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Exclusive : छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाना संभव, 90 विधानसभा को जिला बनाना व्यावहारिक नहीं: टीएस सिंहदेव

सूबे के कई अहम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बड़ी बेबाकी से सवालों के जवाब दिये. सबसे अहम, बृहस्पति सिंह मामले पर वे बोले कि, मेरे लिए तो ये मुद्दा समाप्त हो चुका है.

Special conversation with Health and Panchayat Minister TS Singhdev
स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत
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Published : Aug 21, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव काफी दिनों से दिल्ली में थे. लंबे समय के बाद वे सरगुजा पहुंचे. राजीव भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद फिर से दिल्ली रवाना हो गये. काफी व्यस्ततम शेड्यूल के बीच एयरपोर्ट जाते-जाते रास्ते में ही ETV भारत ने उनसे खास बातचीत की. इस दौरान प्रदेश के कई अहम मुद्दों पर किये गए सवालों का मंत्री टीएस सिंहदेव ने बेबाकी से जवाब दिया. सबसे अहम बृहस्पति सिंह मामले में उन्होंने कहा कि मेरे लिए तो ये मुद्दा समाप्त हो चुका है.

स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत

सवाल : सरकार जिले बनाने की कवायद कर रही है, क्या लगता है छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाने की दिशा में काम हो रहा है क्या?
जवाब : घोषणा पत्र में इसका उल्लेख था और उसी दिशा में 5 नये जिले बनाये हैं वर्तमान सरकार ने. अब 32 जिले छत्तीसगढ़ में हो गए हैं. घोषणा पत्र के अनुरूप 4 की गुंजाइश और है पर ये तो मुख्यमंत्री जी के स्तर की बात है, उन्हें ही निर्णय करना है.
सवाल : जिला विभाजन से आप कितने संतुष्ट हैं. अम्बिका सिंह ने विरोध जताया है कि उनको जानकारी तक नहीं थी?
जवाब : इसमें पहले जो प्रक्रिया होती थी, कमीशन आया करता था और कमीशन लोगों से रायशुमारी करके ये निर्णय लेता था. अभी जो निर्णय किया है क्योंकि राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र में ये बात रहती है. जिलों के गठन की जो बात है तो लंबी प्रक्रिया न करके ये निर्णय लिया गया कि जिलों का गठन कर उन्हें स्थापित करना है. जहां तक अम्बिका सिंह जी की बात है मैंने भी उनसे बात की थी. मनेन्द्रगढ़ जिला बनने से उन्हें आपत्ति नहीं है.

उन लोगों की चिंता है कि बैकुंठपुर जिले का जो भाग है, कौन सा भाग आयेगा. और जिलों के बारे में मैंने मुख्यमंत्री जी से बात की थी तो उनका भी यही कहना था कि अभी तो सिर्फ जिलों के गठन की घोषणा हुई है. परिसीमन इत्यादि की प्रक्रिया अभी नहीं हुई है. परिसीमन की जब प्रक्रिया होगी तो उस समय ग्राम सभाओं से प्रस्ताव या अन्य माध्यम से लोगों की प्रतिक्रिया ली जायेगी कि कौन किस जिले में सम्मिलित होना चाहते हैं. उस समय भौगोलिक स्थिति और संसाधनों को देखते हुए कौन किस जिले में सम्मिलित होगा यह निर्णय हो जायेगा. नाम कहां हो, किसका नाम जुड़े, क्योंकी इसमें पुरानी भी व्यवस्थाएं हैं.

पुराने ऐसे दृष्टांत हैं जांजगीर चाम्पा जिला बना. बलौदाबाजार बना तो बगल की बस्ती का नाम भी जोड़ा गया. इसी तरह से मरवाही जिला बना तो पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के नाम से किया. अन्य जिलों में भी अगर किसी क्षेत्र की मांग है तो उसका नाम जोड़कर उनका सम्मान रखा जा सकता है. तो मुझे नहीं लगता इसमें कोई अड़चन की बात है, लेकिन हर कस्बा अगर जिला चाहेगा तो ये संभव नहीं है. हर विधानसभा ये कहे कि जिला बने तो ये संभव नहीं. हालांकि एक विधानसभा के भी जिले बने हैं. उनके भौगोलिक स्वरूप को देखते हुए आगे भी कुछ विधानसभा जिले बन सकते हैं, लेकिन 90 की 90 विधानसभा जिला बन जाये ये संभव नहीं है. मुझे लगता है कि छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाना तो संभव है, लेकिन 90 विधानसभा को जिला बनाना ये व्यावहारिक नहीं है.

