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सरगुजा : पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार, अमीरों ने लिया लाभ और गरीब हैं बेघर

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Published : Mar 29, 2019, 10:23 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

आरटीआई से मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि जिन लोगों के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, उनमें से अधिकतर पहले से साधन संपन्न लोग हैं, जबकि गरीब जरूरतमंद अब भी बेघर हैं.

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार

सरगुजा : जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है. आरटीआई से मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि जिन लोगों के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, उनमें से अधिकतर पहले से साधन संपन्न लोग हैं, जबकि गरीब जरूरतमंद अब भी बेघर हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता अभय नारायण पांडेय ने दस्तावेजों के आधार पर ये आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि, 'इस योजना के तहत शासकीय कर्मचारी अपने परिवार के नाम से पीएम आवास का लाभ ले रहे हैं, जिसका पहले से ही दो मंजिला मकान बना हुआ है, वहीं कुछ जगहों पर तो एक ही रकबे की जमीन पर कई अलग-अलग लोगों के नाम से आवास स्वीकृत हो गए हैं.

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने वालों में पार्टी के ही लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपने रसूख के दम पर पीएम आवास स्वीकृत करा रखा है, जबकि संभाग में ही उनके कई मकान हैं'.
वहीं इस संबंध में नगर निगम आयुक्त मनोज सिंह का मानना है कि, 'पूर्व में आई गाइडलाइंस की जानकारी नहीं होने की वजह से ऐसी गलतियां हुई हैं, लेकिन जब बाद में नियम बदले तब से ऐसा नहीं हो रहा है, लेकिन उन्होंने माना कि 303 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें पैसे की रिकवरी भी की जाएगी.'

रिकवर की जाने वाली राशि का कोई आंकड़ा तो अभी निर्धारित नहीं हो सका है, लेकिन पीएम आवास की पहली किश्त 50 हजार का गुणा अगर 303 प्रकरणों से करेंगे तो करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की वसूली की जानी है.

सरगुजा : जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है. आरटीआई से मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि जिन लोगों के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, उनमें से अधिकतर पहले से साधन संपन्न लोग हैं, जबकि गरीब जरूरतमंद अब भी बेघर हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता अभय नारायण पांडेय ने दस्तावेजों के आधार पर ये आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि, 'इस योजना के तहत शासकीय कर्मचारी अपने परिवार के नाम से पीएम आवास का लाभ ले रहे हैं, जिसका पहले से ही दो मंजिला मकान बना हुआ है, वहीं कुछ जगहों पर तो एक ही रकबे की जमीन पर कई अलग-अलग लोगों के नाम से आवास स्वीकृत हो गए हैं.

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने वालों में पार्टी के ही लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपने रसूख के दम पर पीएम आवास स्वीकृत करा रखा है, जबकि संभाग में ही उनके कई मकान हैं'.
वहीं इस संबंध में नगर निगम आयुक्त मनोज सिंह का मानना है कि, 'पूर्व में आई गाइडलाइंस की जानकारी नहीं होने की वजह से ऐसी गलतियां हुई हैं, लेकिन जब बाद में नियम बदले तब से ऐसा नहीं हो रहा है, लेकिन उन्होंने माना कि 303 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें पैसे की रिकवरी भी की जाएगी.'

रिकवर की जाने वाली राशि का कोई आंकड़ा तो अभी निर्धारित नहीं हो सका है, लेकिन पीएम आवास की पहली किश्त 50 हजार का गुणा अगर 303 प्रकरणों से करेंगे तो करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की वसूली की जानी है.

Intro:सरगुजा : पीएम मोदी हर इंसान को छत देने का दावा करते हैं, अपने कार्यकाल में शुरू की गई पीएम आवास योजना के जादुई आंकड़े बताते हैं, लेकिन इन आंकड़ों की जमीनी हकीकत कुछ और है, योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। नगर निगम अम्बिकापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, आरटीआई से मिले दस्तावेजो के आधार पर यह खुलासा हुआ है। आरटीआई में जिन लोगो के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, उनमे से अधिकतर पहले से साधन संपन्न लोग हैं, जबकी गरीब जरूरतमंद अब भी बेघर हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अभय नारायण पांडेय में दास्तावेज़ों के आधार पर ये आरोप लगाये हैं, और उनका कहना है की इस योजना को भी रसूखदारो ने नही बक्सा है। शासकीय कर्मचारी अपने परिवार के नाम से पीएम आवास का लाभ ले रहा है जिसका पहले से ही दो मंजिला मकान बना हुआ है, वहीं कुछ जगहों पर तो एक ही रकबे की जमीन पर कई अलग अलग लोगो के नाम से आवास स्वीकृत हो गये हैं।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है की पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने वालों में आर एस एस और भाजपा के लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपने रसूख के दम पर पी एम आवास स्वीकृत करा रखा है, जबकी संभाग में ही उनके कई मकान हैं।

