सरगुजा: वन परीक्षेत्र उदयपुर के ग्राम उबका पारा में शुक्रवार की सुबह करीब 5 बजे एक निजी खेत में लगे नीलगिरी के प्लांटेशन में कुत्तों के जोर-जोर से भौंकने की आवाज आ रही थी. प्लांटेशन से करीब 50 मीटर की दूरी पर वन विभाग में सुरक्षा श्रमिक विद्या प्रसाद यादव का घर है. कुत्तों की आवाज को सुनकर विद्या प्रसाद प्लांटेशन की तरफ गए. उन्होंने देखा कि कुत्ते जोर-जोर से भूक रहे हैं और एक चीतल को घेरे हुए हैं. चीतल की मौत हो चुकी थी.
विद्या प्रसाद ने कुत्तों को वहां से दूर भगाया और बीट गार्ड गिरीश बहादुर सिंह को मोबाइल के माध्यम से सूचना दी. सूचना मिलने पर उदयपुर से वनपाल जुगेश साहू ,वनरक्षक धनेश्वर पैकरा, नंद कुमार सिंह सहित अन्य लोग घटनास्थल पर पहुंचे. तब तक वहां रहने वाले जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह सहित गांव के अन्य लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी. वन अमले ने ग्रामीणों की मौजूदगी में चीतल को उलट पलट कर देखा, जहां चीतल की मौत हो चुकी थी.
पढ़ें-बिलासपुर : सड़क पर मिला चीतल का शव
पंचनामा तैयार कर चीतल के शव को वन अमले ने अपने कब्जे में ले लिया और ट्रैक्टर के माध्यम से उदयपुर में स्थित नर्सरी में लाया गया. नर्सरी में लाकर पशु चिकित्सक डॉक्टर संतोष कंवर से चीतल के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
चीतल का किया गया दाह संस्कार
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के अनुसार मौत का कारण हार्ट अटैक था. चीतल की उम्र करीब तीन-चार साल और वजन करीब डेढ़ क्विंटल बताया गया. डॉक्टर ने यह भी बताया कि चीतल की उम्र 12 से 15 साल होती है और वजन 2 क्विंटल तक हो सकता है. पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के एसडीओ एसएन मिश्रा, रेंजर सपना मुखर्जी सहित नर्सरी में उपस्थित अन्य लोगों के द्वारा चीतल का दाह संस्कार किया गया.