सवाल : दिल्ली में नारे लगे बाबा-बाबा बोल रहा, छत्तीसगढ़ डोल रहा है. कार्यकर्ताओं की ये भावना क्या थी?
जवाब : मुझे लगता है स्वतः स्फूर्त हो गया, क्योंकि न तो मुझे पता था कि कौन-कौन जा रहे हैं. वहां युवा कांग्रेस का कार्यक्रम था. युवा वहां जुटे थे, महंगाई इत्यादि के मुद्दों पर केंद्रीय सरकार को जगाने हमारा युवा प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा था. वहां उस दरम्यान उत्साह में किसी समूह ने नारे लगाए हों, सामान्य रूप से ये होता है. हालांकि ये जितना कम हो उतना अच्छा है.

सवाल : वर्तमान में आपकी पार्टी के विधायक बृहस्पति सिंह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. कभी पत्रकारों पर बयान, कभी आप पर बयान और अब ऑडियो वायरल हो रहा है?
जवाब : जहां तक अधिकारी का मामला है तो वो उचित फोरम में जाते हैं या नहीं. पहली बात तो घटना घटित हुई कि नहीं, इस बात की तस्दीक होनी चाहिए. अगर घटना घटित हुई है तो अधिकारी जिस फोरम में जाएंगे, वहां अवश्य कार्रवाई होगी. और बृहस्पति ने कहा है कि ऐसा नहीं हुआ है तो जांच होगी. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई होगी.

सवाल : आपके ऊपर जो उन्होंने आरोप लगाए थे, उस पर संगठन क्या कर रहा है?
जवाब : मेरे हिसाब से तो मैंने उस बात को समाप्त ही कर दिया है. मेरे लिए वो मुद्दा नहीं रह गया. क्योंकी पार्टी ने भी संज्ञान लेकर शो-कॉज नोटिस उन्हें दिया था. आगे वो क्या करना चाहते हैं, ये पार्टी के विवेक पर निर्भर करता है. और सरकार से मैं चाहता था कि मैं भी मंत्री होने के नाते सरकार का एक हिस्सा हूं. और अगर ऐसी कोई बात आ रही है तो सरकार की ओर से ये स्पष्ट होना चाहिए कि इस मंत्री पर जो आरोप लग रहे हैं, वो सही हैं या गलत. तो सरकार की ओर से भी सदन में ये स्पष्ट किया गया. तो जहां तक मेरा सवाल है वो मामला अब मेरे लिए नहीं रह गया.

सरगुजा: प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव काफी दिनों से दिल्ली में थे. लंबे समय के बाद वे सरगुजा पहुंचे. राजीव भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद फिर से दिल्ली रवाना हो गये. काफी व्यस्ततम शेड्यूल के बीच एयरपोर्ट जाते-जाते रास्ते में ही ETV भारत ने उनसे खास बातचीत की. इस दौरान प्रदेश के कई अहम मुद्दों पर किये गए सवालों का मंत्री टीएस सिंहदेव ने बेबाकी से जवाब दिया. सबसे अहम बृहस्पति सिंह मामले में उन्होंने कहा कि मेरे लिए तो ये मुद्दा समाप्त हो चुका है.

स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत

सवाल : सरकार जिले बनाने की कवायद कर रही है, क्या लगता है छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाने की दिशा में काम हो रहा है क्या?
जवाब : घोषणा पत्र में इसका उल्लेख था और उसी दिशा में 5 नये जिले बनाये हैं वर्तमान सरकार ने. अब 32 जिले छत्तीसगढ़ में हो गए हैं. घोषणा पत्र के अनुरूप 4 की गुंजाइश और है पर ये तो मुख्यमंत्री जी के स्तर की बात है, उन्हें ही निर्णय करना है.
सवाल : जिला विभाजन से आप कितने संतुष्ट हैं. अम्बिका सिंह ने विरोध जताया है कि उनको जानकारी तक नहीं थी?
जवाब : इसमें पहले जो प्रक्रिया होती थी, कमीशन आया करता था और कमीशन लोगों से रायशुमारी करके ये निर्णय लेता था. अभी जो निर्णय किया है क्योंकि राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र में ये बात रहती है. जिलों के गठन की जो बात है तो लंबी प्रक्रिया न करके ये निर्णय लिया गया कि जिलों का गठन कर उन्हें स्थापित करना है. जहां तक अम्बिका सिंह जी की बात है मैंने भी उनसे बात की थी. मनेन्द्रगढ़ जिला बनने से उन्हें आपत्ति नहीं है.

