सरगुजा: कोरोना वायरस (COVID 19) से निपटने के लिए सरगुजा जिला प्रशासन अब पूरी तरह से तैयार है. बताया जा रहा है कि वक्त से पहले सारी व्यवस्थाएं यहां दुरूस्त कर ली गई हैं. इसी कड़ी में है अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाया जा रहा COVID 19 अस्पताल. इस अस्पताल में चल रहे निर्माण का जायजा लेने के लिए सोमवार को कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर अचानक ही पहुंच गए और अस्पताल अधीक्षक सहित निर्माण का जिम्मा संभाल रहे नगर निगम आयुक्त को छोटी-बड़ी हिदायतें दीं.
कलेक्टर ने किया मुआयना
कलेक्टर ने काफी देर तक बड़ी ही बारीकी से इस अस्पताल का मुआयना किया. बेड, खिड़कियां, AC, ऑक्सीजन, दवाईयों के स्टॉक सहित वार्ड में टॉयलेट की भी उत्तम व्यवस्था का निरीक्षण खुद किया. कोरोना से निपटने के लिए सोमवार को ही कलेक्टर ने ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदी स्टॉक, रिफलिंग की व्यवस्था, पीपीई किट सहित अन्य संसाधनों के स्टॉक की जानकारी भी दुरुस्त कर ली है. साथ ही कुछ नए वेंटिलेटर की व्यवस्था करने की योजना भी बना रहे हैं.
इस अस्पताल को इस तरह बनाया जा रहा है कि यहां आने जाने वाले मरीज, डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ किसी के संपर्क में नहीं आने पाएं, इसलिए बड़ी ही सावधानी से इस अस्पताल को डिजाइन किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए निर्देश
हालांकि जिले में कोरोना पॉजिटिव केस अब तक मिले नहीं हैं और फिलहाल जिला पूर्ण रूप से सुरक्षित है, लेकिन भविष्य में किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए रघुनाथ जिला चिकित्सालय को कोविड 19 के 100 बिस्तर अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस अस्पताल में इस तरह के मरीजों के उपचार के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
ये अस्पताल अगले तीन से चार दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा. भविष्य में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर जिला अस्पताल को COVID 19 हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि यह (COVID 19) हॉस्पिटल अगले तीन से चार दिनों में तैयार हो जाएगा. इस अस्पताल में शासन के निर्देशों का पालन करते हुए 100 बिस्तर अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है. अस्पताल में मरीजों, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी अलग-अलग दरवाजे हैं. इसके साथ ही कोई भी चिकित्सक य स्वास्थ्यकर्मी एक बार अस्पताल में दाखिल होने के बाद एक सप्ताह तक अंदर ही रहेगा. इसलिए इनके रहने की व्यवस्था भी अस्पताल के अंदर ही की जा रही है.
बता दें कि सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर खुद एक चिकित्सक हैं, लिहाजा उन्होंने बताया कि फिलहाल छत्तीसगढ़ में अगर केसेज को देखें, तो यहां ज्यादा वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि कम ही ऐसे कोरोना पेशेंट होते हैं, जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है.