सरगुजा: छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद सत्ता में वापसी के बाद जिला पंचायत सरगुजा में भी कांग्रेस का वनवास समाप्त हो चुका है. तीन पंचवर्षीय मतलब 15 साल बाद सरगुजा जिला पंचायत में कांग्रेस ने शानदार वापसी की है. 14 जिला पंचायत क्षेत्रों वाली जिला पंचायत में कांग्रेस के पास बहुमत से अधिक 11 सदस्य हैं. भाजपा के पास मात्र 3 ही सदस्य हैं. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के मतदान में भी कोई क्रॉस वोटिंग नहीं हो सकी. दोनों ही राजनीतिक दलों को अपने-अपने मत प्राप्त हुए, जिसमें से अध्यक्ष मधु सिंह और उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता को 11-11 मत मिले. वहीं भाजपा के प्रत्याशी बिमला सिंह और शारदा पैकरा को 3-3 मतों से ही संतोष करना पड़ा.
![Congress captures Surguja district panchayat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-srg-05-jp-win-vbb-7206271_14022020163520_1402f_1581678320_765.jpg)
राकेश गुप्ता बने जिला उपाध्यक्ष
दरअसल, राकेश गुप्ता लगातार ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष रहें हैं, जो पिछली जिला पंचायत में भी विपक्ष के सदस्य के रूप में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है, जिसका फायदा उन्हें मिला, लेकिन राकेश गुप्ता ने जीत के बाद ऐसी बात कह दी, जो एक बार फिर आदित्येश्वर शरण सिंहदेव को जिला पंचायत उपाध्यक्ष की कमान देने की ओर इशारा करती है.
आदित्येश्वर शरण सिंहदेव बनेंगे उपाध्यक्ष !
राकेश गुप्ता ने अपनी जीत राजमाता स्व. देवेन्द्र कुमारी को समर्पित करते हुऐ कहा कि 'आदित्येश्वर शरण सिंहदेव जैसा शिक्षित योग्य नेतृत्व शायद ही प्रदेश में कहीं हो, इसलिए अगर जिला पंचायत के जरिए क्षेत्र के लोगों को उनके अनुभव का लाभ न मिले यह सही नहीं है. लिहाजा वे 31 दिसम्बर 2020 तक ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहेंगे. उनके बाद आदित्येश्वर शरण सिंहदेव को सरगुजा जिला पंचायत उपाध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी.
कब रहा किसका कब्जा ?
पिछली 3 जिला सरकार में पहले और दूसरे में राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम की पत्नी पुष्पा नेताम सरगुजा जिला पंचायत की अध्यक्ष रही हैं. इसके बाद सरगुजा जिला विभाजन होकर बलरामपुर जिले के निर्माण की वजह से उनका क्षेत्र बलरामपुर में शामिल हो गया. इसके बाद पुष्पा नेताम बलरामपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष रही. साथ ही पिछली जिला सरकार में भाजपा की फुलेश्वरी सिंह अध्यक्ष और प्रभात खलको उपाध्यक्ष रहे हैं.