रायपुर: स्टार्ट करना यानी कुछ शुरू करना. कंपनी के रूप में, पार्टनरशिप के साथ या संगठन के तौर पर शुरू किए गए बिजनेस को हम स्टार्टअप के रूप में जानते हैं. आज कल हर वर्ग के लोग खासतौर पर युवा अपने करियर को नया आयाम देने के लिए स्टार्टअप पर फोकस कर रहे हैं. ऐसे ही लोगों से ETV भारत आपको मिलवा रहा है, जिनकी कहानियां आपको प्रेरित करेंगी.
ये कहानी है सरगुजा के राजेश कुशवाहा की. राजेश किसान के बेटे हैं और सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं. इन्होंने अपनी कंपनी के लिए लाखों रुपए का ऑफर ठुकरा दिया. बीसीए और एमएससी (आईटी) करने के बाद इन्होंने अपने अनुभव का फायदा उठाया और वेबसाइट डेवलपमेंट कंपनी बनाई. अब न सिर्फ राजेश खुद की जीविका बेहतरीन तरीके से चला रहे हैं बल्कि कई युवाओं को रोजगार देने के साथ साथ प्रेरित भी कर रहे हैं.
दिल्ली और सिंगापुर में भी है कंपनी
राजेश की कंपनी का टर्नओवर 6 से 7 करोड़ रुपए का है. राजेश ने न सिर्फ अपने गांव में काम शुरू किया बल्कि सिलफिली को प्रदेश का पहला और देश का दूसरा डिजिटल गांव होने का दर्जा भी दिलाया. इस काम के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राजेश की खूब सराहना की थी. इसके बाद राजेश ने गांव के लिए कई योगदान दिए हैं. राजेशे ने गांव के घर में ही अपना ऑफिस बना लिया है और यहीं से दुनिया भर के लोगों के लिए काम करते हैं. जबकि कंपनी का एक ऑफिस दिल्ली और सिंगापुर में भी है.
देश-विदेश में हैं ऑफिस
तंगहाली के दिनों में उन्होंने वेबसाइट डेवलपमेंट के लिए डिजिटल एड नेटवर्क कंपनी की शुरुआत की. इस कंपनी के गुडगांव ऑफिस में 12 लोगों की टीम काम करती है. इस काम के लिए काबिलियत मुताबिक अलग-अलग 7 लोगों की टीम काम करती है. भारत के अलावा सिंगापुर में भी इस कंपनी का दफ्तर है.
प्रदेश का पहला डिजिटल गांव
गुजरात के पुंसारी ग्राम पंचायत के बाद सिलफिली देश का ऐसा दूसरा गांव बन गया था, जिसकी पास अपनी खुद की वेबसाइट और फ्री वाईफाई की सुविधा हो और यह प्रदेश में पहला ऐसा डिजिटल गांव था. राजेश की कंपनी में सिलफिली के कई युवा भी काम कर रहे हैं. उनके लिए उनके घर पर ही कंप्यूटर लगा दिए गए हैं. इस बिजनेस से युवा हर माह के पंद्रह से बीस हजार रुपए कमा रहे हैं.