर क्षेत्र में शव वाहन नहीं मिला. हाल ही में अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में शव ले जाने को वाहन नहीं पहुंचा. जबकि यहां 3 शव वाहन हैं.''

परिजन समेत स्वास्थ्य कर्मियों को भी किया गुमराह: 10 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के दौरान गोधनपुर निवासी दुर्योधन सिंह की मौत हो गई थी. मरीज की मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए परिजन ने 1099 पर फोन कर मुक्तांजलि शव वाहन से मदद मांगी थी. लेकिन पहले तो मुक्तांजलि के चालक व जिम्मेदार अधिकारी मरीज के परिजन व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को घुमाते रहे और फिर उन्होंने फोन उठाना ही बंद कर दिया था. ऐसे में चार घंटे से अधिक समय तक शव वाहन नहीं मिलने पर परिजन ऑटो में शव लेकर गए थे.



ETV भारत ने प्रकाशित की थी खबर: अस्पताल में 1099 की इस लापरवाही व निजी एम्बुलेंस कर्मचारियों से सांठ गांठ की खबर ETV भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है. वहीं कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर शव वाहन उपलब्ध कराने में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है. सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया द्वारा 1099 के प्रभारी को जिम्मेदार कर्मचारियों एवं सुपरवाइजर को हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिया गया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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