सरगुजा: राज्यपाल अनुसुइया उइके शनिवार को पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित संत गहिरा गुरु विश्व विद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में पहुंचीं. राज्यपाल ने विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करने के साथ ही वर्ष 2010 से 2020 के विभिन्न संकायों के 231 उपाधिधारकों को स्वर्ण पदक, 5 पीएचडी उपाधिधारकों एवं 2 मानद उपाधिधारकों को सम्मानित किया.
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उपाधिधारक सम्मानित: राज्यपाल ने विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की. साल 2010 से 2020 के विभिन्न संकायों के 231 उपाधिधारकों को स्वर्ण पदक, 5 पीएचडी उपाधिधारकों एवं 2 मानद उपाधिधारकों को सम्मानित किया. कार्यक्रम में भित्ति चित्र कला में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरगुजा का नाम रौशन करने वाली स्व. सुंदरी बाई को मरणोपरांत डॉक्टर्स ऑफ लेटर्स एवं वृक्ष मित्र स्व. ओपी अग्रवाल को डॉक्टर्स ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की. उनकी ओर से परिवार के सदस्यों ने यह सम्मान राज्यपाल अन्य अतिथियों के हाथों से प्राप्त किया.
छात्रों को दिए मार्गदर्शन: राज्यपाल एवं कुलाधिपति अनुसुइया उइके ने कहा कि विद्यार्थियों के पालकों के संस्कार का प्रतिफल है कि उन्हें आज सुखद अनुभूति हो रही है. डिग्री लेना अपने आप में जीवन की बड़ी उपलब्धी हो सकती है, लेकिन सफल मुकाम हासिल करने के लिए सही आचरण और व्यवहार का होना उतना ही जरूरी है. छात्र इन तीनों के अंगीकरण से समाज और देश के लिए उच्च कोटि का कार्य कर शिक्षा के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ने की जिम्मेदारी पेश करें. विद्या को अपने तक सीमित न रखें बल्कि समाज में ले जाएं.
विवि कुलाधिपति अनुसुइया उइके ने कहा कि संत गहिरा गुरु ने जनजाति समाज के उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया. संत गहिरा गुरु के विचारों को विस्तारित करना जरूरी है, ताकि जनजाति समाज मुख्यधारा में आगे बढ़ सकें. संत गहिरा गुरु के बताए मार्ग पर चलने से, उनका अभिसरण करने से आने वाले समय में सरगुजा संभाग प्रदेश का उत्कृष्ट संभाग बनेगा.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्थापना 2008 में होने के बाद 2022 में प्रथम दीक्षांत समारोह होना आश्चर्यजनक है. दीक्षांत समारोह बहुत पहले शुरु हो जाना चाहिए था. दो साल पहले समारोह आयोजन की तैयारी की गई थी. लेकिन कोरोना के कारण नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल होना गर्व की बात है. विश्वविद्यालय में शोध एवं नए अकादमिक विषयों और अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. वर्तमान में शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों की कमियां है, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है. हम सभी को इसके लिए मिलकर प्रयास करना होगा.