अंबिकापुर: विध्नहर्ता भगवान गणेश का जन्मोत्सव आने वाला है. पुराणों में भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्मोत्सव बताया गया है. इसलिए लोग इस दिन गणेश प्रतिमा स्थापित कर अनंत चतुर्दशी तक उनकी नियमित पूजा अर्चना करते हैं. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है. यानी इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी.
गणेश जी को कैसे करें प्रसन्न? : भगवान गणेश को मोदक, बेसन के लड्डू, दूबी, हल्दी, मोती की माला, ताजे फूल की माला बेहद प्रिय है. गणेश जी पर ये वस्तु अर्पित करने पर वो बेहद प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुछ वस्तुएं भगवान गणेश को चढ़ाना वर्जित है. इन्हें अर्पित करने से आप उनके क्रोध के भागी बन सकते हैं. इसलिए गणेश पूजन में आप भूलकर भी इन वस्तुओं को उन्हें अर्पित ना करें.
यह वस्तुएं गणेश जी के पूजन में हैं वर्जित: पंडित संजय तिवारी बताते हैं, "गणेश जी को तुलसी पत्ता, बासी फूल, सफेद वस्तु, टूटे चावल, सफेद चावल नहीं चढ़ाना चाहिये. ये वस्तुएं उनके पूजन में वर्जित हैं. इन्हें चढ़ाने से वो विपरीत फल दे सकते हैं. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. एक बार गणेश जी साधना कर रहे थे. तुलसी ने उन्हें देखकर उनसे विवाह करना चाहा. जिससे गणेश जी की तपस्या भंग हो गई. नाराज होकर गणेश जी ने तुलसी को श्राप दे दिया कि उसका विवाह राक्षस से होगा. इससे क्षुब्ध तुलसी ने गणेश जी का त्याग सदा के लिए कर दिया.
श्वेत वस्तु गणेश जी को नहीं करें अर्पित: इसी प्रकार श्वेत वस्तु गणेश जी पर नहीं चढ़ानी चाहिए. क्योंकि श्वेत चंद्रमा का प्रतीक है. एक बार गणेश जी का शीश देखकर चंद्रमा ने उनका उपहास कर दिया था. तब से वो चंद्रमा या उससे जुड़ी चीज स्वीकार नहीं करते हैं. गणेश जी को अगर चावल अर्पित करना है, तो पहले उसे हल्दी से पीला कर लें. यह भी ध्यान रखें कि चावल के दाने टूटे ना हों. दूबी की माला उन्हें अत्यंत प्रिय है. दूबी को हल्दी में भिगोकर अर्पित करने से भगवान गणेश अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इसलिए इस तरह की वस्तुओं को भगवान गणेश को अर्पित कर आप उनके नामों का जप करते रहें. ऐसा करने से वो विशेष फल देते हैं.