उन लोगों की चिंता है कि बैकुंठपुर जिले का जो भाग है, कौन सा भाग आयेगा. और जिलों के बारे में मैंने मुख्यमंत्री जी से बात की थी तो उनका भी यही कहना था कि अभी तो सिर्फ जिलों के गठन की घोषणा हुई है. परिसीमन इत्यादि की प्रक्रिया अभी नहीं हुई है. परिसीमन की जब प्रक्रिया होगी तो उस समय ग्राम सभाओं से प्रस्ताव या अन्य माध्यम से लोगों की प्रतिक्रिया ली जायेगी कि कौन किस जिले में सम्मिलित होना चाहते हैं. उस समय भौगोलिक स्थिति और संसाधनों को देखते हुए कौन किस जिले में सम्मिलित होगा यह निर्णय हो जायेगा. नाम कहां हो, किसका नाम जुड़े, क्योंकी इसमें पुरानी भी व्यवस्थाएं हैं.

पुराने ऐसे दृष्टांत हैं जांजगीर चाम्पा जिला बना. बलौदाबाजार बना तो बगल की बस्ती का नाम भी जोड़ा गया. इसी तरह से मरवाही जिला बना तो पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के नाम से किया. अन्य जिलों में भी अगर किसी क्षेत्र की मांग है तो उसका नाम जोड़कर उनका सम्मान रखा जा सकता है. तो मुझे नहीं लगता इसमें कोई अड़चन की बात है, लेकिन हर कस्बा अगर जिला चाहेगा तो ये संभव नहीं है. हर विधानसभा ये कहे कि जिला बने तो ये संभव नहीं. हालांकि एक विधानसभा के भी जिले बने हैं. उनके भौगोलिक स्वरूप को देखते हुए आगे भी कुछ विधानसभा जिले बन सकते हैं, लेकिन 90 की 90 विधानसभा जिला बन जाये ये संभव नहीं है. मुझे लगता है कि छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाना तो संभव है, लेकिन 90 विधानसभा को जिला बनाना ये व्यावहारिक नहीं है.

सवाल : दिल्ली में नारे लगे बाबा-बाबा बोल रहा, छत्तीसगढ़ डोल रहा है. कार्यकर्ताओं की ये भावना क्या थी?
जवाब : मुझे लगता है स्वतः स्फूर्त हो गया, क्योंकि न तो मुझे पता था कि कौन-कौन जा रहे हैं. वहां युवा कांग्रेस का कार्यक्रम था. युवा वहां जुटे थे, महंगाई इत्यादि के मुद्दों पर केंद्रीय सरकार को जगाने हमारा युवा प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा था. वहां उस दरम्यान उत्साह में किसी समूह ने नारे लगाए हों, सामान्य रूप से ये होता है. हालांकि ये जितना कम हो उतना अच्छा है.

सवाल : वर्तमान में आपकी पार्टी के विधायक बृहस्पति सिंह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. कभी पत्रकारों पर बयान, कभी आप पर बयान और अब ऑडियो वायरल हो रहा है?
जवाब : जहां तक अधिकारी का मामला है तो वो उचित फोरम में जाते हैं या नहीं. पहली बात तो घटना घटित हुई कि नहीं, इस बात की तस्दीक होनी चाहिए. अगर घटना घटित हुई है तो अधिकारी जिस फोरम में जाएंगे, वहां अवश्य कार्रवाई होगी. और बृहस्पति ने कहा है कि ऐसा नहीं हुआ है तो जांच होगी. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई होगी.

सवाल : आपके ऊपर जो उन्होंने आरोप लगाए थे, उस पर संगठन क्या कर रहा है?
जवाब : मेरे हिसाब से तो मैंने उस बात को समाप्त ही कर दिया है. मेरे लिए वो मुद्दा नहीं रह गया. क्योंकी पार्टी ने भी संज्ञान लेकर शो-कॉज नोटिस उन्हें दिया था. आगे वो क्या करना चाहते हैं, ये पार्टी के विवेक पर निर्भर करता है. और सरकार से मैं चाहता था कि मैं भी मंत्री होने के नाते सरकार का एक हिस्सा हूं. और अगर ऐसी कोई बात आ रही है तो सरकार की ओर से ये स्पष्ट होना चाहिए कि इस मंत्री पर जो आरोप लग रहे हैं, वो सही हैं या गलत. तो सरकार की ओर से भी सदन में ये स्पष्ट किया गया. तो जहां तक मेरा सवाल है वो मामला अब मेरे लिए नहीं रह गया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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