वहीं इस संबंध में नगर निगम आयुक्त मनोज सिंह का मानना है की पूर्व में आई गाइडलाइंस की जानकारी ना होने की वजह से ऐसी गलतियां हुई हैं, लेकिन जब बाद में नियम बदले तब से ऐसा नही हो रहा है, लेकिन उन्होंने माना की 303 प्रकरण ऐसे हैं, जिमसें पैसे की रिकवरी भी की जायेगी, रिकवर की जाने वाली राशि का कोई फिक्स आंकड़ा तो अभी निर्धारित नही हो सका है लेकिन पीएम आवास की पहली किस्त 50 हजार का गुणा अगर 303 प्रकरणों से करेंगे तो करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की वसूली की जानी हैं।

बहरहाल पीएम आवास के तहत बना नरेंद्र नगर हो फिर चाहे शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना सभी खटाई में पड़ी हैं, कहीं अव्यवस्था का आलम है तो कहीं भ्रष्टाचार, लेकिन पीएम मोदी इन बातों से अंजान हैं।

बाइट01_अभय नारायण पाण्डेय (आरटीआई कार्यकर्ता)

बाइट02_मनोज सिंह (आयुक्त नगर निगम)

देश दीपक गुप्ता सरगुजा


Body:सरगुजा : पीएम मोदी हर इंसान को छत देने का दावा करते हैं, अपने कार्यकाल में शुरू की गई पीएम आवास योजना के जादुई आंकड़े बताते हैं, लेकिन इन आंकड़ों की जमीनी हकीकत कुछ और है, योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। नगर निगम अम्बिकापुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, आरटीआई से मिले दस्तावेजो के आधार पर यह खुलासा हुआ है। आरटीआई में जिन लोगो के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, उनमे से अधिकतर पहले से साधन संपन्न लोग हैं, जबकी गरीब जरूरतमंद अब भी बेघर हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अभय नारायण पांडेय में दास्तावेज़ों के आधार पर ये आरोप लगाये हैं, और उनका कहना है की इस योजना को भी रसूखदारो ने नही बक्सा है। शासकीय कर्मचारी अपने परिवार के नाम से पीएम आवास का लाभ ले रहा है जिसका पहले से ही दो मंजिला मकान बना हुआ है, वहीं कुछ जगहों पर तो एक ही रकबे की जमीन पर कई अलग अलग लोगो के नाम से आवास स्वीकृत हो गये हैं।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है की पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने वालों में आर एस एस और भाजपा के लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपने रसूख के दम पर पी एम आवास स्वीकृत करा रखा है, जबकी संभाग में ही उनके कई मकान हैं।

वहीं इस संबंध में नगर निगम आयुक्त मनोज सिंह का मानना है की पूर्व में आई गाइडलाइंस की जानकारी ना होने की वजह से ऐसी गलतियां हुई हैं, लेकिन जब बाद में नियम बदले तब से ऐसा नही हो रहा है, लेकिन उन्होंने माना की 303 प्रकरण ऐसे हैं, जिमसें पैसे की रिकवरी भी की जायेगी, रिकवर की जाने वाली राशि का कोई फिक्स आंकड़ा तो अभी निर्धारित नही हो सका है लेकिन पीएम आवास की पहली किस्त 50 हजार का गुणा अगर 303 प्रकरणों से करेंगे तो करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की वसूली की जानी हैं।

बहरहाल पीएम आवास के तहत बना नरेंद्र नगर हो फिर चाहे शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना सभी खटाई में पड़ी हैं, कहीं अव्यवस्था का आलम है तो कहीं भ्रष्टाचार, लेकिन पीएम मोदी इन बातों से अंजान हैं।

बाइट01_अभय नारायण पाण्डेय (आरटीआई कार्यकर्ता)

बाइट02_मनोज सिंह (आयुक्त नगर निगम)

देश दीपक गुप्ता सरगुजा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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