सूरजपुर: जिले के ग्राम पंचायत गोविंदपुर के लोग हर साल की तरह इस साल भी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, जबकि ये गांव SECL का आश्रित गांव है. गर्मी के दिनों में भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण गांव के हैंडपंप काम करना बंद कर दिया है, इससे पूरे गर्मी ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. पानी की समस्या से परेशान ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है. वहीं गांव के बाहर एक नल कनेक्शन लगाया गया है, लेकिन उसे भी नियमित चालू नहीं किया जाता जिससे कभी-कभी चालू होने पर वहां भी भीड़ इकट्ठा हो जाती है.
गर्मी में हर साल रहती है पानी की समस्या
ग्राम पंचायत कुंडा में लगभग हर साल गर्मी के दिनों में ये समस्या आम हो गई है, भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण गांव में स्थित दो हैंडपंप जवाब दे चुके हैं, जिससे ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. गर्मी के दिनों में बोरिंग या कुएं का जलस्तर 40 मीटर से भी ज्यादा नीचे चला जाता है. इससे सभी हैंडपंप और तालाब सूख चुके हैं. बता दें कि गोविंदपुर SECL आश्रित ग्राम है, बावजूद इसके यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है, ग्रामीणों का आरोप है कि न तो प्रशासन और न ही SECL इस ओर ध्यान दे रहा है.
एक नल के सहारे पूरा गांव
पानी की समस्या से परेशान ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें गर्मी में पानी की काफी तकलीफ सहनी पड़ती है. पीने का पानी काफी दूर से लाना पड़ता है. गांव के बाहर सिर्फ एक ही नल कनेक्शन है, लेकिन उसमें भी नियमित पानी नहीं आता है, जिससे कभी पानी आने पर उसमें भी एक साथ भीड़ लग जाती है. वहीं कई लोगों को इस दौरान पानी भी नहीं मिल पाता है. जिससे कई लोग मजबूरन हैंडपंप में आने वाले लाल-पानी से ही अपना गुजारा चलाते हैं.
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वहीं क्षेत्र के विधायक पारसनाथ राजवाड़े भी गांव की समस्या को मान रहे हैं. राजवाड़े ने कहा कि खदान क्षेत्र होने के कारण गांव में बोर सक्सेस नहीं हो पा रहे हैं, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों को गांव में जहां भी पानी का स्तर अच्छा हो वहां बोर कराने और पाइप लाइन के माध्यम से गांव में पानी पहुंचाने के निर्देश देने की बात कही. साथ ही टैंकर के माध्यम से गांव में पानी पहुंचाने का भी आश्वासन दिया.