सरगुजा : एक बार फिर ETV भारत की खबर का असर हुआ है. हमने अंबिकापुर से प्रतापपुर तक 40 किलोमीटर की सड़क निर्माण में बरती जा रही लापरवाही को लेकर प्रमुखता से खबर दिखाई थी, जिसका असर हुआ है. कलेक्टर सारांश मित्तर ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक टेक्निकल टीम को सड़क की जांच के लिए भेजा था. जांच में ठेकेदार और मॉनिटरिंग टीम की गलती सामने आने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
बता दें कि 40 किलोमीटर की सड़क के निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत लगातार मिल रही थी. वहीं पहली बारिश ने इस सड़क की पोल खोल कर रख दी है. बारिश के होते ही सड़क धस गई. पीडब्ल्यूडी की टेक्निकल टीम ने रिपोर्ट में बताया की सड़क बनाते वक्त सड़क के बेस में मिट्टी फिलिंग का काम ढंग से नहीं किया गया था.
एक बार फिर से सड़क निर्माण के आदेश
इसके अलावा सड़क के किनारे रिटर्निंग वॉल भी नहीं बनाये गए हैं, जिस वजह से यह सड़क बनने से पहले ही धसक गई. लिहाजा जांच रिपोर्ट के आधार पर और टेक्निकल टीम की सतत निगरानी में कलेक्टर ने एक बार फिर से सड़क निर्माण के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने यह भी लिखा है कि इस तरह के कृत्य न सिर्फ जनता के पैसों की बर्बादी हैं बल्कि इससे सरकार की छवि भी खराब होती है.
63 लाख रुपये की लागत से हुआ सड़क का निर्माण
दरअसल वर्ष 2016 में शासन ने सड़क के निर्माण की स्वीकृति दी थी. इसके लिए 63 लाख रुपये की लागत से सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन बारिश ने ठेकेदार के मंसूबों को उजागर कर दिया. इससे सड़क कई जगह से धसकने लगी और उसमें दरारे भी पड़ने लगी है. खबर प्रकाशन के बाद ठेकेदार की ओर से इसे छिपाने का प्रयास करते हुऐ सड़क की स्थिति में सुधारने का प्रयास भी किया गया है, लेकिन बार-बार सड़क निर्माण को लेकर अधिकारियों और ठेकेदारों को समझाइस देने वाले कलेक्टर ने इस बार सड़क निर्माण संबंधी सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.