सरगुजा: खूबचंद बघेल योजना (Khoobchand Baghel Yojna) और आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojna) के तहत प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. ताजा मामला सरगुजा के एक निजी अस्पताल का है. अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे एक मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आयुष्मान कार्ड से पैसे काटने के बाद भी इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं मरीज को अचानक अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इस मामले में निजी अस्पताल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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जानिये क्या है मामला ?
सूरजपुर के दसरथ साहू अपने पिता का इलाज सूरजपुर अस्पताल में करा रहे थे. स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज (Medical College Ambikapur) रेफर कर दिया. जिसके बाद दसरथ साहू ने अपने पिता को सरगुजा के जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया.अस्पताल में दो दिन बीतने के बाद मरीज के परिजनों को 80 हजार का बिल थमा दिया गया. इतने बड़े रकम की एक साथ व्यवस्था करने के लिए मरीज के परिजनों ने वक्त मांगा. लेकिन एक दिन बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को एक लाख का बिल थमा दिया. ऐसे में दो-तीन दिन बीत गये. आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट नहीं आने से मरीज का आयुष्मान कार्ड चालू नहीं हो पाया था. जबतक जांच रिपोर्ट आई, तबतक अस्पताल प्रबंधन ने 51 हजार रुपये नगद ले लिये. आयुष्मान कार्ड शुरू होने के बाद 56 हजार रुपये आयुष्मान कार्ड से काट लिये. परिजनों के पास पैसे खत्म हो गये, तब प्रबंधन ने मरीज को अस्पताल से निकालकर दूसरी जगह ले जाने की बात परिजनों को कही. मरीज के परिजनों ने, जब मना किया तो अस्पताल प्रबंधन ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और मरीज को बाहर निकाल दिया. इसके बाद 15 अप्रैल को परिजनों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 15 अप्रैल की देर रात इपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई.
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जांच के बाद होगी कार्रवाईः सीएमएचओ
इस पूरे मामले में जिले के स्वास्थ्य अधिकारी पीएस सिसोदिया (CMHO PS Sisodia) ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया. वहीं कलेक्टर संजीव कुमार झा (Collector Sanjeev Kumar Jha) ने भी मामले में संज्ञान लेते हुये गलती पाये जाने पर करवाई के बात कही है.