सरगुजा: पिछले कुछ साल से बदहाल सडकों के लिए सुर्खियां बटोरता रहा है. लेकिन जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है. परवाह होती तो शायद उदयपुर के कवलगिरी गांव के लोग परेशान न होते. दरअसल इस गांव के लोगों के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत करीब 2 करोड़ रुपये खर्च कर साढ़े पांच किलोमीटर की सडक बनावाई गई थी, जिसे नेशनल हाईवे बनाने वाली कंपनी ने बर्बाद कर दिया है.
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वहीं दूसरी ओर शिवनगर से अंबिकापुर तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130 को बनाने वाली सड़क निर्माण कंपनी के नुमाईंदे ही इस सड़क के दुश्मन बन गए हैं. क्योंकि नेशनल हाईवे बनाने के किए निर्माण कंपनी ने NH से कंवलगिरी जाने तक जाने वाली प्रधानमंत्री सड़क के पास ही अपना प्लांट लगा लिया है और प्लांट से सड़क और क्रेसर तक चलने वाले भारी ट्रक 2 करोड़ की लागत से बनी इस की सडक का नक्शा बिगाड़ चुके हैं.
ग्रामसभा से नहीं ली अनुमति
सड़क निर्माण कंपनी की ओर से खोले गए प्लांट की वजह से जिले के कंवलगिरी गांव के लोगों की तकलीफ बढ़ गई है. कंपनी की ओर से पंचायती राज के नियमों का भी खुला उल्लंघन किया जा रहा है, सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रेत को ठेकेदार गांव की ही नदी से निकाल रहे हैं और इसके लिए वो रॉयल्टी भी नहीं दे रहे हैं और न ही ग्रामसभा से इसकी अनुमति ली गई.
राजस्व का हो रहा नुकसान
गांव के जनप्रतिनिधि भी इस बात को मानते हैं कि, सडक निर्माण कंपनी के भारी वाहनों की वजह से गांव की सड़क खराब हो रही है. सड़क खराब होने की वजह से रोज हादसे हो रहे हैं और रेत के अवैध उत्खनन से ग्राम पंचायत के राजस्व में भी डाका डाला जा रहा है.
गांववालों ने सिंहदेव से की शिकायत
लंबी मांग के बाद अपने गांव में बनी सडक को उख़डता देख कंवलगिरी गांव के लोग खासे परेशान हैं. इसके साथ ही सड़क निर्माण कंपनी खनिज संपदा का भी तेजी से दोहन कर रही है. ग्रामीणों ने कई बार विरोध भी किया, लेकिन सडक निर्माण कंपनी के ठेकेदार के सामने किसी की नहीं चली, लिहाजा हमने गांवोवालों की इस समस्या को क्षेत्र के विधायक और पंचायत एंव ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव के सामने रखा.
'गांव की सड़क ठेकेदार कैसे कर सकता है बर्बाद'
गांववालों की समस्या सुनने के बाद सिंहदेव ने कहा कि 'सरगुजा आदिवासी इलाका है और यहां किसी भी निर्माण के लिए बाहर से आने वाली कंपनी भोले-भाले आदिवासियों का तरह-तरह से शोषण करती हैं. ये भी ग्रामीणों के शोषण और उनके हक से जुडा मामला है'. उन्होंने कहा कि 'गांव मे बनी 2 करोड़ की सडक को भला एक ठेकेदार कैसे बर्बाद कर सकता है'.
पहले भी मिला है आश्वासन
बहरहाल मंत्री टीएस सिंहदेव ने ठेकेदार पर कार्रवाई की बात कही है. लेकिन ऐसी कार्रवाइयों की बात तो नेता पहले भी करते आए हैं. अब देखना यह होगा कि क्या इस बार ठेका कंपनी पर कार्रवाई होती है या फिर उसकी दबंगई ऐसे ही जारी रहती है.