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जानिये ग्रामीणों का विज्ञान 'टेड़ा' की खासियत

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Published : Aug 1, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा के आदिवासी उस समय से विज्ञान का उपयोग कर रहे थे. जब उनके गांव से कोई स्कूल भी नहीं जाता था. आदिवासी ग्रामीणों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए टेड़ा का निर्माण किया. इस टेड़ा का उपयोग करते हुए ग्रामीण आसानी से कुएं से पानी निकालते आ रहें हैं.

Features of TEDA method of extracting water from well in Surguja
पानी निकालने की टेड़ा पद्धति

सरगुजा : आदिवासी बाहुल्य सरगुजा के गांव में वर्षों पहले शिक्षा का अभाव था. लेकिन ग्रामीण अपने संसाधन जुटाने के लिए विज्ञान का प्रयोग किया करते थे. ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कहीं न कहीं विज्ञान का सहारा लेते थे. इसका एक उदाहरण है टेड़ा. ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ से टेड़ा तैयार किया. इसका उपयोग कुएं से पानी निकालने के लिए करते हैं. आइये जानते हैं क्या है टेड़ा और यह काम कैसे करता है.

कुएं से पानी निकालने की टेड़ा पद्धति

गांव में कुएं से पानी खींचने के लिये इसका उपयोग किया जाता है, जिससे गहरे कुएं के अंदर से पानी से भरी हुई वजनदार बाल्टी को ऊपर खींचने में आसानी होती है. बाल्टी का भार इंसान को नहीं खींचना पड़ता बल्कि टेड़ा वजनदार बाल्टी को खुद ही ऊपर की ओर खींच देता है. शादी-विवाह जैसे आयोजनों में जल्दी और अधिक पानी की उपलब्धता में यह सहायक होता है.

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कैसे काम करता है टेड़ा ?

दरसल कुएं से करीब 15-20 फीट की दूरी पर जमीन में 2 लकड़ी के खंभे लगाए जाते हैं. इन दो खंभों के बीच में करीब जमीन से 10 फीट ऊपर एक बांस लगाया जाता है. यह बांस खंभे में 10 प्रतिशत एक ओर और 90 प्रतिशत दूसरी ओर निकला होता है. दूसरी तरफ बांस की लंबाई इतनी रहती है कि वो ऊपर से कुएं के बिल्कुल बीच में आए और बांस के अंतिम छोर में लंबी रस्सी बांध दी जाती है और रस्सी के अंतिम छोर में बाल्टी. टेड़ा के बांस के 10 प्रतिशत निकले हुए भाग के अंतिम छोर में बोरियों में भरकर वजन दार पत्थर बांध दिया जाता है. अब कुंए के ऊपर एक व्यक्ति खड़ा होकर बांस से बंधी रस्सी को खींचकर कुंए में बाल्टी डालता है. बाल्टी जब पानी से भर जाती है तब टेड़ा के दूसरे छोर में बंधा वजनदार पत्थर खुद पानी से भरी बाल्टी को कुंए से ऊपर ले आता है.

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इस तरह से सरगुजा के ग्रामीण काफी पुराने समय से विज्ञान का इस्तेमाल कर अपनी मेहनत बचाते आ रहे हैं. लेकिन बदलते वक्त से साथ अब टेड़ा का उपयोग कम ही दिखता है. तो आप भी अगर कुएं का इस्तमाल करते हैं तो इस ग्रामीण विज्ञान का प्रयोग कर कुंए से पानी निकालने के लिये टेड़ा का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सरगुजा : आदिवासी बाहुल्य सरगुजा के गांव में वर्षों पहले शिक्षा का अभाव था. लेकिन ग्रामीण अपने संसाधन जुटाने के लिए विज्ञान का प्रयोग किया करते थे. ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कहीं न कहीं विज्ञान का सहारा लेते थे. इसका एक उदाहरण है टेड़ा. ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ से टेड़ा तैयार किया. इसका उपयोग कुएं से पानी निकालने के लिए करते हैं. आइये जानते हैं क्या है टेड़ा और यह काम कैसे करता है.

कुएं से पानी निकालने की टेड़ा पद्धति

गांव में कुएं से पानी खींचने के लिये इसका उपयोग किया जाता है, जिससे गहरे कुएं के अंदर से पानी से भरी हुई वजनदार बाल्टी को ऊपर खींचने में आसानी होती है. बाल्टी का भार इंसान को नहीं खींचना पड़ता बल्कि टेड़ा वजनदार बाल्टी को खुद ही ऊपर की ओर खींच देता है. शादी-विवाह जैसे आयोजनों में जल्दी और अधिक पानी की उपलब्धता में यह सहायक होता है.

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कैसे काम करता है टेड़ा ?

दरसल कुएं से करीब 15-20 फीट की दूरी पर जमीन में 2 लकड़ी के खंभे लगाए जाते हैं. इन दो खंभों के बीच में करीब जमीन से 10 फीट ऊपर एक बांस लगाया जाता है. यह बांस खंभे में 10 प्रतिशत एक ओर और 90 प्रतिशत दूसरी ओर निकला होता है. दूसरी तरफ बांस की लंबाई इतनी रहती है कि वो ऊपर से कुएं के बिल्कुल बीच में आए और बांस के अंतिम छोर में लंबी रस्सी बांध दी जाती है और रस्सी के अंतिम छोर में बाल्टी. टेड़ा के बांस के 10 प्रतिशत निकले हुए भाग के अंतिम छोर में बोरियों में भरकर वजन दार पत्थर बांध दिया जाता है. अब कुंए के ऊपर एक व्यक्ति खड़ा होकर बांस से बंधी रस्सी को खींचकर कुंए में बाल्टी डालता है. बाल्टी जब पानी से भर जाती है तब टेड़ा के दूसरे छोर में बंधा वजनदार पत्थर खुद पानी से भरी बाल्टी को कुंए से ऊपर ले आता है.

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इस तरह से सरगुजा के ग्रामीण काफी पुराने समय से विज्ञान का इस्तेमाल कर अपनी मेहनत बचाते आ रहे हैं. लेकिन बदलते वक्त से साथ अब टेड़ा का उपयोग कम ही दिखता है. तो आप भी अगर कुएं का इस्तमाल करते हैं तो इस ग्रामीण विज्ञान का प्रयोग कर कुंए से पानी निकालने के लिये टेड़ा का इस्तेमाल कर सकते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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