सरगुजा: प्रदेश में हाथियों की लगातार हो रही मौत पर शासन-प्रशासन अब गंभीर नजर आ रहा है. अब तक प्रदेश में हो चुकी तीन हाथियों की मौत को लेकर वन विभाग के अधिकारियों की केंद्रीय वन पर्यावरण मंडल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई. केंद्रीय वन पर्यावरण मंडल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हाथियों की मौत के कारण को लेकर चर्चा की गई. जिसमें अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक अरुण पांडेय ने बताया कि तीन हाथियों में से 2 हाथियों की प्वॉइजनिंग से मौत की आशंका जताई जा रही है.
मादा हाथियों की मौत के मामले में जांच अभी जारी है. अगर कोई लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में अब हाथियों की निगरानी के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है. प्रदेश में पहुंचे 16 हाथियों के दल में से 3 हाथियों की मौत के बाद ड्रोन में अब सिर्फ 10 ही हाथी दिख रहे हैं.
'न मॉनिटरिंग है, न सही तरीके से काम, हथिनियों की मौत का पता नहीं लगाया तो और मुश्किल होगी'
केंद्र के सामने रखी अन्य मांग
प्रदेश में वेटनरी डॉक्टरों की कमी है. साथ ही पशु चिकित्सालयों में संसाधनों की भी कमी है. जिसे लेकर केंद्र सरकार से हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रेग्युलर वेटनरी डॉक्टरों की भी मांग की गई. इसके साथ ही स्टाफ की कमी और संसाधनों की कमी के बारे में भी केंद्र सरकार को अवगत कराया गया.
लगातार तीन मौत
बता दें कि प्रदेश में अब तक तीन हाथियों की मौत हो चुकी है. जिसमें बलरामपुर जिले में सबसे पहले एक हथिनी की मौत हुई थी. इसके बाद दो और हाथियों के मौत की खबर आई. प्रदेश में लगातार तीन हाथियों की मौत से वन अमले में हड़कंप मच गया. इस मामले को शासन-प्रशासन दोनों ही गंभीरता से ले रहे हैं. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी शुक्रवार को हाथियों की मौत की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है और टीम को एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.