अंबिकापुर: पीओपी के उपयोग से बनी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन से हर साल नदियों का पानी प्रदूषित होता है. जल प्रदूषण को कम करने के लिए इस बार शहर के अग्रसेन वार्ड के दरोगा कुआ इलाके की महिलाओं ने गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए एक अनोखा तरीका ढूंढ़ा है. महिला समूह की इस पहल से जहां एक ओर लोग जल प्रदूषण को लेकर जागरूक हो रहे है वहीं इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे.
10 दिनों तक चले गणपति उत्सव में शहर के सैकड़ों स्थानों पर गणपति प्रतिमाएं रखी गई. 10 दिनों की पूजा के बाद केमिकल रंगों और पीओपी (PoP) से बनी प्रतिमाओं को नदी और तालाब में विसर्जित कर दिया गया, लेकिन अग्रसेन वार्ड की महिला समूह ने इस बार भगवान गणेश का विसर्जन किसी नदी, तालाब में न कर घर पर रखी एक टंकी में किया.
नमामि गंगा योजना से प्रभावित
समूह की महिलाओं का कहना है कि पीओपी से बनी प्रतिमाएं पानी में घुल नहीं पाती थीं. प्रतिमाओं में इस्तेमाल किए गए केमिकल से नदी जल प्रदूषित हो जाता था. वहीं समूह की एक वरिष्ठ सदस्य का कहना है कि ये लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नमामि गंगा योजना से काफी प्रभावित हैं. उनका मानना है कि जब देश के पीएम गंगा को साफ सुथरा रखने में इतना काम कर रहे हैं. तो फिर थोड़ा सा योगदान तो वो भी दे सकती हैं.