सरगुजा : अंबिकापुर सेंट्रल जेल में महिला कैदियों ने अपनी आप बीती एक खत के माध्यम से उजागर की थी.महिला कैदियों ने अपनी शिकायत कई तरह के आपत्तिजनक आरोप लगाए थे. इन आरोपों को लेकर अब राज्य महिला आयोग एक्टिव हुआ है. राज्य महिला आयोग ने मामले को गंभीर मानते हुए संज्ञान में लिया है. मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने दो सदस्यों की टीम का गठन किया है. आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के निर्देश पर सचिव ने एसपी सरगुजा को इस संबंध में खत लिखा है. राज्य महिला आयोग की टीम केंद्रीय जेल मामले की जांच कर रही है.
किस पर लगे हैं आरोप : अंबिकापुर सेंट्रल जेल में महिला कैदियों के साथ अमानवीय कृत्य किए जाने की शिकायत की गई थी. कमलेश्वरपुर के ग्राम मुड़ेसा निवासी कमलेश्वर कुमार साहू ने महिला कैदियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को उजागर किया था. कमलेश्वर साहू का आरोप था कि उसकी मौसी छह महीने से एक मामले में केंद्रीय जेल में बंद है. जब वह अपनी मौसी से मिलने पहुंचा तो जेल में ड्यूटी पर तैनात महिला अधिकारी और महिला जेल प्रहरी ने पैसे मांगे.पैसे नहीं देने पर जेल में बंद महिला कैदी के कपड़े उतरवाकर अमानवीय व्यवहार किया गया. आरोप में ये कहा गया है कि महिला कैदियों के साथ होने वाली घटनाओं को मोबाइल में रिकॉर्ड किया जाता था.फिर वीडियो को जेल में बंद दूसरी महिला कैदियों को भेजकर वायरल करने की धमकी देकर उगाही की जाती थी.
''28 जून को गठित टीम के साथ एसपी को केंद्रीय जेल पहुंचकर मामले की जांच करने के साथ ही प्रकरण की जानकारी लेने के निर्देश दिए गए हैं. मामला बहुत ही गंभीर है. यदि ऐसी घटना वास्तव में हुई है तो, इस पर आयोग सख्त कार्रवाई करेगा.'' किरणमयी नायक,अध्यक्ष राज्य महिला आयोग
दो सदस्यीय टीम कर रही मामले की जांच : इस मामले में संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने दो सदस्यीय टीम गठित की है .टीम में नीता विश्वकर्मा और अर्चना उपाध्याय के साथ पुलिस अधीक्षक जिला सरगुजा को सात दिवस के अंदर जांच करके रिपोर्ट आयोग को भेजने के लिए कहा गया है. इस मामले में सरगुजा आईजी से भी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बात की है.