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ETV BHARAT IMPACT: गबन मामले में सहयोग नहीं करने पर चांदो सहकारी समिति का संचालक मंडल भंग - चांदो समिति में भूमिहीन ग्रामीणों के नाम फर्जीवाड़ा

ETV BHARAT IMPACT: सरगुजा में चांदो समिति में भूमिहीन ग्रामीणों के नाम पर कूटरचित केसीसी दस्तावेज तैयार कर हेराफेरी करने का मामले सामने आया है. इस स्कैम में कई कर्मचारी चपेटे में आए है. प्रशासन की जांच के बाद अब चांदो सहकारी समिति के संचालक मंडल को भी भंग कर दिया गया है. आगे भी जांच जारी है.

Fraud in the name of landless villagers
भूमिहीन ग्रामीणों के नाम पर फर्जीवाड़ा
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Published : Mar 16, 2022, 8:18 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: चांदो समिति में भूमिहीन ग्रामीणों के नाम पर कूटरचित केसीसी दस्तावेज तैयार कर हेराफेरी करने और समिति के ही उपकरणों के नाम फर्जी बिल आहरित करने के मामले में कार्रवाई जारी है. ETV भारत की खबर के बाद प्रशासन की जांच के बाद अब चांदो सहकारी समिति के संचालक मंडल को भी भंग कर दिया गया है. संचालक मंडल के सदस्यों ने इस पूरी गड़बड़ी के दौरान अपनी आंखें बंद रखी. मामला प्रकाश में आने के बाद भी उन्होंने अपनी ओर से कार्रवाई के लिए पहल नहीं की. जिसके बाद उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने यह आदेश जारी किया है.

यह भी पढ़ें: ETV भारत की खबर का असर : सरगुजा में फर्जी कृषि ऋण मामले में कार्रवाई


बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी
दरअसल लखनपुर क्षेत्र के चांदो आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में पदस्थ तत्कालीन शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार तिवारी, समिति प्रबंधक सुमित वर्मा, सहायक लिपिक संजय राम, तत्कालीन कैशियर द्वारा क्षेत्र के भूमिहीन किसानों के नाम कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर केसीसी ऋण निकाल लिया था. अधिकारियों ने ग्रामीणों के भोलेपन का फायदा उठाकर एक-एक ग्रामीण के नाम पर लाखों रुपए निकाले थे. यह गबन की राशि करोड़ों में पहुंच गई थी. इस मामले का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों और किसानों को ऋण पटाने की चिंता सता रही थी. जबकि पूर्व शाखा प्रबंधक व समिति प्रबंधक द्वारा ट्रैक्टर, उपकरणों, बीज के नाम पर भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी.


कई कर्मचारियों पर हेराफेरी का आरोप
इस दौरान ETV भारत चांदो समिति पहुंचा और किए गए इस भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए ग्रामीणों की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद कलेक्टर संजीव कुमार झा ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम ने जांच में पाया था कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार तिवारी, समिति प्रबंधक सुमित वर्मा, सहायक लिपिक संजय राम व कैशियर पर कैशियर का हेराफेरी का आरोप लगाया. वर्ष 2019 से 21 के बीच आठ भूमिहीन ग्रामीणों के नाम पर कूटरचित दस्तावेज से केसीसी ऋण 23 लाख 79 हजार 763 रुपए, संस्था के ट्रैक्टर की ट्रॉली के नाम पर 7 लाख 75 हजार 475 रुपए, लैपटॉप के नाम पर 51 हजार रुपए सहित कुल 31 लाख 90 हजार 238 रुपए की हेराफेरी कर आहरित कर लिया था.

वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए उप पंजीयक सहकारी संस्था गबन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया गया था. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित चांदो के वर्तमान संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है. समिति के संचालन के लिए वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है. इस सम्बंध में उप पंजीयक सहकारी संस्था सरगुजा द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है.


आदेश में क्या ?
चांदो समिति में हुई अनियमितता के संबंध में 4 सदस्यीय जांच दल गठित संचालक मंडल के सदस्यों को कारण बताओ सूचना जारी कर सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई थी. कारण बताओ सूचना का लिखित जवाब 8 सदस्यों के द्वारा दिया गया जबकि 3 सदस्यों ने ना ही जवाब दिया और ना ही सुनवाई में उपस्थित हुए. संचालक मंडल के सदस्यों द्वारा संस्था को हुई आर्थिक क्षति राशि 23 लाख 79 हजार 763 रुपए दोषियों से वसूली की कार्रवाई नहीं किया गया. ना ही संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर एफआईआर दर्ज कराई गई. उनकी घोर लापरवाही को दर्शाता है. उक्त कारणों से उप पंजीयक सहकारी संस्थायें द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (1) में दिए गए प्रावधान के अनुसार चांदो समिति के बोर्ड को भंग करने की कार्रवाई की गई है.

