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SNCU में बड़ी लापरवाही पर स्वास्थ्य मंत्री ने कही रिपोर्ट लेने की बात - child disappearance from SNCU

सरगुजा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वार्मर से बच्चा गायब होने के बाद परिजनों में अफरातफरी मच गई. 5 घंटे के बाद अस्पताल की छत पर आखिरकार बच्चा मिल गया.

family created a ruckus over child
SNCU में बड़ी लापरवाही
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Published : Nov 18, 2021, 1:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुज़ा : राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू में लगातार बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद यहां लगातार समीक्षा और निरीक्षण का एक लंबा दौर चला. कहा गया की व्यवस्थाओं को और दुरुस्त किया जाएगा. लेकिन यहां व्यवस्था और लचर दिख रही है. अस्पताल प्रबंधन की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है.

आज सुबह सुबह एसएनसीयू से एक नवजात बच्चा गायब हो गया. अस्पताल से बच्चा गायब होने के बाद एक तरफ परिजन के पैरों तले जमीन खिसक गई. तो वहीं दूसरी ओर प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा भी जांच पड़ताल शुरू की गई. जिसके बाद बच्चे को सकुशल बरामद किया गया. बड़ी बात यह है कि नवजात को किसी दूसरे बच्चे के परिजन उठाकर धूप दिखाने के लिए छत पर ले गए थे. 6 घंटे के बाद बच्चे के मिलने से परिजन और प्रबंधन ने राहत की सांस ली. लेकिन इस घटना ने एसएनसीयू की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हैरानी की बात तो यह है कि दूसरा व्यक्ति किसी दूसरे के बच्चे को कैसे ले जा सकता है और इसकी जानकारी वार्ड में ड्यूटी कर रही नर्सों को भी नहीं लग सकी. अक्सर बच्चों का वार्मर बेड बदलने से परिजनों में कंफ्यूजन होता है. लेकिन ऐसी लापरवाही नर्सिंग स्टाफ की सुस्त कार्य प्रणाली की वजह से होती है. अगर किसी बच्चे का बेड बदला गया है तो तत्काल उसके परिजन को सूचित करना चाहिये. क्योंकि नवजात बच्चे सभी लगभग के जैसे दिखते हैं.

ये है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि दरिमा के बेलखरीखा निवासी तारा सिंह पति कलेश्वर सिंह को प्रसव के लिए 12 नवम्बर को मेडिकल कॉलेज के एमसीएच भवन में भर्ती कराया गया था. जहां 13 नवम्बर को ऑपरेशन से महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे का वजन कम होने और अन्य कारणों से डॉक्टरों द्वारा उसे एसएनसीयू में रखकर उपचार किया जा रहा था. इसी बीच आज सुबह 5 बजे महिला को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए नर्स द्वारा बुलाया गया और महिला बच्चे को दूध पिलाने के बाद लौट गई. एक घण्टे बाद 6 बजे जब पुनः महिला दूध पिलाने पहुंची तो वार्मर मशीन में उसका बेटा नही था. बच्चे को वार्ड में नहीं पाकर पहले तो महिला ने आस पास खोजबीन की लेकिन बच्चे का कोई पता नहीं चला. तो उसने इसकी जानकारी हॉस्पिटल पुलिस को दी. अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से बच्चा चोरी होने की जानकारी मिलते ही प्रबंधन और पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. वहीं परिजन का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा बच्चे की खोजबीन शुरू की गई. अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की गई लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा था. अंततः अस्पताल की छत पर एक महिला बच्चे को अपना बच्चा समझकर उसे धूप दिखती पाई गई जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली.

स्वास्थ्य मंत्री ने कही रिपोर्ट लेने की बात

इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा है की ये कमियां हैं. निश्चित रूप से ये कमियां हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले इसकी रिपोर्ट भी लूंगा. सावधानी बरतनी चाहिए

सरगुज़ा : राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू में लगातार बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद यहां लगातार समीक्षा और निरीक्षण का एक लंबा दौर चला. कहा गया की व्यवस्थाओं को और दुरुस्त किया जाएगा. लेकिन यहां व्यवस्था और लचर दिख रही है. अस्पताल प्रबंधन की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है.

आज सुबह सुबह एसएनसीयू से एक नवजात बच्चा गायब हो गया. अस्पताल से बच्चा गायब होने के बाद एक तरफ परिजन के पैरों तले जमीन खिसक गई. तो वहीं दूसरी ओर प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा भी जांच पड़ताल शुरू की गई. जिसके बाद बच्चे को सकुशल बरामद किया गया. बड़ी बात यह है कि नवजात को किसी दूसरे बच्चे के परिजन उठाकर धूप दिखाने के लिए छत पर ले गए थे. 6 घंटे के बाद बच्चे के मिलने से परिजन और प्रबंधन ने राहत की सांस ली. लेकिन इस घटना ने एसएनसीयू की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हैरानी की बात तो यह है कि दूसरा व्यक्ति किसी दूसरे के बच्चे को कैसे ले जा सकता है और इसकी जानकारी वार्ड में ड्यूटी कर रही नर्सों को भी नहीं लग सकी. अक्सर बच्चों का वार्मर बेड बदलने से परिजनों में कंफ्यूजन होता है. लेकिन ऐसी लापरवाही नर्सिंग स्टाफ की सुस्त कार्य प्रणाली की वजह से होती है. अगर किसी बच्चे का बेड बदला गया है तो तत्काल उसके परिजन को सूचित करना चाहिये. क्योंकि नवजात बच्चे सभी लगभग के जैसे दिखते हैं.

ये है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि दरिमा के बेलखरीखा निवासी तारा सिंह पति कलेश्वर सिंह को प्रसव के लिए 12 नवम्बर को मेडिकल कॉलेज के एमसीएच भवन में भर्ती कराया गया था. जहां 13 नवम्बर को ऑपरेशन से महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे का वजन कम होने और अन्य कारणों से डॉक्टरों द्वारा उसे एसएनसीयू में रखकर उपचार किया जा रहा था. इसी बीच आज सुबह 5 बजे महिला को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए नर्स द्वारा बुलाया गया और महिला बच्चे को दूध पिलाने के बाद लौट गई. एक घण्टे बाद 6 बजे जब पुनः महिला दूध पिलाने पहुंची तो वार्मर मशीन में उसका बेटा नही था. बच्चे को वार्ड में नहीं पाकर पहले तो महिला ने आस पास खोजबीन की लेकिन बच्चे का कोई पता नहीं चला. तो उसने इसकी जानकारी हॉस्पिटल पुलिस को दी. अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से बच्चा चोरी होने की जानकारी मिलते ही प्रबंधन और पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. वहीं परिजन का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा बच्चे की खोजबीन शुरू की गई. अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की गई लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा था. अंततः अस्पताल की छत पर एक महिला बच्चे को अपना बच्चा समझकर उसे धूप दिखती पाई गई जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली.

स्वास्थ्य मंत्री ने कही रिपोर्ट लेने की बात

इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा है की ये कमियां हैं. निश्चित रूप से ये कमियां हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले इसकी रिपोर्ट भी लूंगा. सावधानी बरतनी चाहिए

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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