सरगुजा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को मैनपाट महोत्सव का शुभारंभ किया. सीएम ने स्टॉल्स का निरीक्षण किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि सरगुजा की संस्कृति और सभ्यता प्राचीन है. यहां के गीत, संगीत और करमा नृत्य को हर कोई जानता है. सरगुजा में भोजपुरी के साथ तिब्बती संस्कृति की विविधता मैनपाट में देखने को मिलती है. छत्तीसगढ़ से भगवान राम का इतिहास जुड़ा है. यह उनका ननिहाल रहा है. तो यहां से बौद्ध कालीन इतिहास भी जुड़ा है और उसकी निशानी भी यहां मिलती है.
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि पिछली बार जब सरगुजा आया था तो वर्मी कम्पोस्ट बनाने वाली महिलाओं और कंपनी के बीच एमओयू हुआ था. इस बार मैनपाट की महिलाओं के साथ भोपाल की कंपनी ने एमओयू किया है. मैनपाट की महिलाएं टाउ से वैल्यू एडेड आटा बनाएंगी. इससे इन महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है. मैनपाट में लाल आलू के बाद अब बैगनी आलू की खोज की गई है. जिला प्रशासन बधाई का पात्र है. जिसने लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए गौठान का भरपूर उपयोग किया है.
केंद्र की वक्र दृष्टि छत्तीसगढ़ के किसानों पर
सीएम भूपेश ने कहा कि केंद्र सरकार की वक्र दृष्टि छत्तीसगढ़ के किसानों के पर है. हम राजीव गांधी किसान न्याय योजन के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं, तो केंद्र सरकार कहती है कि यह बोनस है. इसलिए हम आपका चावल नहीं खरीदेंगे. जबकि केंद्र सरकार भी किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को हर महीने 5 सौ रुपये दे रही है. हम राजीव गांधी न्याय योजना के तहत 10 हजार दे रहे हैं. किसान सम्मान निधि भी एक प्रकार से बोनस ही है.
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'सिंघु बॉर्डर जैसे कदम उठाने की स्थिति'
सीएम ने कहा कि चावल लेने को लेकर वे एक मीटिंग केंद्रीय खाद्यमंत्री से कर चुके हैं. दूसरी मीटिंग के लिए समय मांगा गया है. इसके बाद भी बात नहीं बनी तो प्रधानमंत्री से मुलाकात की जाएगी. इसके बावजूद केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का चावल नहीं खरीदती है तो हम जनता और किसानों के साथ सड़क पर आएंगे. जो सिंघु बॉर्डर पर चल रहा है वहीं कदम हमें भी उठाना पड़ेगा.
'केंद्र का रवैया दुर्भाग्यजनक'
सीएम ने कहा कि अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का चावल नहीं खरीदेगी तो अगले साल धान खरीदी करना मुश्किल हो जाएगा. केंद्र सरकार किसानों का विरोध करने में लगी है. छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों का धान उचित मूल्य पर खरीद रही है तो केंद्र सरकार इसपर रोक लगा रही है. जो दुर्भाग्यजनक है. सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल धान है और इस बार हमने पिछले 20 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए 93 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है.
31 मार्च दी जाएगी चौथी किस्त
सीएम ने कहा कि रमन सिंह के राज में कभी भी 10 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान किसानों को नहीं हुआ था. लेकिन इस बार हमने 17 हजार 322 करोड़ का भुगतान किसानों के खाते में किया है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 3 किस्त का भुगतान किया जा चुका है. अब चौथी किस्त 31 मार्च तक किसानों के खाते में पहुंच जाएगी.