सरगुजा: रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह विवादित बयान देकर चौतरफा फंसते हुए नजर आ रहे हैं. जहां एक ओर अपने ही वरिष्ठ मंत्री के खिलाफ बयानबाजी कर वो सरगुजा कांग्रेस में अपनी साख गंवाने की कगार पर है तो वही दूसरी ओर उन्होंने पत्रकारों और आदिवासियों पर विवादित बयान देकर अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं.
विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा पत्रकारों को अंगूठा छाप, आदिवासी वाली टिप्पणी पर अब आदिवासी समाज सहित विपक्ष ने भी बृहस्पति सिंह पर चौतरफा हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम सहित आदिवासी समाज ने इस बयान की कड़ी निंदा की है.
सरगुजा के सम्पूर्ण आदिवासी समाज को विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा अंगूठा छाप, आदिवासी कहे जाने की भाजपा जनजाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम ने कड़े शब्दों में निंदा की है. संसाद नेताम ने कहा कि जिस आदिवासी समाज के रहमो-करम से विधायक जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन है, उन्हें ही लताड़ना मानसिक दिवालियापन का स्पष्ट उदाहरण प्रदर्शित करता है.
मुझे नहीं लगता कि कोई सच्चा आदिवासी उनके इस कथन से आक्रोशित नहीं होगा. स्वयं आदिवासी होकर सम्पूर्ण आदिवासी समाज के प्रति ऐसी दुर्भावना रखते हैं. इससे विधायक के खिलाफ निंदा के शब्द भी शायद कम पड़ जाएंगे. विधायक बृहस्पति सिंह के ऐसे घिनौने कृत्य से सम्पूर्ण आदिवासी समाज को चिंतन करना होगा ताकि कोई भी व्यक्ति आदिवासी समाज से ऊपर उठकर इस प्रकार का दुस्साहस दुबारा न कर सके.
पत्रकारों को 'अनपढ़' बोलने पर बृहस्पति सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन
पत्रकारों को भी अपनी दिमागी हालत ठीक किए जाने के विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा दिए गए नसीहत पर भी सांसद नेताम ने तीव्र शब्दों में भर्तसना की है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम था कि मेरे द्वारा विधायक को मानहानि की चेतावनी दिये जाने के बाद से उनका मानसिक संतुलन वास्तव में और बिगड़ जाएगा.
विधायक का बयान आदिवासी अस्मिता पर कुठाराघात
केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा सरगुजा के आदिवासियों को अंगूठा छाप संबोधित करने पर आपत्ति जताई है. इसकी निंदा करते हुए इसे आदिवासी गौरव और अस्मिता पर कुठाराघात बताया है. उन्होंने कहा कि सरगुजा अंचल के आदिवासियों को विवेकहीन घोषित कर क्षेत्र की जनता के बौद्धिक और नैतिक स्तर पर की गई अनर्गल टिप्पणी से आदिवासी समाज में क्षोभ और भारी आक्रोश हैं.
प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासी समुदाय की संस्कृति को एक नई पहचान और ऊंचाई देने के बजाए अपने विधायक से अपमान करा रही है. सांस्कृतिक अस्मिता, जल, जंगल, जमीन पर अधिकार समेत तमाम सपने बस्तर से सरगुजा तक निरन्तर टूट रहे हैं. रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने सरगुजा के आदिवासियों को अंगूठा छाप निरूपित करते हुए स्वयं को श्रेष्ठता बोध और दम्भ से लबरेज के रूप में प्रस्तुत किया है.
सर्व आदिवासी समाज ने इस बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगने तक विधायक के बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है. सांसद रेणुका सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों की तिकड़मी राजनीति से ही प्रदेश आंतरिक सामाजिक विभाजनों के मुहाने पर खड़ा है. समाज से अपमानजनक व्यवहार करने वाले इनकी प्रत्येक गतिविधि निजी हित और स्वार्थ से प्रेरित है. प्रतिफल बयान बदलने में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. सस्ती लोकप्रियता पाने विधायक के अनर्गल प्रलाप से समाज में अविश्वास और तनाव का वातावरण घना होने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है.
शांत राजनैतिक फिजा में जहर घोलने का कर रहे काम
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा दिए बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बृहस्पति सिंह ने जिस तरह के बयान दिये हैं ये सब आपराधिक श्रेणी के बयान में आते हैं. सरगुजा के आदिवासी एवं आम जनता को अंगुठा छाप कहकर इन्होंने आदिवासी भाईयों व मतदाताओं का घोर अपमान किया है.
उन्होंने कहा कि जितने घंटे बृहस्पति सिंह की विधानसभा में उपस्थिति होगी. उससे कहीं ज्यादा घंटे तो रामविचार नेताम विधानसभा राज्यसभा में बोल चुके हैं. नेताम ने सरगुजा की प्रगति और विकास में जो भूमिका निभाई है. उस अनुभव को उनके सानिध्य में बृहस्पति सिंह को बैठकर ग्रहण करना चाहिए. उनके विरुद्ध बृहस्पति सिंह का बयान ना केवल घटिया बल्कि आपराधिक भी है. बृहस्पति सिंह को यदि बयानबाजी का शौक पूरा करना है, तो वो कांग्रेस के अपने नेताओं के बारे में बोलें. बृहस्पति सिंह अगर सरगुजा की जनता, पत्रकार और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बिना सिर पैर की अभद्र टिप्पणी करेंगे. छत्तीसगढ़ की शांत राजनैतिक फिजा में जहर घोलने का काम करेंगे तो उन्हें सीधा जवाब दिया जायेगा.