सरगुजा: प्रदेश में एक ऐसी सब्जी है, जिसके लोग दीवाने हैं और कीमत चिकन से भी ज्यादा है. पूटू को लेकर दीवानगी भी ऐसी है कि, इसके नुकसान की जानकारी होते हुए भी इसे खाते हैं. सबसे अहम बात यह है की पूटू बाजार में चिकन और मटन से कहीं ज्यादा महंगे दाम पर बिकता है.
सोमवार को अंबिकापुर के बाजार में यह 4 सौ रुपए किलो बेचा गया, लेकिन 2 दिन पहले यह एक हजार रुपए किलो बेचा जा रहा है. लिहाजा इतनी महंगी सब्जी शायद ही सरगुजा के लोगों के किचन में कभी आती हो, लेकिन इसके स्वाद के सभी दीवाने हैं.
मशरूम की प्रजाति है पूटू
पूटू मशरूम की एक प्रजाति है. हर साल सरगुजा में डायरिया से होने वाली मौत का कारण पूटू को ही माना जाता है. इसके सेवन में सावधानी न रखने पर मौत तक होती है. बावजूद इसके पूटू की बिक्रि धड़ल्ले से जारी है.
पूटू में पर्याप्त मात्रा में होता है प्रोटीन
चिकित्सक भी मानते हैं की पूटू की सही पहचान आवश्यक है. कई बार कुछ जहरीले पूटू खा लेने से लोगों की मौत हो जाती हैं. पूटू में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है. पहले रुपए के अभाव में लोग पूटू खाते थे लेकिन अब कीमत चिकन और मटन के बराबर हो गई है.
100 किलोमीटर से पूटू बेचने आती हैं महिलाएं
लोगों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पूटू सेवन से मिल जाता है. अब यहां हालात कुछ और हैं. ग्रामीण अब इसे कुपोषण दूर करने के लिए नहीं बल्कि आय का साधन बना चुके हैं. महिलाएं 90 -100 किलोमीटर दूर तारा और मोरगा क्षेत्र से अंबिकापुर आकर पूटू बेचती हैं.