सरगुजा : अंबिकापुर शहर में कुत्तों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन नगर निगम द्वारा इनकी बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो आए दिन कुत्तों का शिकार हो रहे हैं.
नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी के लिए 4 बार टेंडर निकाले और टेंडर आए भी, लेकिन किसी कंपनी ने काम शुरू नहीं किया और अब तक मामला अधर में है, हालांकि अंबिकापुर जिले में एंटी रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध हैं, लेकिन बात बेतरतीब कुत्तों की बढ़ती संख्या से निपटने की है.
कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में निगम विफल
नगर निगम महापौर अजय तिर्की मानते हैं कि कुत्तों के काटने के मामले बढ़े हैं, लेकिन वो अब तक इसे नियंत्रित करने में असफल रहे हैं, लेकिन अब वो स्थानीय पशु विभाग की मदद से कुत्तों की नसबंदी के कार्यक्रम चालाएंगे, वहीं एंटी रेबीज की उपलब्धता के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया की दवाईयों की कमी नहीं है. मैनेजमेंट सही करने की जरूरत है क्योंकि पूरे प्रदेश में कहीं आधी मात्रा में दवाईयां हैं तो कहीं हैं ही नहीं, लिहाजा इसे मैनेज करने की आवश्यकता है.
दवाईयों का स्टॉक ऑनलाइन हो
हर जिले में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध रहे, इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री दवाईयों के स्टॉक को ऑनलाइन करने की बात भी कह रहे हैं, ताकि कोई भी ये जानकारी ले सके कि दवाईयों का स्टॉक कहां पर ज्यादा है ताकि उपलब्धता न होने पर वो उक्त जिले से दवाई प्राप्त कर सके.
बहरहाल एंटी रेबीज की उपलब्धता से तो स्वास्थ्य विभाग निपट लेगा, लेकिन देखना ये होगा की शहर में बढ़ती कुत्तों की आबादी से निपटने में नगर निगम कब सफल होगा.