सरगुजा: चांदो समिति में भूमिहीन ग्रामीणों के नाम पर कूटरचित केसीसी दस्तावेज तैयार कर हेराफेरी करने और समिति के ही उपकरणों के नाम फर्जी बिल आहरित करने के मामले में कार्रवाई जारी है. ETV भारत की खबर के बाद प्रशासन की जांच के बाद अब चांदो सहकारी समिति के संचालक मंडल को भी भंग कर दिया गया है. संचालक मंडल के सदस्यों ने इस पूरी गड़बड़ी के दौरान अपनी आंखें बंद रखी. मामला प्रकाश में आने के बाद भी उन्होंने अपनी ओर से कार्रवाई के लिए पहल नहीं की. जिसके बाद उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने यह आदेश जारी किया है.

यह भी पढ़ें: ETV भारत की खबर का असर : सरगुजा में फर्जी कृषि ऋण मामले में कार्रवाई


बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी
दरअसल लखनपुर क्षेत्र के चांदो आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में पदस्थ तत्कालीन शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार तिवारी, समिति प्रबंधक सुमित वर्मा, सहायक लिपिक संजय राम, तत्कालीन कैशियर द्वारा क्षेत्र के भूमिहीन किसानों के नाम कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर केसीसी ऋण निकाल लिया था. अधिकारियों ने ग्रामीणों के भोलेपन का फायदा उठाकर एक-एक ग्रामीण के नाम पर लाखों रुपए निकाले थे. यह गबन की राशि करोड़ों में पहुंच गई थी. इस मामले का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों और किसानों को ऋण पटाने की चिंता सता रही थी. जबकि पूर्व शाखा प्रबंधक व समिति प्रबंधक द्वारा ट्रैक्टर, उपकरणों, बीज के नाम पर भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी.


कई कर्मचारियों पर हेराफेरी का आरोप
इस दौरान ETV भारत चांदो समिति पहुंचा और किए गए इस भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए ग्रामीणों की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद कलेक्टर संजीव कुमार झा ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम ने जांच में पाया था कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार तिवारी, समिति प्रबंधक सुमित वर्मा, सहायक लिपिक संजय राम व कैशियर पर कैशियर का हेराफेरी का आरोप लगाया. वर्ष 2019 से 21 के बीच आठ भूमिहीन ग्रामीणों के नाम पर कूटरचित दस्तावेज से केसीसी ऋण 23 लाख 79 हजार 763 रुपए, संस्था के ट्रैक्टर की ट्रॉली के नाम पर 7 लाख 75 हजार 475 रुपए, लैपटॉप के नाम पर 51 हजार रुपए सहित कुल 31 लाख 90 हजार 238 रुपए की हेराफेरी कर आहरित कर लिया था.

वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए उप पंजीयक सहकारी संस्था गबन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया गया था. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित चांदो के वर्तमान संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है. समिति के संचालन के लिए वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है. इस सम्बंध में उप पंजीयक सहकारी संस्था सरगुजा द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है.


आदेश में क्या ?
चांदो समिति में हुई अनियमितता के संबंध में 4 सदस्यीय जांच दल गठित संचालक मंडल के सदस्यों को कारण बताओ सूचना जारी कर सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई थी. कारण बताओ सूचना का लिखित जवाब 8 सदस्यों के द्वारा दिया गया जबकि 3 सदस्यों ने ना ही जवाब दिया और ना ही सुनवाई में उपस्थित हुए. संचालक मंडल के सदस्यों द्वारा संस्था को हुई आर्थिक क्षति राशि 23 लाख 79 हजार 763 रुपए दोषियों से वसूली की कार्रवाई नहीं किया गया. ना ही संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर एफआईआर दर्ज कराई गई. उनकी घोर लापरवाही को दर्शाता है. उक्त कारणों से उप पंजीयक सहकारी संस्थायें द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (1) में दिए गए प्रावधान के अनुसार चांदो समिति के बोर्ड को भंग करने की कार्रवाई की गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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