सरगुजा: जिले में कोरोना संक्रमण में कमी आई है, लेकिन अब भी कोरोना संक्रमण (corona infection) पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाया है. ऐसे में कई मरीज अब भी कोरोना से लड़ रहे हैं. इस बीच जिले में न सिर्फ युवा बल्कि बुजुर्ग भी कोरोना को मात दे रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को 98 साल की दादी अपने बुलंद हौसले और डॉक्टरों की मेहनत से कोरोना से जंग जीतने में सफलता हासिल की और लोगों के सामने मिसाल पेश की. उम्र का हौसलों से कोई लेना-देना नहीं है, ये बात एक बार फिर साबित हो गई.
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40 प्रतिशत था लंग्स में इंफेक्शन
शहर के गांधीनगर निवासी जायसवाल परिवार की 98 वर्षीय सुंदरी देवी को 10 मई से गले में हल्की परेशानी थी. शुरुआत में दो तीन दिनों तक गर्म पानी, काढ़ा पीकर देखने के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ. इस दौरान उन्हें बुखार और उल्टियां भी शुरू हो गई थी. जिसके बाद उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया गया, जिसमें वो पॉजिटिव पाई गईं. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें शहर के लक्ष्मी नारायण हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. जहां जांच में पता चला कि उनके फेफड़ों तक इंफेक्शन पहुंच चुका है. सीटी स्कैन में लगभग 40 प्रतिशत इंफेक्शन की रिपोर्ट आई. सुंदरी देवी का ऑक्सीजन लेवल भी 90 तक पहुंच गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वो अपने हौसले को ऊंचा रखकर लड़ीं और कोरोना को हराने में कामयाब रहीं.
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युवाओं से कम नहीं इम्युनिटी
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना से लड़ने में सबसे कमजोर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को माना गया है, लेकिन पुराने समय के खानपान और नियमित दिनचर्या में रहने वाले बुजुर्ग लगातार कोरोना से ठीक होकर ये साबित कर रहे हैं कि उनका इम्यून सिस्टम युवा पीढ़ी से कहीं बेहतर काम कर रहा है. तभी 98 वर्ष की बुजुर्ग वृद्धा ने कोरोना को मात दी और स्वस्थ होकर घर जा चुकी हैं. इससे पहले भी प्रदेश में कई बुजुर्गों को कोरोना से जंग लड़कर उसे हराते देखा गया.