सरगुजा: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू में पावर कट से बवाल मच गया. अस्पताल के SNCU में 2 बच्चों की मौत की सूचना है. बिजली गुल होने के बाद बैटरी बैकअप में दिक्कत आने से वेंटिलेटर बंद होने से हादसा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि 2 नवजात बच्चों की मौत पावर कट की वजह से हुई है. जबकि 24 घंटे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अन्य कारणों से भी 2 बच्चों की मौत हुई है. यानी अस्पताल में 4 बच्चों की मौत हुई है.
कलेक्टर ने बिजली गुल होने से मौत को किया इंकार: इस मामले में कलेक्टर सरगुजा कुंदन कुमार प्रशासनिक अमले के साथ अस्पताल पहुंचे और डीन समेत तमाम स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली है. बैठक के बाद कलेक्टर ने इस बात से इनकार किया है कि पावर कट होने की वजह से बच्चों की मौत हुई है. कलेक्टर ने विभाग प्रमुख और टेक्निकल स्टाफों के बयान के आधार पर यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि "ये सच है कि 4 बच्चों की मौत आज हुई है. इनमें से 2 बच्चे एसएनसीयू में थे. अभी भी 6 में से 4 बच्चे एसएनसीयू में हैं. अलग अलग कारणों से बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. आज एमसीएच में 48 बच्चे एडमिट थे जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है और 2 की हालत गंभीर बनी हुई है."
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में देर रात बिजली गुल होने व दो बच्चों की मौत की खबर पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अधिकारियों पर भड़के हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव आर प्रसन्ना को जांच के निर्देश दिए हैं. मंत्री सिंहदेव ने कहा "सीएम से चॉपर का आग्रह किया है, चॉपर नहीं मिला तो सड़क मार्ग से तत्काल अंबिकापुर निकलूंगा."
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि '' 4 बच्चों की मौत की जानकारी सुबह साढ़े दस बजे मिली है. विभागीय प्रमुख अधिकारी हेल्थ सेकेट्री को मैंने फोन कर तत्काल एक जांच टीम गठित कर अस्पताल भेजने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री से चर्चा कर उनको घटना की जानकारी दी है. उन्होंने मुझे हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराया है. कहां कमिया आईं, किन कारणों से ये स्थिति बनी, उनकी समीक्षा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''
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अंबिकापुर के अस्पताल के SNCU यानी स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में सभी बच्चे भर्ती थे. इस बीच रविवार रात को यहां बिजली गुल हुई. अगले दिन सुबह पता चला है कि 4 बच्चों की जान चले गई है. बच्चों के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि ''अस्पताल की लापरवाही के कारण जान गई है.''
एक परिजन ने बताया कि ''रात को करीब तीन बजे लाइट कट गई. बच्चे की सुबह मौत हो गई. रात में जब लाइट कटी को कोई नर्स नहीं थी. बस एक दो लोग ही थे. उन लोगों ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. जिससे बच्चे की डेथ हो गई. मेरी जानकारी में तीन-चार बच्चों की मौत हुई है.''