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Bilaspur : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर तालाब बेचने का आरोप, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - TS Singhdev accused of selling pond

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद टीएस सिंहदेव से जवाब मांगा है.

Health Minister TS Singhdev
टीएस सिंहदेव के खिलाफ हाईकोर्ट में लगी याचिका
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Published : Apr 3, 2023, 6:51 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ याचिका लगी थी. जिस पर आज सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को व्यक्तिगत रुप से या फिर अपने अधिवक्ता के माध्यम से 11 अप्रैल तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा है. पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली तरुनीर समिति ने हाईकोर्ट में टीएस सिंहदेव के खिलाफ याचिका लगाई है. जिसमें सिंहदेव पर पुरातन तालाब को पाटकर जमीन बेचने का आरोप लगाया गया है.

क्या है मामला : कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि '' शहर के बीच स्थित 52.06 एकड़ में फैले शिवसागर, मौलवी तालाब बांध की जमीन टीएस सिंहदेव के नाम पर थी. जिसे बेच दिया गया. याचिकाकर्ता तरूनीर समिति ने, बिलासपुर हाईकोर्ट में 20 मार्च को याचिका दाखिल की थी. याचिका पर हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने सुनवाई की. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने नोटिस में कहा है कि अगर तय समय सीमा में जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो, मामले में कोर्ट एक तरफा फैसला कर सकती है.

कितना पुराना है मामला : इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ईटीवी भारत के अम्बिकापुर के संवाददाता को बताया कि "शिव सागर बांध का जो एरिया है.वो पुश्तैनी जमीन है. 1947 में भारत सरकार और सरगुजा राजपरिवार के बीच हुई संधि में इसका जिक्र है . 2017 में इस जमीन की शिकायत तरुनीर समिति ने राज्य सरकार से की थी. तब तत्कालीन कलेक्टर ने शिकायत खारिज करते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को दी थी.

एनजीटी में भी हो चुकी है याचिका खारिज : साल 2018 में आलोक दुबे ने, एनजीटी में इसी मामले में याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने तरुनीर की शिकायत का भी उल्लेख किया. साल 2019 में एनजीटी ने इस मामले को खारिज किया. अपील को भी मेरिट के अनुसार खारिज करते हुए इस भूमि के विवाद पर पूर्ण विराम लगाया.

ये भी पढ़ें- सीएम पद को लेकर टीएस सिंहदेव के मन में फिर उठी कसक

टीएस सिंहदेव ने बताया राजनीतिक षड़यंत्र : टीएस सिंहदेव ने कहा कि '' आज मीडिया के साथियों के माध्यम से ये जानकारी लगी कि फिर से तरुनीर ने मुझे शिव सागर बांध के मामले में पार्टी बनाने हाईकोर्ट के सामने मांग की है. मीडिया के साथियों के द्वारा भेजे गए दस्तावेज का अध्ययन कर यह प्रतीत होता है कि न्यायालय ने मुझे ऐसा कहा है कि मामले में तरुनीर समिति ने आपको पक्षकार बनाने की मांग की है. क्योंकि अभी न्यायालय में केस चल रहा है, तो तथ्यों पर कुछ कहना उचित नहीं होगा.''

बिलासपुर : हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ याचिका लगी थी. जिस पर आज सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को व्यक्तिगत रुप से या फिर अपने अधिवक्ता के माध्यम से 11 अप्रैल तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा है. पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली तरुनीर समिति ने हाईकोर्ट में टीएस सिंहदेव के खिलाफ याचिका लगाई है. जिसमें सिंहदेव पर पुरातन तालाब को पाटकर जमीन बेचने का आरोप लगाया गया है.

क्या है मामला : कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि '' शहर के बीच स्थित 52.06 एकड़ में फैले शिवसागर, मौलवी तालाब बांध की जमीन टीएस सिंहदेव के नाम पर थी. जिसे बेच दिया गया. याचिकाकर्ता तरूनीर समिति ने, बिलासपुर हाईकोर्ट में 20 मार्च को याचिका दाखिल की थी. याचिका पर हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने सुनवाई की. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने नोटिस में कहा है कि अगर तय समय सीमा में जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो, मामले में कोर्ट एक तरफा फैसला कर सकती है.

कितना पुराना है मामला : इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ईटीवी भारत के अम्बिकापुर के संवाददाता को बताया कि "शिव सागर बांध का जो एरिया है.वो पुश्तैनी जमीन है. 1947 में भारत सरकार और सरगुजा राजपरिवार के बीच हुई संधि में इसका जिक्र है . 2017 में इस जमीन की शिकायत तरुनीर समिति ने राज्य सरकार से की थी. तब तत्कालीन कलेक्टर ने शिकायत खारिज करते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को दी थी.

एनजीटी में भी हो चुकी है याचिका खारिज : साल 2018 में आलोक दुबे ने, एनजीटी में इसी मामले में याचिका दायर की. जिसमें उन्होंने तरुनीर की शिकायत का भी उल्लेख किया. साल 2019 में एनजीटी ने इस मामले को खारिज किया. अपील को भी मेरिट के अनुसार खारिज करते हुए इस भूमि के विवाद पर पूर्ण विराम लगाया.

ये भी पढ़ें- सीएम पद को लेकर टीएस सिंहदेव के मन में फिर उठी कसक

टीएस सिंहदेव ने बताया राजनीतिक षड़यंत्र : टीएस सिंहदेव ने कहा कि '' आज मीडिया के साथियों के माध्यम से ये जानकारी लगी कि फिर से तरुनीर ने मुझे शिव सागर बांध के मामले में पार्टी बनाने हाईकोर्ट के सामने मांग की है. मीडिया के साथियों के द्वारा भेजे गए दस्तावेज का अध्ययन कर यह प्रतीत होता है कि न्यायालय ने मुझे ऐसा कहा है कि मामले में तरुनीर समिति ने आपको पक्षकार बनाने की मांग की है. क्योंकि अभी न्यायालय में केस चल रहा है, तो तथ्यों पर कुछ कहना उचित नहीं होगा.''

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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