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अंबिकापुर: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आदिवासी समाज का भारत बंद, ऐसा रहा असर - opose

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासियों को उनकी भूमि छोड़ने के फैसले पर आदिवासियों ने भारत बंद का आवाहन किया.

अंबिकापुर
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Published : Mar 5, 2019, 5:28 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर: आदिवासी समाज ने मंगलवार को भारत बंद का आवाहन किया. इसका असर जिले के कुछ क्षेत्रों में देखा जा गया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासियों को उनकी भूमि छोड़ने के फैसले पर ये बंद का आवाहन किया गया है.

विडियो

लखनपुर विकासखंड में आदिवासी समाज के भारत बंद का असर देखा गया. इस दौरान आदिवासी समाज के लोगों ने लखनपुर तहसील के सामने धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर भारी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.

केंद्र सरकार के फैसले खिलाफ
गौरतलब है कि आदिवासी समाज केंद्र सरकार के सवर्णों को 10 फिसदी आरक्षण देने के फैसले का विरोध कर रहे हैं. समाज के लोगों का आरोप है कि, 'सवर्णों को आरक्षण देने के लिए 124वां संवैधानिक संसोधन बिल रखा गया.
आदिवासी समाज का कहना है कि, इस बिल को केवल 7 दिनों के अंदर अधिसूचित भी कर दिया गया. इस बिल पर संसद के दोनों सत्रों में न चर्चा की गई और ना ही संसदीय समिति के पास भेजा गया. साथ ही इस मामले में किसी को अपनी बात रखने का भी मौका नहीं दिया गया.

अंबिकापुर: आदिवासी समाज ने मंगलवार को भारत बंद का आवाहन किया. इसका असर जिले के कुछ क्षेत्रों में देखा जा गया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासियों को उनकी भूमि छोड़ने के फैसले पर ये बंद का आवाहन किया गया है.

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लखनपुर विकासखंड में आदिवासी समाज के भारत बंद का असर देखा गया. इस दौरान आदिवासी समाज के लोगों ने लखनपुर तहसील के सामने धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर भारी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.

केंद्र सरकार के फैसले खिलाफ
गौरतलब है कि आदिवासी समाज केंद्र सरकार के सवर्णों को 10 फिसदी आरक्षण देने के फैसले का विरोध कर रहे हैं. समाज के लोगों का आरोप है कि, 'सवर्णों को आरक्षण देने के लिए 124वां संवैधानिक संसोधन बिल रखा गया.
आदिवासी समाज का कहना है कि, इस बिल को केवल 7 दिनों के अंदर अधिसूचित भी कर दिया गया. इस बिल पर संसद के दोनों सत्रों में न चर्चा की गई और ना ही संसदीय समिति के पास भेजा गया. साथ ही इस मामले में किसी को अपनी बात रखने का भी मौका नहीं दिया गया.

Intro:सरगुजा : जिले के लखनपुर विकासखंड में आदिवासी समाज के भारत बंद का असर देखा गया, इस दौरान आदिवासी समाज के लोगो ने संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले, विरोध प्रदर्शन किया, विरोध प्रदर्शन लखनपुर तहसील के सामने किया गया, जहां भारी संख्या में आदिवासी महिला पुरुष उपस्थित रहे और अपनी मांगों के लिए धरना प्रदर्शन किया।

इनका विरोध मुख्य रूप से आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण का है, जिसे लेकर पूरे देश मे एक साथ 31 राज्य 550 जिलो 5000 तहसील औऱ 50 हजार ब्लाक मुख्यालय में प्रदर्शन करने का दावा संघर्ष समिति द्वारा किया गया। लेकिन फिलहाल सरगुजा में बाकी जगहों पर आंदोलन का असर नही देखा गया।

आदिवासी समाज केंद्र की बीजेपी सरकार के फैसले के खिलाफ है, इसका आरोप है की उच्चवर्गीय जाती को आरक्षण देने के लिए 124 वां संवैधानिक संसोधन बिल रखा गया और केवल 7 दिनों के अंदर उसे अधिसूचित भी किया, इस बिल पर संसद के दोनों सत्रों में ना चर्चा की गई और ना ही संसदीय समिति के पास भेजा गया, इसके अलावा इस मामले में किसी को राय रखने का भी मौका नही दिया गया।

बाइट 01 _समरसाय बरवा ( आंदोलनकारी, लाल जैकेट सफेद गमछा गले मे)

नोट इसके विजुअल और बाइट डेस्क के वाट्सअप पे भेजा हूं।


Body:सरगुजा : जिले के लखनपुर विकासखंड में आदिवासी समाज के भारत बंद का असर देखा गया, इस दौरान आदिवासी समाज के लोगो ने संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले, विरोध प्रदर्शन किया, विरोध प्रदर्शन लखनपुर तहसील के सामने किया गया, जहां भारी संख्या में आदिवासी महिला पुरुष उपस्थित रहे और अपनी मांगों के लिए धरना प्रदर्शन किया।

इनका विरोध मुख्य रूप से आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण का है, जिसे लेकर पूरे देश मे एक साथ 31 राज्य 550 जिलो 5000 तहसील औऱ 50 हजार ब्लाक मुख्यालय में प्रदर्शन करने का दावा संघर्ष समिति द्वारा किया गया। लेकिन फिलहाल सरगुजा में बाकी जगहों पर आंदोलन का असर नही देखा गया।

आदिवासी समाज केंद्र की बीजेपी सरकार के फैसले के खिलाफ है, इसका आरोप है की उच्चवर्गीय जाती को आरक्षण देने के लिए 124 वां संवैधानिक संसोधन बिल रखा गया और केवल 7 दिनों के अंदर उसे अधिसूचित भी किया, इस बिल पर संसद के दोनों सत्रों में ना चर्चा की गई और ना ही संसदीय समिति के पास भेजा गया, इसके अलावा इस मामले में किसी को राय रखने का भी मौका नही दिया गया।

बाइट 01 _समरसाय बरवा ( आंदोलनकारी, लाल जैकेट सफेद गमछा गले मे)

नोट इसके विजुअल और बाइट डेस्क के वाट्सअप पे भेजा हूं।


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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